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उत्तराखंड का स्थायी विकास मुख्य प्रश्न हो
Posted on 18 Apr, 2012 03:44 PM

आज आवश्यकता है ग्राम आधारित विकास के ढांचे की। ना कि उर्जा प्रदेश के पुराने राग को दोहरने की। हम जल विद्युत परिय

अवैध चमड़ा उद्योग से जल एवं वायु जनित रोग
Posted on 16 Apr, 2012 02:46 PM दिल्ली बाईपास पर स्थित गांव शोभापुर के लोगों का बिमारियों के कारण बुरा हाल है। 4300 की आबादी वाले इस गांव के लोग चंद लोगों के कारण नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं। गांव में 20-25 मालिक लोगों के इस व्यवसाय के जुड़े होने के कारण पूरे गांव की आबादी झेल रही है। वर्तमान में इस व्यवसाय में 150-200 मजदूर भी संलग्न है। भारत उदय एजूकेशन सोसाइटी के निदेशक संजीव क
अवैध चमड़ा उद्योग से नारकीय होता जीवन
इटावा में बिजली के तारों से खतरे में सारस
Posted on 14 Apr, 2012 01:31 PM इटावा, 12 अप्रैल। इटावा में सारस पक्षियों पर संकट मंडरा रहा है। यहां खासी संख्या में पाए जाने वाले सारस पर बिजली के तारों से खतरा है। ग्रामीण क्षेत्रों में लगी विद्युत लाइन इनके लिए काल बन गई है। करीब तीन महीने के दौरान एक दर्जन से अधिक सारसों की मौत हो चुकी है। जिससे ग्रामीण चिंतित है। करंट लगने से दो सारस की मौत हो जाने के बाद वन विभाग ने उनका पोस्टमार्टम कराया। सारस की मौत की घटनाएं इटावा जिले
इटावा जिले में सारस पक्षी के विलुप्त होने का संकट
लोक कल्याण के लिए निकल पड़े स्वामी सानंद
Posted on 12 Apr, 2012 04:47 PM

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से आशीर्वाद लेने के बाद अपराह्न चार बजे स्वामी सानंद (प्रो.

इस धरा पर हर जगह गंगा बचानी है हमें
Posted on 11 Apr, 2012 05:11 PM

नदियों के संरक्षण व विकास पर विशेषज्ञों ने किया मंथन

जल दोहन रोकने के लिए सख्त कानून की जरूरतः मनमोहन
Posted on 11 Apr, 2012 10:15 AM नई दिल्ली, 10 अप्रैल। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में आबादी की तुलना में पहले से ही कम पानी की उपलब्धता के और कम होते जाने पर चिंता जताते हुए कहा है कि अपने स्वामित्व वाली भूमि मनचाहा पानी निकालने की छूट नहीं होनी चाहिए। उन्होंने भूजल निकालने की छूट को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाए जाने की जरूरत पर जोर दिया है। राजधानी में ‘भारत जल सप्ताह’ का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया क
भारतीय जल सप्ताह के उद्घाटन समारोह के मौके पर मंगलवार को दीप प्रज्जवलित करते प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
‘जोड़ने’ में न टूटें लक्ष्मण रेखाएं
Posted on 09 Apr, 2012 06:04 PM

हिमालय का नक्शा ऊपर से देखें तो गंगा और यमुना का उद्गम बिल्कुल पास-पास दिखाई देगा लेकिन यह पर्वत का भूगोल ही है कि दोनों नदियों को प्रकृति ने अलग-अलग घाटियों में बहाया और फिर बहुत धीरज के साथ पर्वत को काट-काटकर प्रयाग तक पहुंच कर इनको मिलाया। न्याय देने वाला पक्ष-विपक्ष की लंबी-लंबी दलीलें सुनता है और तब वह नीर, क्षीर, विवेक के अनुसार फैसला सुनाता है। दूध का दूध और पानी का पानी। लेकिन नदी जोड़ो प्रसंग में अदालत ने दोनों बार दूध भुला दिया और पानी को पानी से जोड़ने का आदेश दे दिया है।

लगता है लक्ष्मण रेखाएं तोड़ने का यह स्वर्ण-युग आ गया है। जिसे देखो वह अपनी मर्यादाएं तोड़कर न जाने क्या-क्या जोड़ना चाहता है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने नदी जोड़ने के लिए सरकार को आदेश दिया है। एक समिति बनाने को कहा है और उसकी संस्तुतियां भी एक निश्चित अवधि में सरकार के दरवाजे पर डालने के लिए कहा है और शायद यह भी कि सरकार संस्तुतियां पाते ही तुरंत सब काम छोड़कर देश की नदियां जोड़ने में लग जाए! यह दूसरी बार हुआ है। इससे पहले एनडीए के समय में बड़ी अदालत ने अटलजी की सरकार को कुछ ऐसा ही आदेश दिया था, तब विपक्ष में बैठी सोनिया जी और पूरी कांग्रेस उनके साथ थी। एनडीए के भीतरी ढांचे में आज की तरह किसी भी घटक ने इसका कोई विरोध नहीं किया था। सबसे ऊपर बैठे राष्ट्रपति भी इस योजना को कमाल का मानते थे।
river
सूखने लगी हैं बिहार की नदियां
Posted on 06 Apr, 2012 10:53 AM बिहार की नदियां सूखने लगी हैं। खास तौर पर गंगा में पानी की कमी चिंता का विषय है। गंगोता यानी गंगा किनारे के निवासी होने के कारण हमारा दायित्व है कि गंगा को बचाएं। वर्षाजल का संचय करें। गंगा को प्रदूषण से बचाएं। ये बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटना विश्वविद्यालय के प्राध्यापक संजय पासवान ने पटना के एक होटल में आईआईटी दिल्ली और एनआईटी पटना द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यशाला में कही। राष्ट्रीय
बिहार में सिमटती गंगा
क्यों बढ़ रहा है जल-संकट
Posted on 05 Apr, 2012 06:22 PM

कुछ समय पहले तक गांव में कच्चे घर होते थे। घर के आगे पीछे काफी जगह होती थी। खेती-किसानी के काम में घरों में ज्या

Dokri kheda dam
ग्लोबल ग्रीन्स द्वारा सरस्वती घाट पर मनाई गई ‘यमुना जयंती’
Posted on 05 Apr, 2012 03:11 PM देश भर की पवित्र नदियों के संरक्षण के लिए प्रयासरत “ग्लोबल ग्रीन्स” ने अपनी सहयोगी संस्थाओं के सहयोग एवं त्रिवेणी आरती के प्रमुख पुजारी एस.के.
ग्लोबल ग्रीन्स द्वारा आयोजित यमुना जयंती में उपस्थित लोग
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