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आईआईटी ने गोद लिये पाँच गाँव
Posted on 30 Aug, 2016 04:23 PM
आईआईटी कानपुर ने अपने उन गाँवों के नाम भी तय कर लिये हैं, जिन
इतनी बुरी भी नहीं बाढ़
Posted on 30 Aug, 2016 04:06 PM


बाढ़ के कारणों पर चर्चा के शुरू में ही एक बात साफ कर देनी जरूरी है कि बाढ़ बुरी नहीं होती; बुरी होती है एक सीमा से अधिक उसकी तीव्रता तथा उसका जरूरत से ज्यादा दिनों तक टिक जाना। बाढ़, नुकसान से ज्यादा नफा देती है। बाढ़ की एक सीमा से अधिक तीव्रता व टिकाऊपन, नफे से ज्यादा नुकसान देते हैं।

एक सीमा से अधिक वेग मिट्टी, पानी और खेती के लिहाज से बाढ़ वरदान होती हैै। प्राकृतिक बाढ़ अपने साथ उपजाऊ मिट्टी, मछलियाँ और अगली फसल में अधिक उत्पादन लाती है। यह बाढ़ ही होती है कि जो नदी और उसके बाढ़ क्षेत्र के जल व मिट्टी का शोधन करती है। बाढ़ ही भूजल भण्डारों को उपयोेगी जल से भर देती है। इस नाते बाढ़, जलचक्र के सन्तुलन की एक प्राकृतिक और जरूरी प्रक्रिया है। इसे आना ही चाहिए।

पर्यावरण संरक्षण के लिये वन्य जीव संरक्षण आवश्यक
Posted on 30 Aug, 2016 12:22 PM
विकास की दौड़ में इंसान इतनी तेजी से आगे निकल चुका है, कि कई अहम चीजों को नजरअंदाज कर चुका है, वो ये भूल चुका है कि अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिये, उसको उन सभी का संतुलन बनाए रखना होगा, जो उसे प्राकृतिक रूप से मिलता है, जिसे हम पारिस्थितिकी तंत्र या इकोसिस्टम कहते हैं। आज मानवजाति का अस्तित्व इसीलिये भी खतरे में है क्योंकि इंसान ने पारिस्थितिकी तंत्र को ही बिगाड़ दिया है। बढ़ती आबादी और जंग
तापमान में वृद्धि जलवायु परिवर्तन और वर्तमान राजनीति
Posted on 30 Aug, 2016 12:05 PM
औद्योगिक विकास के वर्तमान स्वरूप ने शहरीकरण पर जोर दिया जिसके चलते गाँवों से लोगों का पलायन हुआ और नगरों में कंक्रीट के जाल बिछ गए। कृषि योग्य भूमि पर गगनचुम्बी इमारतों का अंधाधुंध तरीके से निर्माण हुआ। इसके लिये कहीं पेड़ों को काटकर जंगलों का विनाश कर दिया गया तो कहीं आबादी को बसाने के लिये नदियों के किनारों को पाट दिया गया। उत्तराखण्ड के पर्यटन स्थलों केदारनाथ और नैनीताल में आवासीय होटल
केन-बेतवा लिंक बुन्देलखण्ड को बाढ़-सुखाड़ में डुबोकर मारने का काम है- राजेन्द्र सिंह
Posted on 29 Aug, 2016 03:02 PM


अरुण तिवारी द्वारा जलपुरुष राजेन्द्र सिंह से बातचीत पर आधारित साक्षात्कार

राजेन्द्र सिंहराजेन्द्र सिंह सुना है कि पानी के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार आजकल आपके मार्गदर्शन में काम रही है?
मेरा सहयोग तो सिर्फ तकनीकी सलाहकार के रूप में है। वह भी मैं अपनी मर्जी से जाता हूँ।

उत्तर प्रदेश सरकार अपने विज्ञापनों में आपके फोटो का इस्तेमाल कर रही है। ऐसा लगता है कि आप अखिलेश सरकार से काफी करीबी से जुड़े हुए हैं। पानी प्रबन्धन के मामले में क्या आप सरकार के कामों से सन्तुष्ट हैं?

कुछ काम अच्छे जरूर हुए हैं। लेकिन सरकार के प्लान ऐसे नहीं दिखते कि वे राज्य को बाढ़-सुखाड़ मुक्त बनाने को लेकर बनाए व चलाए जा रहे हों। बाढ़-सुखाड़ तब तक आते रहेंगे, जब तक कि आप पानी को ठीक से पकड़ने के काम नहीं करेंगे।

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