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खाद्य सुरक्षा मानक और कोडेक्स
Posted on 11 Dec, 2010 02:11 PM भारत ने खाद्य उत्पादन और निर्यात तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले कई दशकों में उल्लेखनीय प्रगति की है। दूध, गन्ना, काजू और मसालों के उत्पादन के मामले में भारत पहले स्थान पर है, जबकि चावल, गेहूं, दलहन, फल (ब्राजील के बाद) और सब्जियों (चीन के बाद) का यह दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। लेकिन विश्वव्यापी निर्यात में इसका हिस्सा तीन प्रतिशत से कम है। कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। इ
कहीं समाप्त न हो जाएं समुद्र में रहने वाले कोरल रीफ
Posted on 10 Dec, 2010 09:59 AM मौसम परिवर्तन का नकारात्मक असर सिर्फ धरती पर रहने वाले जीवों पर नहीं पड़ रहा है, बल्कि समुद्र के अंदर यहां तक नीचे रहने वाले कोरल रीफ पर भी पड़ रहा है। एक नए अध्ययन में पता चला है कि मौसम परिवर्तन के कारण कोरल रीफ धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। अध्ययन के मुताबिक समुद्र के नीचे भी प्रदूषण पहुंच रहा है। साथ ही वहां भी पानी धीरे-धीरे गर्म हो रहा है। इन कारणों से समुद्री रीफ के अस्तित्व को खतरा उत्
मानव जीवन पर असर
Posted on 08 Dec, 2010 02:36 PM यह बात सौ फीसद सही है कि मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, एमपी थ्री प्लेयर और टीवी हमारी जिंदगी को अहम हिस्सा बन चुका है। महानगरों और छोटे शहरों की बात तो जाने दें, गांव-कस्बों तक में इनका चलन आम हो गया है। इलेक्ट्रानिक के ये सामान लोगों को न सिर्फ उनके कामकाज को आसान बनाते हैं बल्कि मनोरंजन का जरिया भी हैं। इन इलेक्ट्रानिक सामानों की खरीदारी करते वक्त हम में से शायद ही कोई सोचता होगा कि जिन उपकरणों
समृद्धि का संगम
Posted on 08 Dec, 2010 12:38 PM चीन ने तिब्बत से आने वाले भारत के प्रमुख नद ब्रह्मपुत्र को रोककर बिजली और सिंचाई के साधन बढ़ा लिए हैं। चूंकि तिब्बत को चीन अपना ही इलाका समझता है, इसलिए वह वहां की ऐसी नदियों के साथ भी मनमानी कर रहा है, जो लंबा सफर भारत में तय करती हैं। तिब्बत और चीन से आनेवाली नदियां भारत की परिस्थितियों और भूगोल को भी निर्धारित और प्रभावित करती हैं। अधिकांश भारतीय नदियों के उद्गम का स्रोत हिमालय में है और हिमालय
प्रदूषित पर्यावरण और टीबी का टीका
Posted on 07 Dec, 2010 05:08 PM बिगड़ता पर्यावरण हर प्रकार से हमें नुकसान पहुंचा रहा है। यदि हम किसी बीमारी से बचने के लिए टीकाकरण करवाते हैं, तो वहां भी दूषित पर्यावरण हमें नहीं छोड़ता। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नए शोध में यह बात सामने आई है कि क्षयरोग (टीबी) का टीका कुछ व्यक्तियों के लिए फायदेमंद नहीं होता। इसके पीछे मुख्य रूप से पर्यावरण जिम्मेदार है।
कानकुन जलवायु सम्मेलन
Posted on 07 Dec, 2010 11:24 AM इन दिनों मैक्सिको के शहर कानकुन में संयुक्त राष्ट्र का जलवायु परिवर्तन सम्मेलन चल रहा है। इसमें दुनिया भर के 194 देश हिस्सा ले रहे हैं। 29 नवंबर को शुरू हुआ यह सम्मेलन 10 दिसंबर तक चलेगा। इसमें 15,000 से अधिक आधिकारिक प्रतिनिधि, पर्यावरण कार्यकर्ता और पत्रकार भाग ले रहे हैं। यह सम्मेलन क्योटो पर्यावरण संधि के बाद के समय के लिए कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाने के लिए हो रहा है। क्योटो संधि 2011 में समाप्त हो रही है।वर्ष 1992 में ब्राजील में हुए रियो सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन समझौते को लेकर यूएन कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज तैयार की गई थी। क्योटो में 1997 में हुई संधि में कहा गया था कि औद्योगीकृत देश ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को 1990 के स्तर से पांच फीसदी कम करेंगे।

इस संधि पर अमेरिका ने हस्ताक्षर नहीं किया था। पिछले वर्ष कोपेनहेगन में भी जलवायु परिवर्तन को लेकर
व्यर्थ ही बीत गया जैव विविधता वर्ष
Posted on 03 Dec, 2010 08:36 AM


संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष २०१० को जैव –विविधता वर्ष घोषित किया है । ऐसा इसलिए की विश्व भर में जैव –विविधता गहरे संकट में है और इसे भी संरक्षण की जरुरत है। आदम सभ्यता ने अपने ऐश –आराम और सुख सुविधाओं के लिए सब को नजरअंदाज कर प्रकृति और पर्यावरण को बुरी तरह से हानि पहुँचाई है। इस सब से हमारा जैव विविधता चक्र प्रभावित हुआ है।

biodiversity
चांद का पानी और धरती की प्यास
Posted on 20 Nov, 2010 07:41 AM नासा ने कुछ समय पहले एक रिपोर्ट जारी की कि चांद की सतह पर मिट्टी में काफी पानी है और इसकी उपलब्धता से अंतरिक्ष यात्री चांद पर काफी दिन बिता सकते हैं।

यहां लगभग एक टन मिट्टी में 11-12 गैलन पानी मिलने की संभावना आंकी गई है। अनुसंधानकर्ताओं ने विश्लेषण के बाद बताया है कि चांद के कुछ क्षेत्र में मिट्टी में पांच प्रतिशत वजन के हिसाब से जमा पानी बर्फ के दानों के रूप में मौजूद है। इस बर्फ का उपयोग पानी के रूप में हो सकेगा और इसे कमरे के तापक्रम पर पिघला सकते हैं। अमेरिका की एक दूसरी अंतरिक्ष ऐजेंसी अमेस अनुसंधान केंद्र के ऐंथनी कोलाप्रेट ने भी इन बिंदुओं का खुलासा किया है।

बताया गया है कि चांद पर बर्फ रूप में मौजूद यह पानी पूरी सतह पर एक समान दक्षिणी ध्रुव में नहीं फैला है बल्कि अलग-अलग स्थानों पर भिन्न-भिन्न अनुपात में है। चांद के दक्षिणी ध्रुव में अंधेरा और ठंडा क्रेटर है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह
सूचना-प्रौद्योगिकी से कृषि क्षेत्र में नयी क्रान्ति
Posted on 11 Nov, 2010 09:24 AM
कृषि क्षेत्र में उत्पादन वृद्धि के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण महत्वपूर्ण है और इस क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है। सूचना प्रौद्योगिकी न केवल प्रौद्योगिकी के तेजी से विस्तार के लिए आवश्यक है बल्कि इसके उपयोग से विभिन्न कृषि कार्यों को जल्दी से और आसान तरीके से किया जा सकता है। विश्व बैंक और अन्य शोध संस्थानों के अनुसंधानों ने यह सिद्ध कर दिया कि ऑनलाइन शिक्षा, रेडियो, उ
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