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नदी संस्कृति - जानना जरूरी क्यों
Posted on 04 Mar, 2018 12:13 PM
21वीं सदी में हम नदियों को माँ कहते जरूर हैं, लेकिन नदियों को माँ मानने का हम
Arun tiwari
सी. वी. रमण की जलचेतना और भारत के जल सम्बन्धी प्रयास
Posted on 03 Mar, 2018 03:56 PM
प्रायः हम सभी लोग हमारे एकमात्र विशुद्ध भारतीय नोबेल विजेता वैज्ञानिक सर सी. वी. रमण यानि चन्द्रशेखर वेंकट रमण को उनके भौतिक शास्त्र के अनुसन्धानों विशेष रूप से प्रकाश विज्ञान के उनके रमन प्रभाव के लिये जानते हैं। सूक्ष्म अवलोकन किया जाये तो वास्तव में रमण के शोधों का जल से गहरा सम्बन्ध है। रमन प्रभाव की उत्पत्ति के आधार में समुद्री जल के नीले रंग के दिखने के प्रश्न के वैज्ञानिक समाधान समाहित हैं।

कहते हैं कि सन 1921 में जब सर सी. वी. रमण ऑक्सफोर्ड में आयोजित हुई विश्वविद्यालयों की कांग्रेस में भाग लेकर जलयान से भारत वापस आ रहे थे
चन्द्रशेखर वेंकट रमण
कृषि आय बढ़ाने वाली कम लागत की तकनीकें
Posted on 03 Mar, 2018 12:45 PM

कृषि क्षेत्र में भी ऐसी सम्भावनाओं की कमी नहीं है जिनसे सम्मानजनक आय की प्राप्ति की जा सकती है। केन्द्र और राज्य सरकारों की ओर से भी ऐसी योजनाओं और कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर किया जाता है जिनका उद्देश्य कृषक समुदाय को आधुनिक कृषि तकनीकें अपनाने के लिये प्रेरित करना है। सीमान्त, छोटे और मझोले किसानों के लिये कृषि को लाभदायी बनाने, कम लागत की खेतीबाड़ी की तकनीकों, समेकित कृषि प्रणाली, खेती के साथ पशुपालन, शूकर पालन, मात्स्यिकी, मधुमक्खी पालन, रेशम उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, जैविक खेती, वैज्ञानिक खेती के विभिन्न आयामों आदि पर आधारित तमाम कृषि प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों एवं तकनीकों का विकास किया गया है।

इस वास्तविकता से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आज भी हमारे देश में बहुसंख्यक किसान सीमान्त या लघु कृषकों की श्रेणी में आते हैं। मोटे तौर पर ऐसे कृषकों से आशय है एक हेक्टेयर से कम भूमि जोत वाले कृषक। इनमें से अधिकांश किसानों की पैदावार अपने परिवार के लिये गुजर-बसर करने लायक खाद्यान्न के उत्पादन तक ही सिमटी हुई है। सरप्लस उपज तो बहुत दूर की बात है- बाढ़, सूखा या अन्य विपदाओं के कारण किसानों के लिये कभी-कभी तो खेती की लागत भी निकालनी मुश्किल पड़ जाती है। अच्छी उपज मिल भी जाये तो उचित मूल्य मिलना मुश्किल होता है।

फलों-सब्जियों जैसी शीघ्र खराब होने वाली फसलों को भी उन्हें मजबूरी में स्थानीय खरीददारों के हाथों में औने-पौने दामों में बेचना पड़ जाता है। ऐसे ही तमाम कारणों के कारण वर्तमान में किसान परिवार के बच्चे खेती को आय अर्जन का आधार बनाने से कतराते हैं और रोजगार की तलाश में शहरों की तरफ पलायन करने को कहीं बेहतर विकल्प समझते हैं।
स्वच्छता की यह आदत जरूरी है
Posted on 01 Mar, 2018 05:57 PM
स्वस्थ बचपन के लिये साफ-सफाई बहुत जरूरी है। स्वच्छता की बुनियादी आदतें ही अगर जीवन में उतार ली जाएँ, तब भी हमारे नौनिहाल कई बीमारियों से बच सकते हैं। ऐसा करना तब और जरूरी हो जाता है, जब डायरिया भारत में असमय मौत का तीसरा बड़ा कारण बन गया हो। साफ-सफाई की आदतें हमारे बच्चों को किस तरह निरोग रख सकती हैं, बता रही हैं संचिता शर्मा।
विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिये संचारकों को राष्ट्रीय पुरस्कार
Posted on 01 Mar, 2018 08:15 AM


राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) की ओर से बुधवार को वर्ष 2017 के लिये विज्ञान संचारकों को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, भू-विज्ञान, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ये पुरस्कार प्रदान किए हैं।

National Awards for Science Communicators
हरित सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने में मददगार हो सकता है यह ऐप
Posted on 01 Mar, 2018 08:04 AM
नई दिल्ली : भारत सामूहिक प्रयास से पोलियो जैसी बीमारी को समूल नष्ट कर सकता है तो जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौती का सामना करने के लिये भी हम तैयार हैं। तकनीक के साथ-साथ इसके लिये जनभागीदारी की भूमिका बेहद अहम है। यह बात बुधवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ.
समन्वित कृषि प्रणाली से होंगे किसान समृद्ध
Posted on 27 Feb, 2018 06:40 PM
समन्वित कृषि प्रणाली के बारे में समग्र और अभिनव दृष्टिकोण से
मृदा स्वास्थ्य का संरक्षण
Posted on 26 Feb, 2018 02:47 PM
मृदा स्वास्थ्य कार्ड से किसानों को मृदा में पोषक तत्वों के व
महिला स्वास्थ्य व सेनिटरी पैड पर सार्थक बहस छेड़ती पैडमैन
Posted on 25 Feb, 2018 01:43 PM

फिल्म रिव्यू


फिल्म का नाम – पैडमैन
निर्देशक- आर. बाल्की
लेखक – आर. बाल्की व स्वानंद किरकिरे (सह-लेखक)
कलाकार – अक्षय कुमार, सोनम कपूर व राधिका आप्टे
संगीत – अमित त्रिवेदी
समय सीमा – 140 मिनट

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