मध्य प्रदेश

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केन-बेतवा से जुड़े प्रश्न
Posted on 17 Apr, 2017 04:24 PM

नदी जोड़ो परियोजना से बेहतर होगा कि हम अपनी नदियों को सहेजना सीखें। शायद इसी तरीके से हम

तभी मिलेगा नदियों में साफ पानी
Posted on 17 Apr, 2017 03:09 PM

नदियों पर बाँध और नहर बनाने से इसमें गाद का स्तर बहुत तेजी से बढ़ता है और साथ ही प्रदूषण

नर्मदा का संरक्षण ही एकमात्र एजेंडा : शिवराज सिंह चौहान
Posted on 16 Apr, 2017 09:58 AM
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आजकल नर्मदा सेवा यात्रा के जरिये नदी संरक्षण के मुहिम में जुटे हैं। विभिन्न पड़ावों पर वे खुद भी जानी-मानी हस्तियों के साथ यात्रा में शामिल होते हैं। नर्मदा संरक्षण के इस अभियान को एक तरफ व्यापक जन समर्थन मिल रहा है तो कई मुद्दों को लेकर आलोचना भी हो रही हैं। खासतौर पर नर्मदा जल के अत्यधिक दोहन, वनों की कटाई, अंधाधुंध खनन रोकने में सरकार की
बाधाओं बीच अविरल नर्मदा
Posted on 15 Apr, 2017 11:21 AM
‘सौंदर्य की नदी’ नर्मदा नित नए संकटों से घिरने के बावजूद अपनी
बरगी के गाँवों में आइसीडीएस और मध्यान्ह भोजन एक विश्लेषण
Posted on 03 Apr, 2017 01:49 PM
कठौतिया एवं बढ़ैयाखेड़ा गाँव की स्थिति तो और भी खराब है क्यों
कैसे कहें यह राष्ट्रीय तीर्थ है
Posted on 03 Apr, 2017 01:34 PM
कल एक बाँध तो देखा तो कसक जाग उठी।
एक तीर्थ बनाने में कितने घर डूबे होंगे।।
कौन मरा, कौन जिया, किसकी जमीनें डूबीं, कोई बहीखाता नहीं है यहाँ।
आज कौन है, कहाँ हैं, कोई नहीं जानता।
पर कल रिक्शा चलाते मिला था, एक आदमी सतना की सड़कों पर।
कुरेदा तो बताया कि बरगी से आया हूँ।
वो तो आज भी रहते हैं अंधेरे में ही
काली चाय का गणित
Posted on 02 Apr, 2017 03:36 PM
जब बाँध बनने की बात होती थी तो हम लोग हँसते थे कि जिस नर्मदा माई को भगवान नहीं बाँध पाये और जो अमरकंटक से निकलकर कल-कल बहती ही रही है, उसे कौन बाँध सकता है? और जब भगवान नहीं बाँध पाये तो नर्मदा विकास (प्राधिकरण) की क्या बिसात...?
विकास के विनाश का टापू
Posted on 02 Apr, 2017 01:18 PM
पूरे देश में रोजगार गारंटी की चर्चाएँ जोरों पर हैं। इस गाँव में भी लोगों के जॉब कार्ड तो हैं लेकिन वे पिछले तीन सालों से कोरे पड़े व्यवस्था को और ‘काम के अधिकार’ को चिढ़ा रहे हैं। यहाँ पर आज भी बिजली नहीं है, लोग इस बात से आस बँधा रहे हैं कि खम्भे तो आ गए हैं । पिछले 25 वर्षों में दूसरों को बिजली देने के कारण डूबे इन गाँवों में आज भी अन्धेरा है। यहाँ पर आजीविका का कोई साधन नहीं है, लोग पलाय
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