पश्चिम बंगाल

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राहत कोष की बंदरबांट
Posted on 26 Jul, 2010 04:29 PM
पश्चिम बंगाल का कुलतली इलाका। यहां 30 वर्ष से रहता आया अनिल नस्कर का परिवार तीन महीने पहले सड़क पर आ गया। मछली के कारोबार पर निर्भर इस परिवार के पास कभी तीन एकड़ की एक झील हुआ करती थी पर बंगाल की खाड़ी में पिछले साल आए चक्रवाती तूफान आएला ने उस झील को नमक मिले पानी से ऐसा खराब किया
जलमग्न हो गया न्यू मूर द्वीप
Posted on 13 Apr, 2010 10:54 AM
बंगाल की खाड़ी में स्थित न्यू मूर नामक छोटा-सा द्वीप पूरी तरह जलमग्न हो चुका है, जिसने इस आशंका को फिर से जन्म दे दिया है कि समुद्र जल स्तर बढ़ने से एक दिन कहीं मॉरीशस, लक्षद्वीप और अंडमान द्वीप समूह ही नहीं, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे मुल्कों का भी अस्तित्व समाप्त न हो जाए।
भारत के कुछ राज्यों के भूजल में उच्च आर्सेनिक की मौजूदगी
Posted on 21 Oct, 2009 08:53 AM

असम, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों में आर्सेनिक प्रदूषण काफी बड़े स्तर तक प्रभावित कर रहा है।
अटैचमेंट में देखें कि किस राज्य के किस ब्लॉक में यह प्रदूषण कहां तक फैला है।
उत्तर प्रदेश, असम और छत्तीसगढ़ राज्यों के मामले में आर्सेनिकप्रदूषण की पहचान केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड और राज्य भूमि जल विभागों के निष्कर्ष के आधार पर की गई है ।

Arsenic
पथरीली जमीन को कैसे बनाएं - पानीदार
Posted on 16 Aug, 2009 08:52 AM

पश्चिम बंगाल के पश्चिमी हिस्‍से में छोटानागपुर पहाडि़यों की श्रृंखला का प्रसार है। यहां की भूस्थिति ऊबड़-खाबड़ है। पहाडि़यों के ऊपर पेड़-पौधों का कोई निशान नहीं है और ये बिल्‍कुल बंजर हैं। यहां की मिट्टी में कंकड़ हैं और इसके पानी सोखने की क्षमता बहुत कम है। वार्षिक वर्षा का स्‍तर 1200 से 1400 मिली‍मीटर के बीच है, लेकिन पूरे वर्ष में 2 महीने की अवधि के भीतर ही वर्षा होती है। बाकी बचा हुआ पूरा व

गंगा आजादी शिविर का आयोजन
Posted on 07 Aug, 2009 08:01 AM
जिस देश में नदियों को कैद करने के लिए दिन-प्रतिदिन एक नई कोशिश चल रही हो। ऐसे में 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाना एक रस्म अदायगी से ज्यादा कुछ नही। यदि भारत को टिकाऊ व्कास चाहिए, तो हमें अपनी नदियों के प्रवाह को शुद्ध-सदानीरा, नैसर्गिक और आजाद बनाना होगा। नदियों के किनारे सघन और स्थानीय जैव विविधता का सम्मान करने वाली हरित पटिटयों के विकास से ही संभव है। लेकिन यह तभी हो सकता है जब नदियों की
पश्चिम बंगाल में महिलायें और रोजगार की गारण्टी – 2
Posted on 06 Jul, 2009 11:58 AM

कदम कदम पर लिंगभेद की चुनौती


महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक ताकत को एक ढांचागत रूप देने के उद्देष्य से राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी कानून (नरेगा) में कुछ स्पष्ट व्यवस्थाएं बनाने और हकों को कानूनी रूप से परिभाषित करने की कोशिशें हुई हैं। पश्चिम बंगाल के पश्चिम दरिकापुर गांव की जानकी भक्ते दिन भर मछली और केकड़े पकड़कर गांव के बाजार में बेचकर 25 से 30 रूपये कमाती हैं। और इसी से उसके परिवार के पाँच सदस्यों की जिन्दगी चलती है। वह रोजगार गारंटी कानून के बारे में जानती है और 75 रूपये की न्यूनतम मजदूरी के बारे में भी। फिर भी वह नरेगा में काम नहीं करती क्योंकि उसे हर रोज मेहनत करके कमाकर पैसा घर में लाना होता है, तभी बच्चों को खाना मिलता है। वह 30 दिन तक मजदूरी के लिए इंतजार नहीं कर सकती है। उत्तार महिन्द्रापुर गांव की ज्योत्सना घराई ने 25 दिन का काम मांगा, इसमें से तीन दिन के लिये काम मिला पर जॉब कार्ड में 6 दिन की मजदूरी की प्रविष्टि की गई। 
आधी आबादी को रोज़गार का इंतजार
Posted on 06 Jul, 2009 11:48 AM
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के पूर्णचन्द्र गांव की कबिता भुंईया अपनी 400 रूपये की मासिक आय से परिवार के पांच सदस्यों का जीवनयापन नहीं कर पाती हैं। ऐसे में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना कानून से कबिता को उम्मीद बंधी कि अब जीवन पथ पर गरीबी के कांटे कुछ कम होंगे। 20 सितम्बर 2008 को उन्होंने नियमों के तहत आवेदन देकर रोजगार की मांग की पर पंचायत ने उन्हें काम देने से इंकार कर दिया, 25 सितम्बर को वह फिर ग्राम पंचायत प्रधान के पास गई, जिसने उन्हें बताया कि जब तक कम से कम 30 मजदूर एक साथ आवेदन नहीं करेंगे तब तक उन्हें रोजगार नहीं मिलेगा, यही कानून है। कबिता कहती हैं कि यह कानून नहीं शोषण है, इससे मेरी उम्मीदें टूटी हैं।
गंगाजल अमृत नहीं अब आर्सेनिक
Posted on 17 Jan, 2009 12:30 AM

मदन जैड़ा/ हिन्दुस्तान
नई दिल्ली, 15 जनवरी।
गंगा का पानी कभी सबसे स्वच्छ होता था इसलिए वेदों-पुराणों तक में कहा गया है-गंगा तेरा पानी अमृत। मान्यता थी कि इसे पीकर या इसमें डुबकी लगाकर बीमारियां दूर हो जाती हैं। लेकिन अब स्थिति उलट है। गंगा के इर्द-गिर्द बढ़ते शहरीकरण, उद्योग धंधों से निकलने वाले कचरे, प्रदूषणकारी तत्वों के बढ़ने के कारण गंगाजल में आर्सेनिक का जहर घुल गया है।

गंगा
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