जालौन जिला

Term Path Alias

/regions/jalaun-district

प्रधान व ग्रामीणों ने समझी जल संरक्षण व तालाबों की महत्ता
Posted on 24 Aug, 2017 10:59 AM
जिलाधिकारी उरई (जालौन) ने कदौरा ब्लॉक के ग्राम अकबरपुर इटौरा में जल संरक्षण पर कराए गए कार्यों का लोकार्पण और विकास कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने अच्छा काम करने वालों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। गाँव के ऐतिहासिक तालाब (गुरु रोपण का तालाब) जो मुगल बादशाह अकबर द्वारा बनवाया गया था व अन्य तालाबों की महत्ता समझते हुए उनके पुनरुद्धार के लिये
पर्यावरण और वन-विनाश
Posted on 14 May, 2016 11:51 AM
सभ्यता के विकास के साथ ही हमने भौतिक उन्नति, प्राकृतिक सम्पदा का दोहन, मशीनों, रसायनों, लवणों एवं खनिजों के भरपूर उपयोग को पूँजीवादी विकासात्मक तकनीकी के साथ प्राथमिकता प्रदान की। फलतः विकास और पर्यावरण के नाजुक सम्बन्ध बदतर होने लगे और उन्हीं विसंगतियों ने पर्यावरण प्रदूषण को नया अर्थ दिया। जिसके अन्तर्गत अब वनों की कटाई, भूमि और मिट्टी के अत्यधिक उपयोग से उत्पन्न बाढ़ और अकाल, प्रदूषित ह
जालौन में तालाबों पर अतिक्रमण, उच्च न्यायालय में पीआईएल नतीजा शिफ़र
Posted on 26 Nov, 2015 02:10 PM


1. नगर में 36 तालाब, अतिक्रमण से कोई अछूता नहीं
2. 2008 में दाखिल हुई पीआईएल

सूखे जालौन में पानी संरक्षण की अनोखी तकनीक
Posted on 18 Apr, 2013 12:17 PM सूखे परिक्षेत्र में बेकार बहने वाला पानी सूखा को और बढ़ाता ही है। यही सोचकर जालौन के डांग खजूरी गांव की महिलाओं ने आर्टीजन वेल से बेकार बहने वाले पानी को नियंत्रित किया, जिसने अन्य लोगों को प्रेरणा देने का काम किया।

संदर्भ

सामूहिक अनाज बैंक बनाकर महिलाओं ने किया सूखे का मुकाबला
Posted on 14 Apr, 2013 10:53 AM जनपद जालौन के 95 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसानों की आजीविका का आधार खेती है। सूखे की मार झेल रहे इन किसानों के सामने सबसे बड़ा संकट खाने का होता है जिससे निपटने हेतु पुरुष वर्ग पलायन कर जाता है और पीछे छोड़ जाता है सभी समस्याओं को झेलने हेतु महिलाओं को।

परिचय

सूखे में आजीविका का साधन बना डलिया निर्माण कार्य
Posted on 11 Apr, 2013 12:03 PM बुंदेलखंड में पड़ रहे सूखे का मुकाबला करने के क्रम में परंपरागत धंधे डलिया निर्माण को पुनर्जीवित करना एक बेहतर विकल्प दिखा जो इस बार जंगल से मिलने वाले संसाधनों पर आधारित था।

परिचय

सामुदायिक तालाब पुनः निर्माण
Posted on 03 Apr, 2013 12:39 PM बुंदेलखंड पारंपरिक रूप से तालाबों का क्षेत्र रहा है और यही तालाब वहां पर पानी की उपलब्धता बनाए रखने में सक्षम थे। गलत तरीके से इनका अतिक्रमण और बचे हुए तालाबों से भी गाद न निकलने से पानी की समस्या बढ़ी। ऐसे में समुदाय द्वारा तालाबों का गहरीकरण करना क्षेत्र के लिए काफी उपयोगी रहा।

संदर्भ

हरबोलों की जमीं पर हाहाकार
Posted on 21 Jun, 2011 01:43 PM

बुंदेलखंड के किसान बेहाल हैं। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार के पास पर्याप्त धन नहीं है। जो पैसा पैकेज के तौर पर मिला भी है उसे तेजी से जमीन पर उतारा नहीं जा रहा है। विकास योजनाओं के पैसे की लूटखसोट जमकर हो रही है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं।

बुंदेले हरबोलों की सरजमीं पानी, पलायन, भुखमरी और कर्ज के दबाव में हो रही मौतों से जूझ रही है। राज्य की मायावती सरकार ने सत्ता की कुर्सी पर विराजमान होते ही केंद्र सरकार से इलाके के लिए 80 हजार करोड़ के पैकेज की मांग तो कर दी लेकिन नवंबर, 2009 में संयुक्त बुंदेलखंड (उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश) के लिए केंद्र सरकार ने जो 7, 622 करोड़ रुपए का पैकेज दिया उसे जमीन पर विकास के रूप में उतारने में कोई तत्परता नहीं दिखाई। नतीजा यह कि जो थोड़ी-बहुत धनराशि केंद्र से बुंदेलखंड पैकेज के नाम पर मिली उसका बड़ा हिस्सा अधिकारियों की जेब में चला गया। पैसों के सही इस्तेमाल के लिए जिला स्तर पर सफल मॉनीटरिंग तो दूर इसके संपूर्ण जानकारी संकलन की व्यवस्था तक नहीं है। बुंदेलखंड पैकेज का एक अरब 33 करोड़ रुपया आज भी विभागों में यूं ही पड़ा है।
बुंदेलखंड में भूगर्भ जलस्तर 3 मीटर तक खिसका
Posted on 23 Feb, 2010 02:33 PM


पांच स्थानों पर 2 मीटर, 18 स्थलों पर 1 मीटर गहराया, केंद्रीय भूमि जल बोर्ड ने बारिश के बाद की स्थिति बताई, गर्मी में और नीचे जाएगा।

×