पश्चिम बंगाल

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केरल का पलायन सुंदरवन के लोगों के लिए अवसर क्यों है ?
Posted on 24 Jul, 2019 10:33 AM

सुंदरवन में जलवायु परिवर्तन का असर - भाग 4

मौसनी आइलैंड।

ghoramara island
बंजर हो गई सैकड़ों बीघा उपजाऊ जमीन 
Posted on 23 Jul, 2019 10:00 AM

सुंदरवन में जलवायु परिवर्तन का असर - भाग 3

बलियारा गांव की 2 हजार बीघा से ज्यादा जमीन खेती के लायक नहीं बची है।

sinking island of sundarvan
पानी के आगोश में समा रहा है एक आबाद टापू
Posted on 22 Jul, 2019 10:17 AM

सुंदरवन में जलवायु परिवर्तन का असर - भाग 2

 धीरे-धीरे पानी में समाता टापू का किनारा।

sinking island of sunderban
जब जलवायु परिवर्तन ने खत्म कर दिया एक अंतरराष्ट्रीय विवाद
Posted on 18 Jul, 2019 03:39 PM

सुंदरवन में जलवायु परिवर्तन का असर - भाग  1

घोड़ामारा आइलैंड भी धीरे-धीरे पानी में समा रहा है।

Ghodamara Island is also slowly absorbed into the water.
बंगाल में उपजने वाले चावल में भी आर्सेनिक
Posted on 14 Aug, 2018 01:10 PM चावल में आर्सेनिक (फोटो साभार - ऑल इण्डिया तृणमूल कांग्रेस)क्या आप पश्चिम बंगाल से आने वाला चावल खाते हैं? सवाल अटपटा जरूर है, लेकिन इसका जवाब जानना बहुत जरूरी है। और अगर आपका जवाब हाँ है, तो आपके लिये बुरी खबर है!
चावल में आर्सेनिक
जलवायु परिवर्तन का शिकार बनता कोलकाता
Posted on 05 Aug, 2018 05:21 PM

ईस्ट कोलकाता वेटलैंड (फोटो साभार - विकिपीडिया)कोलकाता अब पहले से ज्यादा भीषण तूफानों और बाढ़ का सामना कर रहा है। 20वीं सदी के प्रथमार्ध की तुलना में वर्षा यहाँ ज्यादा होने लगी है। एक अध्ययन बताता है कि ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन अगर इसी तरह जारी रहा, तो 2070 तक समुद्रतटीय बाढ़ से मरने वाले दुनिया क

ईस्ट कोलकाता वेटलैंड
Groundwater Arsenic Contamination Situation in West-Bengal, India: A Nineteen Year Study
Posted on 23 May, 2018 10:30 AM


Subhash Chandra Mukherjee
Department of Neurology, Medical College, Kolkata, India

Shyamapada Pati
Department of Obstetrics and Gynaecology, Institute of Post Graduate Medical Education and Research, SSKM Hospital, Kolkata, India

R.N. Dutta

बंगाल की नदियों का अस्तित्व खतरे में
Posted on 24 Apr, 2018 06:41 PM

मानव सभ्यता के विकास में नदियों का बड़ा योगदान है। कमोबेश सभी सभ्यताएँ नदियों के किनारे ही विकसित हुईं हैं। वजह है जीवन के लिये जल सबसे जरूरी तत्व है और नदियों को जल के अकूत स्रोत के रूप में देखा गया।

भारत में शायद ही कोई राज्य है, जिससे होकर नदियाँ न गुजरती हों। बंगाल की खाड़ी से सटे पश्चिम बंगाल को तो ‘नदीमातृक’ नाम से नवाजा गया है।

गंगा में ऐसे कई पावर प्लांट कूड़ा डालते हैं
पर्यावरण प्रेम में टैक्सी को बना दिया बगीचा
Posted on 13 Apr, 2018 12:31 PM

घास लगाने से एक और फायदा हुआ। मेरी कार के अन्दर का तापमान किसी भी नॉन एसी कार के मुकाबले बहुत कम रहने लगा।

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