मार्टिन खोर
मार्टिन खोर
कृषि पर बढ़ेगी चाल
Posted on 29 Jul, 2016 11:47 AMविकसित देशों का पूरा रवैया आत्मकेंद्रित और अत्यन्त स्वार्थपरक
नये वर्ष में पुरानी सुगबुगाहटें
Posted on 31 Jan, 2016 10:32 AMअनेक मामलों में वर्ष 2015 काफी नैराश्य पैदा करने वाला रहा है। पेरिस जलवायु सम्मेलन और नैर
जलवायु सम्मेलन की राह में रोड़े
Posted on 14 Aug, 2015 09:21 AMबेहतर जलवायु समझौते हेतु दो अपेक्षाएँ हैं। पहला यह कि इसे पर्यावरणएंटीबायोटिक: अपने पैरों पर कुल्हाड़ी
Posted on 07 Jun, 2014 11:54 AMउस स्थिति की कल्पना ही डरावनी है जब साधारण चोट से हुए संक्रमण से मजलवायु पर नया समझौता
Posted on 20 Dec, 2013 03:12 PMपिछले दिनों वारसा में हुए जलवायु सम्मेलन में समुद्री तूफान, भूकंप एवं अन्य प्राकृतिक विपदाओं से हुए विनाश की भरपाई के लिए नई रणनीतसौर युद्ध की चपेट में विश्व
Posted on 30 Jun, 2013 12:53 PM दुनियाभर में इस बात की आशा बंधी है कि सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्जलवायु परिवर्तन एवं मानवाधिकार
Posted on 04 Jun, 2012 08:36 AMइस आने वाले अजूबे से विश्व में प्रत्येक देश और व्यक्ति केवल अपने संकीर्ण लाभ के लिए ऐसे पागलपन के साथ जूझेगा जिस
डरबन: तूफानी सत्र की धीमी रफ्तार
Posted on 23 Jan, 2012 04:28 PMडरबन सम्मेलन में अनेक बार ऐसा लगा कि वार्ता पटरी से उतर रही है क्योंकि वहां अनेक मसलों पर असहम
उधारी की सांस लेता विकसित विश्व
Posted on 15 Dec, 2009 08:00 AMमार्टिन खोरपश्चिमी मीडिया पर्यावरण संबंधी समझौतों में हो रही देरी के लिए अकारण ही विकाशशील देशों को दोषी ठहरा रहा है। पिछले दिनों फाइनेंशियल टाइम्स ने अपने मुखपृष्ठ पर छपे लेख का शीर्षक दिया था 'भारत ने एक दशक तक उत्सर्जन में कमी से इंकार कर ग्रीन एजेंडा ठुकराया।'