पटना जिला

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पेयजलापूर्ति तथा स्वच्छता को लेकर कई योजनाएं
Posted on 08 Aug, 2014 03:36 PM मनुष्य के जीवन में शुद्ध पेयजल व स्वच्छता का महत्वपूर्ण स्थान है। इससे हमारा जीवन न केवल स्वस्थ रहता है, बल्कि कार्य क्षमता में भी वृद्धि होती है। स्वस्थ्य जीवन के लिए शुद्ध पेयजल की आपूर्ति व स्वच्छता संबंधी आचरणों का पालन करना भी जरूरी है। स्वास्थ्य सर्वेक्षण से विदित है कि 60 से 70 प्रतिशत बीमारियां अशुद्ध पेयजल व गंदगी से होती है। ग्रामीण क्षेत्र में अशुद्ध पेयजल व दूषित वातावरण से बहुत सी
अपनी जिम्मेवारी निभाने में जुटी सरकार
Posted on 08 Aug, 2014 03:23 PM स्वच्छ पेयजल व स्वच्छता मानव का मूल अधिकार है तो दूसरी तरफ मानवीय गरिमा का प्रतीक है। यदि भारतीय संविधान की बात करें तो पेयजल और स्वच्छता के विषय को राज्य का विषय माना गया है। संविधान में यह भी लिखा है कि संघीय व्यवस्था के मद्देनजर राज्यों की जिम्मेवारी है कि पेयजल और स्वच्छता पर नीति निर्मित कर पेयजल व स्वच्छता कार्यक्रमों को उचित दिशा-निर्देश लोगों को प्रदान करें। राज्य में पेयजल व स्वच्छता स
बिखर रहा गांवों और शहरों को स्वच्छ बनाने का सपना
Posted on 07 Aug, 2014 03:13 PM बक्सर जिले में स्वच्छता व पेयजल के लिए करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद लोगों को स्वच्छता व स्वच्छ पेयजल नहीं मिल रहा हैं। वहीं शौचालय बनाने के लिये प्रत्येक पंचायत के विभिन्न गांवों में होड़ लगी है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही हैं। ‘हर घर का बस एक ही नारा, शुद्घ जल एवं शौचालय हमारा’ के स्लोगन के साथ जिला जल एवं स्वच्छता अभियान समिति ने जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया। इसके लिए ब्रह्मपुर, चक्की, सिमरी, ना
लोगों को मिले स्वच्छता, विभाग का यही है ‘मिशन’
Posted on 07 Aug, 2014 01:01 PM बचपन से पढ़ते आये हैं कि जहां स्वच्छता होती है वहां भगवान का वास हो
Clean India
देश में नई कृषि बीमा योजना शीघ्र : राधामोहन
Posted on 22 Jun, 2014 05:08 PM केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि देश के किसान बाढ, सूखे और फसली बीमारियों से बेहतर तरीके से निपट सकें इसके लिए केंद्र नई कृषि बीमा योजना पर काम कर रहा है। बिहार के दो दिवसीय दौरे पर आए राधामोहन ने पत्रकारों को बताया कि केंद्र नई कृषि बीमा योजना पर काम कर रहा है जिसे शीघ्र ही पूरे देश में लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य किसानों को बाढ, सूखे और फसली बीमारियों से बचाव में सक्षम बनाना है।
जमीन का कार्बन हवा में चला गया है
Posted on 14 Jul, 2011 06:53 PM पटना, जागरण ब्यूरो: 'जैविक बिहार' विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बुधवार को नई हरित क्रान्ति की प्रासंगिकता खाद्य सुरक्षा और समेकित विकास के व्यापक संदर्भो में रेखांकित की गयी। वैज्ञानिकों ने मिट्टी की सेहत और संतुलन में कमी, जीवांश खत्म होते जाने, जमीन का कार्बन हवा में चले जाने और अंधाधुंध रसायनों के प्रयोग से मानव जीवन पर बढ़ रहे खतरे को लेकर गहरी चिन्ता जताई।
सूखे से तड़प रहा है पूरा बिहार
Posted on 16 Aug, 2010 08:57 AM
पटना. पूरा बिहार सूखे की मार झेल रहा है ये कहना है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का। यही नहीं नीतीश ने यह भी कहा है कि उनकी सरकार सूखे से निपटने व प्रभावित किसानों की मदद के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। साथ ही बिहार को सूखाग्रस्त राज्य घोषित कर दिया गया है। बिहार पिछले चार सालों से प्राकृतिक आपदा को झेल रहा है।
पर्यावरण का रखवाला जय श्रीराम
Posted on 19 Jul, 2010 02:40 PM
बख्तियारपुर (पटना) निवासी आरक्षी जितेंद्र शर्मा उ़र्फ जय श्रीराम उन चंद पुलिसकर्मियों में शामिल हैं, जिनके कार्य से प्रभावित हुए बिना कोई नहीं रह सकता। पटना के यातायात थाने में तैनात बिहार पुलिस का यह जवान एक अलग कार्य संस्कृति और जीवनशैली के लिए मशहूर हो रहा है। जुनून की सीमा से काफी आगे जाकर जय श्रीराम अब तक तीस हजार पेड़ लगा चुका है। हैरानी की बात यह है कि इस आरक्षी ने कभी किसी से कोई आर्
भारत के कुछ राज्यों के भूजल में उच्च आर्सेनिक की मौजूदगी
Posted on 21 Oct, 2009 08:53 AM

असम, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों में आर्सेनिक प्रदूषण काफी बड़े स्तर तक प्रभावित कर रहा है।
अटैचमेंट में देखें कि किस राज्य के किस ब्लॉक में यह प्रदूषण कहां तक फैला है।
उत्तर प्रदेश, असम और छत्तीसगढ़ राज्यों के मामले में आर्सेनिकप्रदूषण की पहचान केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड और राज्य भूमि जल विभागों के निष्कर्ष के आधार पर की गई है ।

Arsenic
बिहार की जमनिया नदी की सतह पर भी आर्सेनिक
Posted on 16 Aug, 2009 05:55 PM

गंगा किनारे बसे राज्य के बारह जिलों भागलपुर, कटिहार, खगडिय़ा, मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, समस्तीपुर, पटना, भोजपुर, बक्सर, वैशाली और सारण के लगभग 80 प्रखंडों में आर्सेनिक का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, वैज्ञानिक अभी यह बता पाने में अक्षम हैं कि जल में जहर के रूप में आर्सेनिक कहां से और कैसे फैलता जा रहा है, पर यह भी सच है कि इस खतरे से बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल तथा नेपाल के भीतर का बड़ा हिस्सा भी

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