दिल्ली

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जल, ज़मीन और हवा का हक
Posted on 13 Oct, 2011 05:30 PM

भूमि, हवा आदि आदिवासियों की है, इसलिए वहां जो कोई परियोजना लगती है, उसमें पचास फीसद हिस्सा आदिव

खेत को खाती खाद
Posted on 13 Oct, 2011 04:57 PM

दो दशक पहले तक देश की कृषि पर्यावरण अंसतुलन की मार से बची हुई थी, लेकिन अब जंगलों की अंधाधुंध क

fertilizer mill
शेखावटीः जैविक खेती और बाजार प्रणाली
Posted on 13 Oct, 2011 03:14 PM

प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से किसानों को जैविक खेती की पद्धति का बारीक प्रशिक्षण दिया गया। नती

पर्यावरणविद् चण्‍डी प्रसाद भट्ट पर कार्यक्रम 19 को
Posted on 14 Jul, 2011 10:49 PM

नई दिल्‍ली : इंडिया इंटरनेशनल सेंटर और पहाड़ के संयुक्‍त तत्‍वावधान में वरिष्‍ठ पर्यावरणविद् और चिपको आंदोलन के कार्यकर्ता चण्‍डीप्रसाद भट्ट के जीवन और उनके कार्यों को रेखांकित करने के लिए आइआइसी ऑडिटोरियम, लोधी रोड, नई दिल्‍ली में 19 जुलाई, 2011 को शाम 6.30 बजे विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। वह भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। उन्‍होंने पर्यावरणीय आंदोलन के विकास में भारत और देश के ब

सीएसई का बारहवां मीडिया फैलोशिप- आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ायी गई
Posted on 14 Jul, 2011 06:45 PM सेंटर फॉर साईंस एंड एन्वायर्न्मेंट (सीएसई) की पापिया समजदार से प्राप्त सूचना के अनुसार सीएसई के बारहवें मीडिया फैलोशिप- वाटरबॉडीज इन इंडिया: पब्लिक स्पेस, प्राइवेट डिजायन- में आवेदन करने की अंतिम तिथि बढाकर 31 मई,2011 कर दी गई है। इस सिलसिले में किसी भी स्पष्टीकरण के लिए कृपया निम्नलिखित नंबर पर फोन या फैक्स करें- फोन: 011-29955124, 29955125, फैक्स: 011-29955879' 9811906977
लक्ष्य से चूकता देश
Posted on 30 May, 2011 11:23 AM ग्यारह साल पहले यानी 2000 में सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य तय किए गए तो पूरी दुनिया ने इसका स्वागत किया। कहा गया कि बुनियादी समस्याओं के समाधान की राह में अहम कदम उठा लिया गया है। तकरीबन डेढ़ सौ देशों की सहभागिता वाले इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए दुनिया के स्तर पर काफी पैसे भी जुटाए गए। तय हुआ कि ये आठ लक्ष्य 2015 तक पूरे कर लिए जाएंगे। अब महज चार साल ही बचे हैं। ऐसे में इन लक्ष्यों को पाने को लेकर संदेह गहराता जा रहा है। न लक्ष्यों को पाने की दिशा में अपेक्षित प्रगति नहीं होने के लिए विकासशील देशों के रवैए के साथ-साथ विकसित देशों की वादाखिलाफी को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।
अब 'पानी लाने लगा' है आंदोलन
Posted on 24 Apr, 2011 10:50 AM नई दिल्ली। यमुना बचाओ आंदोलन अब रंग लाने लगा है। आंदोलनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को यमुना के वजीराबाद और आईटीओ स्थित यमुना में पानी का जायजा लिया। स्थानीय लोगों व गोताखोरों ने आंदोलनकारियों को बताया कि यमुना में पानी की बढ़ोतरी हुई हैं। जलस्तर भी पहले से बढ़ा हुआ पाया गया। इस मसले पर सरकार और आंदोलनकारियों के बीच औपचारिक बातचीत सोमवार को होगी। सार्वजनिक अवकाश होने की वजह से सरकार की ओर से
यमुना बचाओ आन्दोलन
सीपीसीबी द्वारा पुस्तक लेखन के लिए पुरस्कार
Posted on 15 Apr, 2011 04:56 PM

प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण योजना एवं प्रबंधन से संबंधित विषयों पर हिन्दी में मौलिक पुस्तक लेखन के लिए पुरस्कार योजना वर्ष-2011


केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली ने प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण योजना एवं प्रबंधन से संबंधित विषयों पर हिन्दी में अच्छे स्तर की मौलिक पुस्तकें लिखने के लिए जन-साधारण को पुरस्कार देने की योजनाएं 2011 लागू की है। इस योजना की प्रमुख बातें निम्नलिखित हैः

1. योजना का नाम


इस योजना का नाम “प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण योजना एवं प्रबंधन से संबंधित विषयों पर हिन्दी में मौलिक पुस्तक लेखन के लिए पुरस्कार” है।
हाहाकार में न बदल जाए पानी का शोर
Posted on 24 Mar, 2011 05:14 PM

सन् 2020 तक जिस भारत को हम विकसित राष्ट्र की श्रेणी में देखना चाहते हैं, पानी के हाहाकार के आगे

भविष्य के लिए पानी बचाने का जतन
Posted on 05 Mar, 2011 08:35 AM

भूजल संरक्षण के लिए समय रहते चेतना जरूरी है।भूजल का अत्यधिक दोहन रोकने के लिए दिल्ली जल बोर्ड संशोधन अधिनियम 2011 को स्वीकृत प्रदान कर दी गई है। अधिनियम को स्वीकृति मिलने के बाद जल बोर्ड की स्वीकृति बिना भूजल नहीं निकाला जा सकेगा। निरंतर पानी की कमी से जूझते अपने देश में जल नियमन का कोई एकीकृत कानून नहीं है। वैसे जल उपयोग से जुड़े अंतर्राज्यीय, अंतर्राष्ट्रीय, संवैधानिक प्रावधान देश में कई बने

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