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सोनभद्र जिला
वनवासियों में जागरुकता का प्रसार
Posted on 24 Mar, 2015 04:56 PMजनपद सोनभद्र में वनवासियों के विकास की मुख्य समस्या अशिक्षा है। शिक्षा के अभाव के कारण ही जनपद सोनभद्र का अधिकांश क्षेत्र विकास कार्यों में काफी पिछड़ा है। शिक्षा के अभाव के कारण ही यह क्षेत्र अज्ञानता, रूढ़िवादिता तथा अँधविश्वास के गढ़ बना हुआ है। इस क्षेत्र में निवास करने वाले अधिकांश लोग अशिक्षा के कारण ही सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से अनभिज्ञ हैं। ये योजनायें निम्न हैं :अवैध खनन के इस खेल में सब तर-बतर हैं
Posted on 21 Oct, 2013 10:55 AMबुंदेलखंड के सभी जनपदों से सालाना बालू और पत्थर खनिज से 510 करोड़ रूपए राजस्व की वसूली होती है। सीएजी की रिपोर्ट 2011 पर नजर डाले तो 258 करोड़ रुपए सीधे राजस्व की चोरी की गई है। वहीं वन विभाग की लापरवाही से जारी की गई एनओसी के बल पर वर्ष 2009 से 2011 के मध्य जनपद महोबा, हमीरपुर, ललितपुर में परिवहन राजस्व वन विभाग को न दिए जाने के चलते सरकार को 3 अरब की राजस्व क्षति का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ा है।
सोनभद्र के खनिज विभाग की ओर से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मुहैया कराई गई जानकारी पर गौर करें तो यहां डोलो स्टोन, सैंड स्टोन बालू और मोरम के खनन और स्टोन क्रेसर प्लांटों के संचालन में अवैध खनन की पुष्टि हुई है। (केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, उच्चतम न्यायालय, उत्तर प्रदेश वन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन की विभिन्न जांच रिपोर्ट में अवैध खनन, अवैध परिवहन और स्टोन क्रेसर प्लांटों के मानक विपरीत चलने का भी जिक्र होता रहता है।) खनन के गोरखधंधे में राज्य की सत्ता में काबिज समाजवादी पार्टी, मुख्य विपक्षी पार्टी बहुजन समाज पार्टी, अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी, भारतीय जनता पार्टी के कई वर्तमान विधायकों और सांसदों के साथ-साथ अनेक राजनेता और आपराधिक छवि के लोग शामिल हैं।जहरीले पानी से मर रहे बच्चे
Posted on 26 Feb, 2011 11:02 AMजन संघर्ष मोर्चा ने जारी की मृत बच्चों की सूची,दिया धरना
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में जहरीले पानी को पीने से लगातार मौतें हो रही हैं। विगत एक माह में म्योरपुर ब्लाक के बेलहत्थी ग्रामसभा के रजनी टोला में रिहन्द बांध के जहरीले पानी को पीने से पन्द्रह बच्चों की मौतें हो गयी है।
रिहंद की सिमटती जा रही जलग्रहण क्षमता
Posted on 01 Dec, 2009 07:25 AMJul 22, 12:18 amरेणुकूट (सोनभद्र) । एशिया के सबसे विशाल रिहंद डैम की जलग्रहण क्षमता दिन-ब-दिन सिमटती जा रही है। इस डैम की अधिकतम जल ग्रहण क्षमता 880 फीट है लेकिन वह अपने न्यूनतम जल स्तर 830 फीट के करीब पहुंच गया है। कहा जा रहा है कि प्रकृति के साथ हो रहे खिलवाड़ व कुछ हद तक बनी व्यवस्था का सही तरीके से निर्वहन न किए जाने से डैम की जलग्रहण क्षमता कम हो रही है। इसकी वजह से तीन सौ मेगावाट विद्युत
सोनभद्र की नदियां
Posted on 29 Sep, 2009 09:33 AMसोनभद्र जनपद की छोटी बड़ी सभी नदियां किसी न किसी मानवीय प्रभाव से प्रभावित है। कुछ नदियां असमय सूख गयी है तो कुछ बड़ी नदियों में कल कारखानों के कचड़े के अपमिश्रण से जल प्रदूषण की सीमाओं को पार कर गया है। नदियों के पौराणिक महत्व तो हैं ही साथ ही आर्थिक, यातायात व व सामाजिक दृष्टि से भी इनके महत्व को नकारा नहीं जा सकता। अवैध बालू खनन से कहीं नदियों का मूल जल प्रवाह प्रभावित हो रहा है तो कहीं जलीय