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पानी बचाने में मिसाल पेश करता इजरायल
Posted on 08 Aug, 2009 12:47 PM

दुनिया के नक्शे पर एक छोटा सा देश इजरायल जिसका क्षेत्रफल मात्र 20770 वर्ग किमी है। जी हां, इतना छोटा देश है कि भारत के क्षेत्रफल का मात्र 0.63 प्रतिशत है। इतना ही नहीं इजरायल के पूरे क्षेत्रफल का मात्र 2 प्रतिशत ही पानी से युक्त है। जबकि भारत में 9.5 प्रतिशत से ज्यादा इलाका पानी से युक्त है। वहां का भौगोलिक क्षेत्र एवं वातावरण इस प्रकार है कि उसकी तुलना भारत के सबसे कम पानी वाले इलाकों से की जा

कोसी का कहर !
Posted on 20 Jan, 2009 02:37 PM

यही रहा तो इस बार भी होगा कोसी का कहर !


मदन जैड़ा / हिन्दुस्तान। नई दिल्ली, 18 जनवरी
जल चक्र
Posted on 25 Oct, 2008 07:32 PM

दौड़ें और एक गिलास पानी लें तथा इसे अपने सामने वाले मेज़ के ऊपर रखें। पानी को अच्छी तरह देर तक देखें। अब-क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि पानी कितना पुराना है?



शायद आपके गिलास का पानी ठीक पिछले सप्ताह का आसमान से गिरा वारिश का पानी हो लेकिन पानी स्वयं उतना ही सुकुमार है जितनी की पृथ्वी!
जब पहली मछली समुन्द्र से बाहर ज़मीन पर आई थी, तो आपके गिलास का पानी उस ..
समुन्द्र का हिस्सा था। जब ब्रन्टोसोरस झील से बाहर पौधों को खाने के लिए निकला तब आपके गिलास का पानी उन झीलों का हिस्सा था।

जब राजा और रानियां, शूरवीर और महानुभाव अपने कुओं से पानी पिया करते थे तो आपके गिलास का पानी उन कुओं का हिस्सा था।

water cycle
कोसी के लिए समझदारी और सावधानी
Posted on 24 Oct, 2008 08:31 PM

जल-विद्युत विशेषज्ञ दीपक ग्यावली, नेपाल के पूर्व जल संसाधन मंत्री रह चुके हैं तथा नेपाल के जल संरक्षण फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं। कोसी की बाढ़ और भविष्य की तैयारियों पर दीपक ग्यावली के बेवाक विचार

कोसी ने अपना तटबंध क्यों तोड़ा? मरम्मत कार्य के लिए कौन जिम्मेदार था, भारत या नेपाल?

दीपक ग्यावली : इस बात को समझने के लिए जरा पीछे मुड़कर देखना ज़रूरी है। तब हमें यह अनुभव होगा कि यह आपदा तीन बातों का नापाक मेल है: 1. इस प्रकार के जल-पारिस्थितिक शासन के लिए गलत टैक्नॉलोजी का चुनाव, 2. कोसी समझौते के परिणामस्वरूप गलत संस्थागत प्रबंध,

जल-विद्युत विशेषज्ञ दीपक ग्यावली
पानी, साफ-सफाई और स्वास्थ्यप्रद स्थितियों के बारे में कुछ तथ्य
Posted on 24 Oct, 2008 12:58 PM
1- अगर स्वास्थ्यप्रद स्थितियां या बेहतर स्वस्थ माहौल की बात की जाए तो इसमें निजी साफ-सफाई से लेकर आसपास का साफ-सुथरा माहौल भी शामिल होता है। यूं भी पानी से जुड़ी बीमारियों या प्रदूषित पानी, खराब स्वास्थ्य और गरीबी का एक खास दायरा गंदे पानी और साफ-सफाई की खराब स्थितियों की वजह से सामने आता है।
भारत में पानी
Posted on 17 Oct, 2008 08:22 AM

प्रेमचन्द्र श्रीवास्तव / पर्यावरण संदेश

सामान्य तौर पर देखने से ऐसा लगता है कि भारत में पानी की कमी नहीं है। एक व्यक्ति को प्रतिदिन 140 लीटर जल उपलब्ध है। किन्तु यह तथ्य वास्तविकता से बहुत दूर है। संयुक्त राष्ट्र विकास संघ (यूएनडीओ) की मानव विकास रिपोर्ट कुछ दूसरे ही तथ्यों को उद्घाटित करती है। रिपोर्ट जहां एक ओर चौंकाने वाली है, वहीं दूसरी ओर घोर निराशा जगाती है।

भारत में पानी
पहाड़ के माथे पर पानी से तिलक
Posted on 13 Oct, 2008 10:05 AM

महालिंगा नाईक पोथी की इकाई-दहाई नहीं जानते लेकिन उन्हें पता है कि बूंदों की इकाई-दहाई सैकड़ा हजार और फिर लाख-करोड़ में कैसे बदल जाती है।

58 साल के अमई महालिंगा नाईक कभी स्कूल नहीं गये। उनकी शिक्षा दीक्षा और समझ खेतों में रहते हुए ही विकसित हुई। इसलिए वर्तमान शिक्षा प्रणाली के वे घोषित निरक्षर हैं। लेकिन दक्षिण कन्नडा जिले के अडयानडका में पहाड़ी पर 2 एकड़ की जमीन पर जब कोई उनके पानी के काम को देखता है तो

दक्षिण कन्नडा के किसान ए महालिंगा नाईक
पाकिस्तानः विलुप्त होती सिंधु घाटी की सभ्यता
Posted on 23 Sep, 2008 07:43 AM

शाहिद हुसैन/ पिछले वर्ष 22 सितम्बर 2006 को कराची (पाकिस्तान) से 150किलोमीटर दूर स्थित दक्षिणपूर्वी नगर खारोचान में 50,000 व्यक्ति एक अभूतपूर्व उत्सव जश्ने-ए-सिंधु डेल्टा के निमित्त एकत्रित हुए। विशेषज्ञों और राजनीतिज्ञों ने सिंधु नदी को श्रध्दांजली दी, नदी में दीपदान किया गया और बड़ी संख्या में नौजवान युवक-युवतियों ने ऊर्जापूर्ण नृत्य भी किया। पाकिस्तान मछुआरा संघ द्वारा आयोजित इस समारोह का विश

indus basin
बागमती
Posted on 23 Sep, 2008 07:37 AM बागमती नेपाल की एक बहुत महत्त्वपूर्ण नदी है। इस नदी के तट पर काठमांडू अवस्थित है। नेपाल का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल पशुपतिनाथ भी इसी नदी के तट पर अवस्थित है। इस नदी का उद्गम स्थान बागद्वार है। काटमाण्डौ के टेकु दोभान मै विष्णुमति नदी इसमें समाहित होती है। नेपाली सभ्यता में इस नदी का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस नदी के किनारे मे अवस्थित आर्य घाटौं पर राजा से लेकर रंक तक सभी का अन्तिम संस्कार किया ज
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