दुनिया

Term Path Alias

/regions/world

फल बागों के पेड़
Posted on 27 May, 2011 11:07 AM अपने घर के करीब की पहाड़ी ढलानों पर मैं नारंगी-परिवार के कई फल भी उगाता हूं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जब मैंने खेती शुरू की तो मैंने शुरुआत पौने दो एकड़ के फल-उद्यान तथा 3/8 एकड़ के चावल की खेती से की थी। लेकिन अब फलोद्यान का क्षेत्रफल बढ़कर साढ़े बारह एकड़ हो गया है। मैंने यह भूमि आसपास की पहाड़ियों की त्यागी हुई जमीन से प्राप्त की और उसे अपने हाथ से साफ किया। इन ढलानों पर देवदार के पेड़ तो कई
सूखे खेत में चावल की खेती
Posted on 26 May, 2011 12:22 PM

आज मेरे खेत में उगा धान का पौधा किसी किसान को दिखलाएंगे तो वह तत्काल जान जाएगा कि वह वैसी ही ह

पुआल आधारित खेती
Posted on 23 May, 2011 01:29 PM खेतों में पुआल फैलाना कुछ लोगों को उतना महत्वपूर्ण नहीं लग सकता, लेकिन मेरे तरीके से चावल और जाड़े के अनाज की खेती का वह बुनियादी तत्व है। उसका संबंध हर चीज-उर्वरता, अंकुरण, खरपतवार, परिंदों से बचाव तथा जल-प्रबंधान के साथ है। व्यावहारिक प्रयोगों तथा सिद्धांततः भी खेतों में पुआल का उपयोग बहुत ही निर्णायक मुद्दा है। यह ऐसी चीज भी है जिसे लगता है, मैं लोगों को समझा नहीं पा रहा हूं।
खरपतवारों के बीच खेती
Posted on 21 May, 2011 10:05 AM

यदि चावल शरद ऋतु में बोया गया हो और बीजों को ढंका न गया हो तो बीजों को अक्सर चूहे या परिंदे खा

प्राकृतिक खेती के चार सिद्धांत
Posted on 20 May, 2011 01:26 PM

छेड़-छाड़ न करने से प्रकृति-संतुलन बिल्कुल सही रहता है। नुकसानदेह कीड़े तथा बीमारियाँ तो मौजूद

मानवता, नहीं पहचानती, जानती प्रकृति को
Posted on 19 May, 2011 10:51 AM

इस बात को लेकर काफी गहरी शंकाएं होने लगेंगी कि मानव, प्रकृति को समझता भी है या नहीं, और यह उसक

एक कारण, प्राकृतिक कृषि के विस्तार न होने का
Posted on 18 May, 2011 10:15 AM

इस तरह की सोच मूल मुद्दे को ही पकड़ने से चूक जाती है। जो किसान समझौते या बीच के रास्ते की तरफ

हमें वापस अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा
Posted on 17 May, 2011 10:08 AM

बिना हल से जुते खेतों में फसलें लगाना हमें खेती के आदिम तरीके की तरफ लौटना नजर आ सकता है। लेकि

खेती की ‘कुछ-मत-करो’ विधि की ओर
Posted on 16 May, 2011 03:50 PM

यही बात वैज्ञानिकों पर भी लागू होती है। वे दिन-रात पोथियां पढ़कर उनमें अपनी आंखें गढ़ाकर अपनी

अपने गांव वापस लौटना
Posted on 14 May, 2011 11:31 AM

मैं अपने अनुभव को वास्तविक रूप से प्रदर्शित कर दूं तो दुनिया को उसकी सच्चाई का पता चल जाएगा। अ

×