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भूमिगत जल में फ्लोराइड की मात्रा
Posted on 17 Dec, 2014 04:41 PM फ्लोराइड भी एक ऐसा तत्व है जिसकी कमी दन्तक्षरण और हड्डियों के अपूर
जल प्रदूषण एक गम्भीर समस्या
Posted on 17 Dec, 2014 02:25 PM

जल प्रदूषण रूपी इस महाकाल का जनक स्वयं मानव है जो अपनी विभिन्न क्रिया कलापों से जल प्रदूषण की स

भविष्य के लिए जल संरक्षण आवश्यक
Posted on 17 Dec, 2014 01:30 PM वर्षा के जल का संचय विशेष रूप से बनाए गए तालाबों, जलाशयों, गड्ढों
दहेज में पानी
Posted on 17 Dec, 2014 11:56 AM दहेज में पानीपहले लोग दहेज में हाथी घोड़े मांगते थे, फिर जमाना बदला गाँव-गाँव, शहर-शहर बिजली आई तो लोग टी.वी., पंखा, गाड़ी आदि माँगने लगे। अगर हम बढ़ते जल संकट के बारे में न
गाँवों में जल के बिना कल
Posted on 16 Dec, 2014 11:49 AM मानसून के अनिश्चित मिजाज़ की वजह से भारतीय कृषि सदैव अनिश्चितता का
કુદરતની અજબ કરામત જળધોધ...!!!
Posted on 16 Dec, 2014 06:54 AM પ્રાચિનકાળથી વિવિધ પ્રદેશોના લોકો પાણી માટે ઝઘડતા આવ્યા છે.
जहरीले होते खाद्य पदार्थ
Posted on 15 Dec, 2014 12:21 PM जल्द मुनाफा कमाने के चक्कर में फलों को कार्बाइड से पकाया जाता है। आ
poison in food
पर्यावरण से प्रतिद्वन्द्विता
Posted on 14 Dec, 2014 10:24 AM केंद्र की नई सरकार में पर्यावरण की अनदेखी तो मन्त्रिमण्डल गठन से ही प्रारम्भ हो गई थी जब कोई पूर्णकालीन पर्यावरण व वन मन्त्री नहीं बनाया गया। प्रकाश जावड़ेकर को वन व पर्यावरण मन्त्रालय के साथ सूचना व प्रसारण दिया गया था। इसके बाद निर्धारित समय में सर्वोच्च न्यायालय में मन्त्रालय ने उत्तराखण्ड की जलविद्युत परियोजनाओं से जैव विविधता पर पड़ रहे प्रभाव की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की। यह रिपोर्ट 10 अक्टूबर 2014 को न्यायालय में प्रस्तुत की जानी थी। इस लेटलतीफी से नाराज होकर न्यायालय ने सरकार से कहा कि वह कुम्भकर्ण जैसा व्यवहार कर रही है।

पिछली यूपीए सरकार में पर्यावरण सम्बन्धित काफी कठोर नियम कानून बनाए थे, जिससे कई उद्योगपति एवं औद्योगिक घराने नाराज थे। यह दलील दी जा रही थी कि कठोर नियम कानून से देश में पूँजी निवेश एवं आर्थिक विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
सांसद आदर्श ग्राम योजना : समावेशी विकास का ब्लू प्रिन्ट
Posted on 13 Dec, 2014 02:19 PM
महात्मा गांधी मानते थे कि गाँवों की सेवा करने से ही सच्चे अर्थों में ग्राम स्वराज की स्थापना होगी। उनकी कल्पना का गाँव ऐसा आदर्श गाँव था जो अपनी महत्वपूर्ण जरूरतों के मामले में आत्मनिर्भर हो। इतना आत्मनिर्भर होगा कि वह अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये पड़ोसियों पर भी निर्भर नहीं होगा। यदि कुछ जरूरतें, जिनके लिये सहयोग अनिवार्य है, बच रहतीं हैं, तो वह पड़ोसियों की मदद लेगा। गाँव में अपनी खु
Sansad adarsh gram yojna
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