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समाचार और आलेख
नदियों को जोड़ने की खामख्याली
Posted on 16 Nov, 2023 04:59 PMप्रधानमंत्री तथा उनकी इस घोषणा पर मेजें थपथपाने वाले सांसद शायद सोचते हैं कि जब सड़कों का नेटवर्क बन सकता है, तो नदियों का क्यों नहीं? इस सोच में देश के बुनियादी संसाधनों मिट्टियों, नदियों, सागर संगमों, पहाड़ों और जंगलों के प्रति और जलवायु की तमाम विविधताओं के प्रति नासमझी ही झलकती है।
![नदियों को जोड़ने की खामख्याली](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-11/NAdiyo%20ko%20jodana.jpeg?itok=tFI6WnxS)
फ्लोराइड : एक उभरती समस्या
Posted on 16 Nov, 2023 02:53 PMसार -
डेंटल फ्लोरोसिस, जो फीके काले धब्बेदार या चाकलेट-सफेद दांतों की विशेषता है.
![फ्लोराइड : एक उभरती समस्या](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-11/Floride.jpeg?itok=_uq-Xl9b)
जानें जल संरक्षण, संवर्धन व जलवायु परिवर्तन का सम्बन्ध
Posted on 16 Nov, 2023 12:33 PMपूरे विश्व में जल संरक्षण व संवर्धन की मूल समस्या का समाधान तभी हो पायेगा जब हम जल के ह्रास व पेय जल की कमी की समस्या की और विस्तृत व सम्पूर्ण पहलूओं को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाएं क्योंकि स्थानीय स्तर पर जल संरक्षण व संवर्धन उतना ही आवश्यक है जितना जलवायु परिवर्तन व ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण ऋतु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों को हल करने के प्रयास।
![जानें जल संरक्षण, संवर्धन व जलवायु परिवर्तन का सम्बन्ध](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-11/Jalvayu%20parivartn.jpeg?itok=SvAg-_ia)
जलाभाव की त्रासदी
Posted on 16 Nov, 2023 11:29 AMजलाभाव की समस्या मात्र भारत की ही नहीं अपितु विश्व की सबसे जवलंत समस्या है जब 21वीं सदी के प्रारंभ में ही इस समस्या ने इतना विकराल रूप 'धारण कर लिया है तो आगे आने वाले वर्षों में इसका रूप कितना भयानक होगा यह सोचकर भी दिल दहल जाता है। जन जीवन का पर्याय है। जब पृथ्वी पर पीने योग्य जल ही नहीं होगा तो मानव जीवन की कल्पना करना ही व्यथ है।
![जलाभाव की त्रासदी ,Pc-जल चेतना](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-11/Ph-1.png?itok=6DuQqZD0)
जलप्रबंधन का सामाजिक - ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य कोशी क्षेत्र के सन्दर्भ में
Posted on 15 Nov, 2023 01:19 PMवैसे तो कोशी क्षेत्र जल के मामले में हमेशा से आत्मनिर्भर रहा है लेकिन कभी-कभी अत्याधिक आत्मनिर्भरता भी नई त्रासदी को जन्म दे देता है। कोशी क्षेत्र में फैले अकुत जल संपदा का अगर सही प्रबंधन नहीं किया जाता तो आज कोशी वासी पहले की अपेक्षा कोशी की क्रूरता से ज्यादा विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होते। प्राथमिक स्रोत जो कि अधिक प्रामाणिक और महत्वपूर्ण होते हैं के आधार पर 20वीं सदी के उत्तरार्द्ध में
![जलप्रबंधन का सामाजिक - ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य कोशी क्षेत्र के सन्दर्भ में](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-11/Socio-historical%20perspective%20of%20water%20managemen.jpeg?itok=p44zhc2N)
शुद्ध जल के लिए जल संसाधन प्रबंधन की जरूरत (Need for water resources management for pure water)
Posted on 15 Nov, 2023 12:21 PMधरती पर 70% हिस्से में पानी है। जो अधिकतर महासागरों और अन्य बड़े जल निकायों का हिस्सा होता है इसके अतिरिक्त, 1.6% भूमिगत जल एक्वीफर और 0-0.001% जलवाष्प और बादल के रूप में पाया जाता है। खारे जल के महासागरों में पृथ्वी का कुल 97%, हिमनदों और ध्रुवीय बर्फ चोटियों में 2.4% और अन्य स्रोतों जैसे नदियों, झीलों और तालाबों मे 0.6% जल पाया जाता है। पृथ्वी पर जल की एक बहुत छोटी मात्रा, पानी की टंकियों, जै
![शुद्ध जल के लिए जल संसाधन प्रबंधन की जरूरत](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-11/clean%20water%20Mangement.jpeg?itok=oLK2Kq1j)
भूगर्भ जल दोहन : समस्या और समाधान (Ground water exploitation: problem and solution in Hindi)
Posted on 15 Nov, 2023 12:11 PMभारत विश्व में भूगर्भ जल दोहन करने वाले देशों में सबसे अग्रणी है। पृथ्वी के गर्भ से जल खींचने वाले विश्व के समस्त देशों में भारत प्रथम स्थान पर, दूसरे स्थान पर चीन तथा तीसरे स्थान पर अमेरिका है। आश्चर्य और कौतूहल का विषय है कि चीन और अमेरिका दोनों देशों को जितना भूगर्भ जल प्राप्त होता है, उससे भी ज्यादा अकेले भूगर्भ जल का दोहन भारत करता है। देश में भूगर्भ जल से ही स्वच्छ जल की पूर्ति होती है। य
![भूगर्भ जल दोहन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-11/Ground%20water%20exploitation.jpeg?itok=qbi2iZEi)
हाथ धोने की आदत विकसित करने में मददगार हैं ये नवाचार
Posted on 14 Nov, 2023 03:32 PMसाबुन से हाथ धोना कई बीमारियों के खिलाफ सबसे प्रभावी उपचार माना जाता है। जागरूकता के बावजूद, हाथों की उचित स्वच्छता की आदत का अभाव होने के कारण इसका पालन नहीं किया जाता है। दुनिया के कई देशों में पानी की कमी है तो कहीं साबुन की उपलब्धता नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में हर साल 30 हजार महिलाओं और 4 लाख बच्चों को हाइजीन के कारण 1.
![हाथ धोने की आदत विकसित करने में मददगार हैं ये नवाचार](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-11/Hand%20washing%20day%20new%20techniques.jpeg?itok=rAple8_T)
पर्यावरण अध्ययन की पाठ्यपुस्तकें राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के नजरिए से विश्लेषण
Posted on 14 Nov, 2023 02:55 PMभारत में स्कूली शिक्षा कार्यक्रमों के अंतर्गत पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण पद्धतियों को बनाने के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) 2005 दस्तावेज एक खाका प्रदान करता है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के अनुसार, शिक्षा के उद्देश्य हमारे संवैधानिक मूल्यों के आधार पर तय किए गए हैं (एनसीएफ 2005, अध्याय-1, पृ.
![पर्यावरण अध्ययन की पाठ्यपुस्तकें](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-11/Envriomental%20studies%202005%20look%20up.jpeg?itok=01JHQGCp)