उत्तरकाशी जिला

Term Path Alias

/regions/uttarkashi-district

उत्तरकाशी की लोहारीनाग पाला जलविद्युत परियोजना रद्द
प्रोफेसर जीडी अग्रवाल (स्वामी सानंद) के गंगा आंदोलन का उद्देश्य गंगा नदी को बांधने से बचाना और उसकी अविरल प्रवाह सुनिश्चित करना था। इस आंदोलन को संतों, विभिन्न सामाजिक संगठनों और पर्यावरणविदों ने लंबे समय से नदी की रक्षा के लिए शुरू किया था। इसी तरह, पर्यावरणविद प्रोफेसर जी.डी. अग्रवाल ने हरिद्वार के मातृ सदन में भागीरथी नदी पर बन रही लोहारीनाग पाला जलविद्युत परियोजना के विरोध में अनशन किया था। इस आंदोलन को ऐतिहासिक सफलता मिली, जब केंद्र सरकार ने गोमुख से 50 किलोमीटर दूर लोहारीनाग पाला जलविद्युत परियोजना को रद्द करने का फैसला लिया था। Posted on 03 Nov, 2023 12:47 PM

(गंगा के संदर्भ में जून, 2008 में कानपुर आईआईटी के पूर्व प्रोफेसर गरूदास अग्रवाल ने उत्तरकाशी और दिल्ली में आमरण अनशन किया था। उनके आंदोलन के चलते उत्तराखण्ड सरकार ने जून, 2008 में मनेरी भाली द्वितीय चरण एवं पाला मनेरी परियोजना को निलंबित करने के आदेश जारी किए। जनवरी, 2009 में प्रोफेसर अग्रवाल ने दुबारा अनशन पर बैठने व हिंदू संतों व संगठनों के आंदोलित हो जाने के कारण केंद्र सरकार ने लोहारीनाग प

उत्तरकाशी की लोहारीनाग पाला जलविद्युत परियोजना रद्द,PC-Wikipedia
क्या यमुनोत्री में केदारनाथ जैसी बाढ़ सम्भव है
केदारनाथ एवं यमुनोत्री में अतिवृष्टि की अनेक घटनाएं भारी वर्षापात के रूप में हो चुकी हैं 18-19 अगस्त 1998 को केदार घाटी में मन्दाकिनी नदी की सहायक नदियों जैसे मद्यमहेश्वर तथा कालीगंगा में हुई भारी वर्षा से सक्रिय हुए भूस्खलनों में 100 से अधिक जानें गई थीं Posted on 05 Jul, 2023 04:13 PM

विगत दशकों में वर्षा ऋतु में दोनों क्षेत्रों केदारनाथ एवं यमुनोत्री में अतिवृष्टि की अनेक घटनाएं भारी वर्षापात के रूप में हो चुकी हैं। 18-19 अगस्त 1998 को केदार घाटी में मन्दाकिनी नदी की सहायक नदियों जैसे मद्यमहेश्वर तथा कालीगंगा में हुई भारी वर्षा से सक्रिय हुए भस्खलनों में 100 से अधिक जानें गई थीं तथा 16 जुलाई, 2001 के भारी वर्षापात से मन्दाकिनी घाटी में गौरीकुण्ड से लगभग 15 किमी डाउनस्ट्रीम

क्या यमुनोत्री में केदारनाथ जैसी बाढ़ सम्भव है,फोटो क्रेडिट-IWP Flicker
गंगा किनारे डंप हो रहा कूड़ा, पालिका फंसी
Posted on 16 Mar, 2020 11:35 AM

गंगा नदी के किनारे कचरा डंप करने के मामले में उत्तरकाशी (बाड़ाहाट) पालिका फिर विवाद में है। नमामि गंगे डीजी ने भी मामले के लेकर खासी नाराजगी जताते हुए सरकार से शिकायत की है। डीएम ने जांच कमेटी का गठन कर पालिका के ईओ पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया है।

गंगा किनारे डंप हो रहा कूड़ा
ऑल वेदर रोड की चपेट में प्राकृतिक जल श्रोत
Posted on 18 May, 2019 02:09 PM

अगस्त्यमुनि। ऑल वेदर रोड का कार्य कर रही एजेंसी की कार्यप्रणाली से स्थानीय नागरिक दुःखी होने लगे हैं। एक ओर तो विस्तारीकरण से उड़ रही धूल से व्यापारी, यात्री और रहवासी परेशानी झेल रहे हैं। वहीं विस्तारीकरण के कार्य से प्राकृतिक जल श्रोत या तो बंद हो गए हैं या बंदी के कगार पर हैं। सड़क किनारे बने आबादीनुमा केंद्र और अन्य सरकारी भवन विस्तारीकरण की भेंट चढ़ चुके हैं।

ऑल वेदर रोड कार्य के चपेट में कई प्राकृतिक जल श्रोत
बांध का काम रोका : लेकिन समस्याओं का निदान नही
Posted on 17 May, 2019 05:09 PM

13 मई 2019 से नैटवाड़-मोरी बांधने की परियोजना जो कि उत्तरकाशी, उत्तराखंड के टॉन्स नदी पर 60 किलोमीटर लम्बी बाँध परियोजना है को, जिला के नैटवाड़ और बनोल गांव के लोगों ने अपनी बरसो से लंबित मांगों की पूर्ति ना होने के कारण बांध का काम रोका हुआ है उनकी मांगें वही है जो कि उनसे जनसुनवाई तथा उसके बाद अलग-अलग समय पर वादे किए गए, किन्तु उन्हें पूरा नहीं किया गया है।

नैटवाड़ और बनोल के परियोजना प्रभावित लोग सड़क पर विरोध जताने उतरे
'ऑलवेदर रोड' कार्य के डंपिंग को देखने पहुंची 'एनजीटी' की टीम
Posted on 09 May, 2019 10:54 AM

ऑलवेदर रोड का मलबा भागीरथी नदी में डालने के मामले को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी की संयुक्त टीम उत्तरकाशी पहुंची। यह टीम ऑलवेदर रोड निर्माण से निकलने वाले मलबे के डंपिंग जोन को देखेगी। साथ ही भागीरथी नदी में गिराए जा रहे मलबे पर भी निगरानी रखेगी और एनजीटी को अपनी रिपोर्ट देगी। गौरतलब है कि एनजीटी ने इस मामले में बीते वर्ष नवंबर में नेशनल हाइवेज एंड इंफ्रास्ट

×