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सोयाबीन में सुनहरा मौका
Posted on 09 Jun, 2018 02:48 PM


सोयाबीन की खेती (फोटो साभार - डाउन टू अर्थ)विश्व की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ आमने-सामने हैं जिसके कारण व्यापार युद्ध की प्रबल सम्भावना पैदा हो गई है।

सोयाबीन की खेती
प्लास्टिक है खतरनाक, रहिए सावधान
Posted on 09 Jun, 2018 02:48 PM

पर्यावरण से लेकर हमारे जीवन तक पर प्लास्टिक का बुरा असर सामने आ रहा है, फिर भी प्लास्टिक का उत्पादन बढ़ता

प्लास्टिक कचरा
केप टाउन का सन्देश
Posted on 22 Mar, 2018 02:32 PM


दक्षिण अफ्रीका का पश्चिमी केप राज्य, सन 2015 से सूखे की चपेट में है। सूखे का सर्वाधिक त्रास लगभग 45 लाख की आबादी वाला नगर केप टाउन भोग रहा है। नगर को पानी की पूर्ति करने वाले निकटस्थ छः बड़े बाँधों में पानी की गम्भीर कमी है।

जल संकट की चपेट में केप टाउन
जकार्ता डूब रहा है
Posted on 23 Dec, 2017 11:35 AM
जकार्ता का चालीस फीसदी हिस्सा फिलहाल समुद्र जल से नीचे है। माउरा बारू जैसे सम
सिंधु के मोर्चे पर
Posted on 14 Dec, 2016 12:48 PM

भारत- पाक आपसी सौहार्द्र से सुलझाएं मतभेदः विश्वबैंक


सिंधु नदी बेसिनसिंधु नदी बेसिनसिंधु में खून और पानी दोनों एक साथ कैसे बह सकता है? पाकिस्तान को हमसे पानी भी चाहिए और आए दिन लोगों का खून भी बहाता रहेगा। अगर इस मामले में कोई टांग अड़ाने की कोशिश करेगा तो भारत उसको दरकिनार कर देगा। भारत के इस स्पष्ट संदेश के बाद विश्वबेंक को समझ में आ गया है कि अगर कोई बाहरी ताकत से सिंधु मामले को सुलझाने की कोशिश की गई तो मामला और बिगड़ सकता है। भारत अब आर-पार के मूड में है।

विश्वबैंक ने कहा है कि सिंधु जलसंधि-1960 को सबसे सफल अतरराष्ट्रीय संधियों में से एक संधि के रूप में देखा जाता है। यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बावजूद भी बनी रही है। अब विश्वबैंक ने अपने आप को पीछे किया है और भारत-पाकिस्तान से उम्मीद की है कि वे आपस में कोई नया समझौता कर लें। विश्वबैंक द्वारा उठाए गए इस कदम का भारत ने स्वागत किया है।

Jim Yong Kim
ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਰਾਹੀ ਕੁਪੋਸ਼ਣ ਨੂੰ ਦਿੱਤੀ ਮਾਤ
Posted on 07 Oct, 2016 01:35 PM
ਹੁਮਲਾ ਜਿਲ੍ਹੇ ਵਿੱਚ ਔਰਤਾਂ ਦੇ ਗਰੁੱਪ ਨੇ ਆਫ ਸੀਜ਼ਨ ਵਿੱਚ ਜੈਵਿਕ ਤਰੀਕਿਆ
सिंधु जल-संधि पर सोचे भारत
Posted on 24 Sep, 2016 03:47 PM
आजादी के बाद से ही पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ लड़ाईयाँ लड़ता रहा है। शुरू में उसने सीधा हमला करके भारत को परास्त करने की कोशिश की। पर होता रहा उल्टा; जब भी उसने हमला किया, मुँह की खाता रहा।

धीरे-धीरे पाकिस्तान समझ गया कि सीधी लड़ाई में भारत से वह जीत नहीं सकता। इसलिये करीब 30-40 सालों से पाकिस्तान ‘प्रॉक्सीवार’ यानी छद्मयुद्ध लड़ रहा है। हथियार, पैसा, ट्रेनिंग देकर भारत के खिलाफ आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रहा है। हमेशा दुनिया की नजर में पाकिस्तान सरकार अपने को पाक-साफ दिखाना चाहती है और आतंकवादियों को ‘नॉन स्टेट प्लेयर’ के रूप में घोषित करती रहती है।
धरती की फिक्रमन्द ये महिलाएँ
Posted on 08 Mar, 2016 10:18 AM

अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस 08 मार्च 2016 पर विशेष


अक्सर हम देश या दुनिया के किसी कोने में बाढ़, अकाल, सूखी नदियों, अचानक बड़ी संख्या में जीव जन्तुओं की मृत्यु, ग्लेशियर्स पिघल कर गाँवों कस्बों की जल समाधि, भू-स्खलन या अन्य प्राकृतिक आपदाओं का कहर बरपाते देखते हैं, तो भीतर तक सिहर उठते हैं और हमारे मुँह से निकल पड़ता है, ‘उफ, ये तो पर्यावरण के नाश के नतीजे हैं। हम अब भी नहीं चेते तो दुनिया बर्बाद हो जाएगी।’ हम तो बस कह कर रह जाते हैं, लेकिन दुनिया की कई महिलाओं ने पर्यावरण की रक्षा के लिये काफी कुछ किया है। हम चाहें तो इन पर्यावरण मित्र महिलाओं से प्रेरणा लेकर खुद भी बहुत कुछ कर सकते हैं। जानते हैं कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में।

रोहिणी निलेकणी


.रोहिणी निलेकणी, चैरिटेबल ट्रस्ट अर्घ्यम फाउंडेशन की संस्थापक चेयरपर्सन हैं। पानी-पर्यावरण के क्षेत्र में उनका योगदान देश-दुनिया में जाना जाता है। पिछले एक दशक में उन्होंने पानी-पर्यावरण, शिक्षा और सेनिटेशन जैसे विभिन्न सेक्टरों में बड़ा निवेश किया है। यह निवेश किसी कारोबार के लिये नहीं बल्कि परोपकार और दान देने के लिये है। पानी और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर काम करने वाले लोगों और संस्थाओं को स्वदेशी मदद देने के लिये ही अर्घ्यम जैसी संस्था बनाई। रोहिणी ने पर्यावरण के क्षेत्र में बड़ी दानदाता के रूप में अपनी छवि बनाई है।
बेहाल नेपाल
Posted on 02 May, 2015 08:03 AM जो नेपाल और खासकर काठमाण्डू इस मौसम में सैलानियों का स्वर्ग बन जाय
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