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जलमंत्री कपिल मिश्रा को भी लगा राजरोग
Posted on 15 Apr, 2017 04:05 PM


परसों खबर मिली कि विशेषज्ञ समिति ने माना है कि श्री श्री रविशंकर द्वारा गत वर्ष यमुना पर किये आयोजन के कारण यमुना की क्षति हुई है। कल खबर मिली कि दिल्ली के जलसंसाधन मंत्री श्री कपिल मिश्रा ने विशेषज्ञ समिति के निष्कर्षों का मजाक ही नहीं उड़ाया, बल्कि श्री श्री को पुनः यमुना तट पर आयोजन हेतु आमंत्रित भी किया है। मजाक भी किसी प्राइवेट लिमिटेड विशेषज्ञ समिति का नहीं, बल्कि खुद भारत सरकार के जलसंसाधन मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति का उड़ाया गया है।

 

दुखद भी, अविश्वसनीय भी


मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि पर्यावरण विशेषज्ञ समिति का मजाक उड़ाने वाला यह शख्स वही है, जिसे मैंने पर्यावरण के जाने-माने विशेषज्ञ स्व. श्री अनुपम मिश्र की अन्तिम संस्कार के मौके पर गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान से लेकर निगम बोध घाट तक हर जगह घंटों हाथ बाँधे खड़ा देखा था।

वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल का पोस्टर
गंगा मैली करने पर होगी जेल
Posted on 15 Apr, 2017 11:48 AM
गंगा-यमुना समेत देश की तमाम नदियों को प्रदूषण के रोग से मुक्ति दिलाने के लिये न्यायपालिका के सक्रिय होने से इस महाअभियान में तेजी सी आ गई है। उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा गंगा नदी को जीवित व्यक्ति के समान दर्जा दिए जाने को हफ्ता भर भी नहीं बीता कि विशेषज्ञों की समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट (मॉडल कानून) सौंप दी। रिपोर्ट में सरकार से नदियों के प्रवाह को बाधित करने और उसे मैला करने वालों पर सख्त
प्रदूषित गंगा नदी
जल जीवन की कविताएँ
Posted on 15 Apr, 2017 10:44 AM (एक)
चुल्लू भर
डूबने के लिये
ओक भर
प्यास के लिये
अंजूरी भर
किस के कमंडल में
विध्वंस के लिये
यहाँ तो
आँख भर बचा हैं
जिस में डबडबाता है
काला हीरा।

(दो)
धूप सूख कर
काँटा हुई
हवा सूख कर
हुई प्यास
पानी सूख कर
धरती
धरती सूख कर
हो गई आकाश
बादल पसीज कर
पानी न हुआ।
पृथ्वी को लेकर बदलना होगा नजरिया
Posted on 15 Apr, 2017 10:25 AM

पृथ्वी दिवस, 22 अप्रैल 2017 पर विशेष


संकट में पृथ्वीतमाम वैज्ञानिकों और महापुरुषों ने प्रकृति या कह लें कि पृथ्वी को बचाने के लिये तमाम बातें कही हैं, लेकिन मानव का रवैया कभी भी प्रकृति या पृथ्वी को लेकर उदार नहीं रहा। लोग यही मानते रहे कि वे पूरी पृथ्वी के कर्ता-धर्ता हैं। मानव ने पृथ्वी के अंगों पेड़-पौधे, हवा, पानी, जानवर के साथ क्रूर व्यवहार किया। जबकि सच यह है कि दूसरे अंगों की तरह ही मानव भी पृथ्वी या प्रकृति का एक अंग भर है। पृथ्वी का मालिक नहीं।

दूसरी बात यह है कि पृथ्वी के दूसरे अंग पेड़-पौधे और पानी भी मानव की तरह ही हैं। उनमें भी जीवन है और उन्हें भी अपनी सुरक्षा, देखभाल करने का उतना ही अधिकार है जितना एक आदमी को। हाल ही में उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में इस आधार को मजबूती दी है। हाईकोर्ट ने नदी को मानव का दर्जा दिया है। यही नहीं, इनके अभिभावक भी तय कर दिये हैं, जिनका काम नदियों को संरक्षित और सुरक्षित करना होगा।

संकट में पृथ्वी
‘कड़वी हवा’ का जिक्र एक मीठा एहसास
Posted on 13 Apr, 2017 03:37 PM

64वें राष्ट्रीय पुरस्कार में फिल्म कड़वी हवा की सराहना



कड़वी हवाकड़वी हवाइस बार के नेशनल अवार्ड में सामाजिक मुद्दों पर फिल्में बनाने वाले फिल्म निर्देशक नील माधब पांडा की ताजा फिल्म ‘कड़वी हवा’ का विशेष तौर पर जिक्र (स्पेशल मेंशन) किया गया।

स्पेशल मेंशन में फिल्म की सराहना की जाती है और एक सर्टिफिकेट दिया जाता है, बस! बॉलीवुड से गायब होते सामाजिक मुद्दों के बीच सूखा और बढ़ते जलस्तर के मुद्दों पर बनी कड़वी हवा की सराहना और सर्टिफिकेट मिलना राहत देने वाली बात है।

फिल्म की कहानी दो ज्वलन्त मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमती है-जलवायु परिवर्तन से बढ़ता जलस्तर व सूखा। फिल्म में एक तरफ सूखाग्रस्त बुन्देलखण्ड है तो दूसरी तरफ ओड़िशा के तटीय क्षेत्र हैं। बुन्देलखण्ड पिछले साल भीषण सूखा पड़ने के कारण सुर्खियों था। खबरें यह भी आई थीं कि अनाज नहीं होने के कारण लोगों को घास की रोटियाँ खानी पड़ी थी। कई खेतिहरों को घर-बार छोड़कर रोजी-रोजगार के लिये शहरों की तरफ पलायन करना पड़ा था।
पानी का गणित
Posted on 13 Apr, 2017 12:15 PM
जल संकट के इस गम्भीर दौर में पानी के गणित को समझना होगा। अब हम समझ लें कि भारत में स्थानीय समस्याओं, स्थिति, भूगोल, भूगर्भ की रचना के साथ पानी के संरक्षण, प्रबंधन और संग्रहण को कैसे किया जाए। यह जरूरी है कि सतही जल प्रणालियों को फिर से जिंदा करें। परम्परागत जल स्रोत भूमिगत जल को रिचार्ज करने में चमत्कारिक परिणाम दे सकते हैं।

ख्वाबों के जंगल, हकीकत के आरे
Posted on 13 Apr, 2017 11:27 AM

बिजली बनाने के लिये जंगल काटने का नया खेल चल पड़ा है। कार्बन क्रेडिट कमाने के नाम पर हो र

दो कदम स्वच्छता की ओर
Posted on 13 Apr, 2017 10:57 AM


सम्पूर्ण स्वच्छता वाला पहला बड़ा राज्य बन जाने के बाद अब हिमाचल प्रदेश ने साफ-सफाई बनाए रखने के लिये कचरा प्रबंधन की भी समुचित व्यवस्था कर ली है। लेकिन बड़ी संख्या में पर्यटकों के आवागमन से ये प्रयास पटरी से उतर सकते हैं

सेनिटेशन
खेती को फायदेमन्द बनाने की खातिर
Posted on 11 Apr, 2017 11:59 AM
सिंचाई किसानों के लिये समस्या बनी हुई है। कुल खेती-बाड़ी के म
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