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समाचार और आलेख
पर्यावरण प्रदूषण : एक वैश्विक चुनौती
Posted on 03 Jun, 2024 03:58 PMपर्यावरण प्रदूषण एक वैश्विक चुनौती है, क्योंकि पेंटागन की एक रिपोर्ट में 2004 में ही चेतावनी दी गयी थी कि इससे जान-माल दोनों के नुकसान होने की संभावना है। एन्ड्रयू मार्शल द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि वातावरण में अचानक आने वाले परिवर्तनों से पूरे विश्व में अफरा-तफरी मच सकती है। रिपोर्ट के प्रमुख लेखकों डा० रेडाल व पीटर स्क्वार्ट्ज़ ने आगाह किया था कि इन बदलावों पर तत्काल प्रभाव स
![पर्यावरण प्रदूषण : एक वैश्विक चुनौती](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-06/Environmental%20pollution%20a%20global%20challenge.jpg?itok=5mq4sXSH)
स्थान विशेष तथा प्रवाह की दिशा के अनुसार नदियों के जल का गुण
Posted on 02 Jun, 2024 09:08 AMसभी पूर्वाभिमुख बहने वाली नदियां भारी (गुरु) होती हैं और पश्चिमाभिमुख बहने वाली नदियां निश्चय ही हल्की होती हैं। प्रत्येक देश में अपने गुण विशेष से नदियां गौरव (भारीपन) तथा लाघव (हल्कापन) को घारण करती हैं।
![प्रतिकात्मक तस्वीर](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-06/naturl-water-springs_0.jpg?itok=gaJF5Sro)
केन्द्रीय भूमिजल बोर्ड द्वारा अनुमोदित भूमिजल पुनर्भरण करने के तरीके व तकनीकें (भाग 2) | Methods and techniques of ground water recharging approved by Central Ground Water Board
Posted on 01 Jun, 2024 03:36 PMकेन्द्रीय भूमिजल बोर्ड द्वारा अनुमोदित भूमिजल पुनर्भरण करने के तरीके व तकनीकें (भाग 2) में हम आगे की कुछ तकनीकों के बारे में जानेंगे। भूजल संचयन की विधियाँ शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग हो सकती हैं क्योंकि शहरों में मकानों, फर्श, सड़कों आदि की संरचना गांवों से भिन्न होती है। अतः ग्रामीण इलाकों व शहरी इलाकों के लिए वर्षाजल संचयन के लिए केन्द्रीय भूमिजल बोर्ड ने शहरी क्षेत्रों व ग्राम
![मॉडर्न रिचार्ज कुआं](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-06/recharge%20wells.png?itok=Fkv6k2Yn)
वातावरणीय प्रदूषण एवं प्रजनन स्वास्थ्य
Posted on 28 May, 2024 04:10 PMविगत लगभग 50-60 वर्षों से प्रजनन स्वास्थ्य में गिरावट की सूचनाएं विश्व के विभिन्न भागों विशेषकर पश्चिमी तथा औद्योगिक देशों से प्रकाश में आ रही हैं जिसके प्रमुख कारणों में व्यावसायिक तथा वातावरणीय प्रदूषण का भी हाथ हो सकता है। सामान्य नागरिक भी अपनी दिनचर्या के दौरान वातावरण में उपस्थित अनेक प्रदूषकों से लगातार प्रभावित होते रहते हैं, जो वातावरण में मौजूद प्रदूषकों की मात्रा पर निर्भर होता है। व
![Environmental pollution and reproductive health](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-05/Environmental%20pollution%20and%20reproductive%20health.jpg?itok=fKk3HIMi)
बेंगलुरु का गला सूखा, दुबई में बाढ़ : सबक क्या है
Posted on 25 May, 2024 01:11 PMलोकनायक तुलसीदास जी ने अपने महान ग्रंथ 'रामचरितमानस' में लिखा है 'क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा। पंच तत्व मिलि रचा शरीरा।' स्पष्ट है कि बिना जल के शरीर की रचना संभव नहीं है। जब रचना ही संभव नहीं है तो जीवन का तो प्रश्न ही नहीं उठता। इसीलिए जल को जीवन कहा जाता है। जल मनुष्य ही नहीं अपितु समस्त जीव जन्तुओं एवं वनस्पतियों के लिये एक जीवनदायी तत्व है। इस संसार की कल्पना जल के बिना नहीं की जा सकती है
![जलसंकट का दौर](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-05/water-quea-city.jpg?itok=gbb1TF75)
यूसर्क द्वारा विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय 'वॉटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी' कार्यशाला प्रारंभ
Posted on 24 May, 2024 06:34 PMउत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) देहरादून द्वारा दिनांक 24 मई 2024 को स्कूल के विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय "वॉटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी" कार्यशाला प्रारंभ की गयी। कार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रो (डॉ) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि आज समय आ गया है कि हमको अपने परम्परागत जल विज्ञान को समझना होगा। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों का संरक्षण हमारी भविष्य की जरूरतों को पूरा
![यूसर्क में दो दिवसीय "वॉटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी" कार्यशाला](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-05/IMG-20240524-WA0075.jpg?itok=YJr4-W50)
जल जीवन मिशन का सुफल : करोड़ों घरों में नल से स्वच्छ जल
Posted on 24 May, 2024 06:20 AMभारत आज जल क्षेत्र में सर्वाधिक निवेश और व्यापक लक्ष्यों के साथ कार्य करने वाला दुनिया का शीर्ष देश है। इस लिहाज से सबसे अहम है जल जीवन मिशन (जेजेएम) की सफलता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा भी है कि जल जीवन मिशन का विजन लोगों तक पानी पहुंचाने का तो है ही, साथ ही यह विकेंद्रीकरण का भी एक बहुत बड़ा माध्यम है। यह ग्राम-संचालित और नारी शक्ति-संचालित है। इसका मुख्य आधार जन आंदोलन और जन भागीदारी
![जल जीवन मिशन में बड़ी मात्रा में ढांचागत निर्माण हुए हैं](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-05/Jal-jeevan-mission.jpg?itok=yhpitvSk)
तीन जलनायक : शिक्षक एमसी कांडपाल, जगत सिंह जंगली और बृजमोहन शर्मा
Posted on 23 May, 2024 07:53 AM20 मई 2024, देहरादून। पानी को लेकर लगातार संकट गहराता जा रहा है। गर्मियों में उत्तराखंड की राजधानी दून से लेकर राज्य के तमाम शहरों में पीने के पानी के लिए लोगों को जूझना पड़ रहा है। लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं, जिनकी पानी को लेकर मानो नींद ही गायब हो गई है, ये लोग पानी के संरक्षण को लेकर कोई एक नहीं, तीन-तीन दशकों से जुटे हुए हैं। ऐसे लोगों में ही एक है शिक्षक मोहन चंद्र कांडपाल। कानपुर बचपन बीता,
![50 साल पहले उत्तराखंड की नदियां कैसी थीं](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-05/Uttarakhand%20river.jpg?itok=D-aAJ_Nv)
विश्व कछुआ दिवस : चंबलघाटी की पांच नदियों में मिल रहा है दुर्लभ कछुओं को 'जीवनदान'
Posted on 22 May, 2024 11:22 AMभले ही कछुओं की तस्करी हर ओर होती हो लेकिन अर्से तक कुख्यात डाकुओं के आतंक से जूझती रही चंबल घाटी की पांच नदियों में हजारों सालों से प्राकृतिक रूप से दुर्लभ प्रजाति के कछुओं को जीवनदान मिल रहा है।
![राजीव चौहान दुर्लभ प्रजाती के कछुए के साथ](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-05/FB_IMG_1716373847728.jpg?itok=-rz1diN9)
जल में जन भागीदारी जरूरी
Posted on 22 May, 2024 08:07 AMबेंगलुरु का जल संकट न पहला है और न अंतिम। जल विशेषज्ञ वर्षों से चेतावनियां जारी करते रहे हैं कि भारत में एक तरफ जहां प्राकृतिक जल स्रोतों में कमी आ रही है तो दूसरी ओर भू-जल की भी तीव्रता से क्षय हो रहा है। अगर यही हालत रही तो कुछ ही वर्षों में देश के अनेक शहरों में जल की उपलब्धता जरूरत के अनुसार संभव ही नहीं रहेगी। इसलिए जल का संरक्षण करना बहुत आवश्यक है। हम यह कहते नहीं थकते कि जल ही जीवन है,
![जल में जन भागीदारी](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-05/jan-jal.jpg?itok=sqXKc02r)