उत्तर प्रदेश

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दिल्ली जल प्रबन्ध ?
Posted on 13 Feb, 2009 09:28 AM

कैसे स्वयं बुझाए, दिल्ली अपनी प्यास (भाग 3)


अप्रैल 1994 में एक गैर सरकारी संगठन 'पानी मोर्चा' ने गंगा-यमुना बेसिन का मुआयना करने, वहां के पानी संबंधी समस्याएं जानने और उसका उपाय खोजने के उद्देश्य से ''गंगा यमुना बचाव यात्रा'' का आयोजन किया। सर्वेक्षण के बाद मोर्चा ने प्रारंम्भिक रिपोर्ट में संक्षिप्त सुझाव प्रस्तुत किये।
नदियां बनी जहर
Posted on 07 Feb, 2009 09:26 AM संजीव/जनसत्ता/मुजफ्फरनगर/17 जन.09

प्रदूषित होते पानी का असर फसल पर भी अब पड़ रहा है। जहर बनते नदियों के पानी व जल संरक्षण नहीं होने से आने वाले समय में प्रदूषित पानी को लेकर समस्या अधिक गहरी हो जाएगी।
वरूणा
Posted on 04 Feb, 2009 07:08 AM

डा0 व्योमेश चित्रवंश एडवोकेट

विश्व की सांस्कृतिक राजधानी प्राच्य नगरी वाराणसी को पहचान देने वाली वरूणा नदी तेजी से समाप्त हो रही है। कभी वाराणसी व आसपास के जनपदों की जीवनरेखा व आस्था की केन्द्र रही वरूणा आज स्वयं मृत्युगामिनी होकर अस्तित्वहीन हो गयी है।

वरुणा
सफाई की मुहिम
Posted on 28 Jan, 2009 09:22 AM प्रयाग शुक्ल
मुंबई जैसे महानगर की लकदक छवियां, और जगह-जगह बिखरी गंदगी, एक -दूसरी को मुंह चिढ़ाती हैं। आगरा, जहां ताजमहल है, वहां का हाल तो बेहद चौंकाने वाला है।
पिछले कुछ वर्षों में हमारे नगरों-महानगरों में नई चाल की बहुतेरी चीजें आ गई हैं : लकदक मॉल, शॉपिंग सेंटर और शोरूम खुले हैं। कुछ महानगरों में मेट्रो (रेल) पर काम चल रहा है। खान-पान के रेस्तरां-होटल भी बड़ी तादाद में चारों ओर देखे जा सकते हैं। पेट्रोल पंपों को नया रूप मिला है। पर, इन्हीं के बीच गंदगी या कूड़े के ढेर भी बढ़े हैं।
कैसे मरने दें गंगा को
Posted on 25 Jan, 2009 08:50 AM जब हरिद्वार में ही गंगा जल आचमन के योग्य नहीं रहा, तो इलाहाबाद और वाराणसी का क्या कहना
- स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती


अनेक वर्षों से मैं माघ मास की मौनी अमावस्या के पर्व पर प्रयाग जाता रहा हूं। कुछ वर्ष पूर्व जब मैं माघ मेले के अपने शिविर में जा रहा था, तब अनेक महात्माओं, कल्पवासियों एवं पुरी के शंकराचार्य जी आदि ने मुझे बताया कि गंगा की धारा अत्यंत क्षीण हो गई है और उसका जल लाल दिखाई दे रहा है। मुझे भी ले जाकर गंगा की वह स्थिति दिखाई गई। मैंने जब लोगों से गंगा की इस दुर्दशा का कारण जानना चाहा, तो पता चला कि गंगोत्री से नरौरा तक गंगा जी को कई स्थानों पर बांध दिया गया है, जिसके कारण हिमालय का यह पवित्र जल कई स्थानों पर ठहर कर सड़ रहा है, और जो जल दिखाई दे रहा है,
रिहंद का पानी
Posted on 31 Dec, 2008 02:24 PM अंबरीश कुमार/ जनसत्ता/ देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का सपना अब टूटता नजर आ रहा है। रिहंद बाँध ( रेनुकूट ) का उद्घाटन करते हुए नेहरू ने कहा था,”यह क्षेत्र भारत का स्विटजरलैंड बनेगा।“ विंध्य क्षेत्र में ऊर्जांचल के नाम से मशहूर यह इलाका स्विटजरलैंड तो नहीं बना, बदहाली का शिकार जरूर हो गया। इस क्षेत्र के लाखों लोग प्रदूषित हो रहे हवा और पानी का शिकार हो गए।
यमुना मथुरा-आगरा कॉन्फ्रेंस
Posted on 27 Dec, 2008 04:40 PM प्रायोजित द्वाराः यमुना फाउण्डेशन फॉर ब्लू वाटर
(http://www.rowfoundation.org/row/)

रिवर्स ऑफ द वर्ल्ड फाउण्डेशन
(http://www.rowfoundation.org )

टेक्नो इन्वायरमेंटल एण्ड सस्टेनेबल
सोल्यूशन्स प्रा. लि. दिल्ली, भारत
( http://www.techknow-eng.com/ )

स्थानः गोवर्धन होटल, विपरीत दिल्ली गेट
आगरा, उत्तर प्रदेश.
बैक्टीरिया भी छान निकालेंगे कार्बो नैनो फिल्टर
Posted on 27 Dec, 2008 07:44 AM

जागरण-याहू, कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान [आईआईटी] ने ऐसा कार्बो नैनो फाइबर बनाया है, जिसकी फिल्टर क्षमता मौजूदा उपकरणों से कई गुना ज्यादा है। यह कमाल कर दिखाया है नव विकसित नैनो साइंस विभाग के वैज्ञानिकों ने। अब ऐसे फिल्टर बनाये जा सकेंगे जो औद्योगिक प्रदूषण को तो रोकेंगे ही, पानी से बैक्टीरिया भी छान निकालेंगे।

कार्बो नैनो फिल्टर
जैविक कीटनाशक अपनाकर पानी प्रदूषण से बचाएं
Posted on 09 Oct, 2008 10:40 AM

हम जिस गाँव में रहते हैं वैसे ही लगभग एक लाख गाँव पूरे उत्तर प्रदेश में है जिनमें तेरह करोड़ से भी ज्यादा लोग रहते हैं और इनमें से दस करोड़ से ज्यादा लोगों का जीवन पूर्णत: खेती पर ही आधारित है। इनमें से अधिकांश किसान तथा खेतिहर मजदूर हैं हमारे सारे किसान मिलकर पूरे देश की आवश्यकताओं का एक बटे पाँचवाँ भाग तो खुद ही पूरा करते हैं।

हमारे किसानों में से तीन चौथाई से ज्यादा तो छोटे और सीमांत किसान है। जो बीघा दो बीघा से लेकर पाँच एकड़ तक की खेती करते है। बहुत सारे लोग मानते हैं कि हमारी जोते छोटी होने के कारण खेती फायदेमन्द नहीं रह गई है

जैविक कीटनाशक
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