दिल्ली

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बेकाबू इंसान और टेक्नालॉजी
Posted on 25 Jul, 2011 03:11 PM

भारत में अगर गली-गली में इस तरह रेडियोएक्टिव पदार्थ मिल रहे हैं और भारत सरकार के सबसे सुरक्षित

प्रकृति का रोमांच है बरखा
Posted on 25 Jul, 2011 11:04 AM मानसून शब्द भारत के बाहर से आया हुआ लगता है। बाहर से आया हो या देशज हो, ध्यान में आते ही बादलों की गड़गड़ाहट और मूसलाधार बारिश का दृश्य और आवाज मन पर छा जाती है। भारतीय साहित्य मेघ और वर्षा से भरा है। घोर ग्रीष्म-ताप के बाद वर्षा आती है।
धान रोपने की तैयारी में जुटा कृषक
बहुत लंबा सफर तय करती है बारिश
Posted on 20 Jul, 2011 02:11 PM बच्चों, यह तो आप जानते ही हो कि आजकल मॉनसून का मौसम चल रही है जिसमें खूब बरसात होती है, लेकिन क्या आप यह भी जानते हो कि बारिश होती कैसे है?
जल बंटवारे पर राज्यों का उबाल
Posted on 20 Jul, 2011 09:52 AM

हरियाणा ने द्वारका और ओखला को पानी देने से किया इनकार। दिल्ली-हरियाणा यमुना जल विवाद अब यमुना

दिल्ली नगर निगम
Posted on 16 Jul, 2011 09:27 AM पर्यावरण प्रबंधन सेवाएं विभाग (सार्वजनिक सूचना)
नागरिक कृपया ध्यान दें! यदि आपको कूड़े या सफाई से संबंधित कोई भी शिकायत है तो उसके निवारण हेतु हमारे नोडल अधिकारियों से दूरभाष, ई-मेल के द्वारा अथवा व्यक्तिगत रूप से संपर्क करें।
दवा का मर्ज बन जाना
Posted on 15 Jul, 2011 12:19 PM

रासायनिक सहायक औषधि मात्र 4 माह तक औषधि को सुरक्षित रख पाती है। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने

जल बचाएं और मानसून से संबंध प्रगाढ़ बनाएं
Posted on 15 Jul, 2011 09:10 AM

हमारे शहरों और खेतों में होने वाली बारिश का उत्सव कैसे मनाया जाए?

उद्योग, विकास और पर्यावरण
Posted on 14 Jul, 2011 04:22 PM

हमें यह सोचना होगा कि पर्यावरण को क्षति पहुंचाए बिना औद्योगीकरण कैसे हो सकता है ताकि रोज़गार के

जल जीव भी हैं खतरे में
Posted on 14 Jul, 2011 08:31 AM

कभी बड़ी संख्या में पाए जाने वाले घड़ियाल, कछुआ, मछली और मेंढक जैसे जल-जीवों का अस्तित्व संकट में है। इनमें कुछ जीव संरक्षित घोषित हैं फिर भी इनका अवैध शिकार हो रहा है। कछुए को 1985 में संरक्षित घोषित किया गया था। कुछ माह पूर्व उत्तराखंड के शिकारगंज में चार लोगों के पास दुर्लभ जाति के 80 कछुए बरामद हुए। नवम्बर 2010 में बंगलुरू में शिकारियों के पास 128 कछुए पकड़े गये। देश में प्रतिवर्ष हजारों कछ

मगरमच्छ
पवन : मंद समीर या भयावह चक्रवात
Posted on 13 Jul, 2011 10:44 AM सामान्य आदमी के लिए पवन का अर्थ मंद-मंद बहने वाली बयार भी हो सकता है और तबाही का तांडव नृत्य करने वाला चक्रवात भी; मन को प्रफुल्लित कर देने वाली समीर भी हो सकता है और रेगिस्तान के धूल भरे अंधड़ भी; तपती दोपहरी की लू भी हो सकता है और जीवनदायनी वर्षा लाने वाला मानसून भी। परंतु मौसम-वैज्ञानिक की दृष्टि से “पवन” बहती हुई पवन है जिसमें ऊर्जा कूट-कूट कर भरी होती है। यह ऊर्जा अत्यंत विलक्षण कार्य कर सकती
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