छत्तीसगढ़

Term Path Alias

/regions/chattisgarh

छत्तीसगढ़ में नदी के पानी की जमींदारी
Posted on 04 Aug, 2012 03:50 PM छत्तीसगढ़ में कई नदियों पर निजी जमींदारी दी जा रही है। निजी कंपनियों को मनमाना पानी उपलब्ध कराने के लिए नदियों पर बैराज बन रहे हैं। बैराज बनाते ही मूल धारा से पानी गायब हो जाता है। आम लोगों की जिंदगी मुश्किल होती जा रही है। अब राज्य की हर छोटी-बड़ी नदी पर बांध बनाए जा रहे हैं और इन नए बांधों का उद्देश्य सिंचाई के लिए पानी नहीं उपलब्ध कराना है बल्कि औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाना है। किसानों का
छत्तीसगढ़ी बोली में पानी पर काव्य रचनाएं
Posted on 20 Jan, 2012 04:57 PM डॉ. पीसी लाल यादव द्वारा रचित “पानी” कविता छत्तीसगढ़ बोली में पानी के विभिन्न रंगों को उकेरती है। आज हमारे जीवन में पानी का कितना महत्व है तथा हमारे पूर्वज कैसे तालाब, कुआं, ताल तलैया आदि खुदवा कर पानी को संरक्षित करते थे आदि इस कविता में बहुत सरल तरीके से बताया गया है। कविता हमें यह भी बताती है कि अपने शहर गांव में रेनवाटर हार्वेस्टिंग, तालाब, कुआं आदि का निर्माण कर पानी को संरक्षित करें।
रक्षक ही भक्षक
Posted on 19 Dec, 2011 02:41 PM

वर्तमान में करीब 22 टाइगर का होना बताया जा रहा है। वन्यजीवों पर हो रहे अपराध पर वन विभाग का नि

खनन व उद्योगों ने बढ़ाया प्रदूषण
Posted on 07 Dec, 2011 03:14 PM

राज्य विपुल खनिज संपदा सहित जमीन व पानी की उपलब्धता सहित तमाम सुविधाओं के कारण बड़े उद्योग समू

पानी और इंजेक्शन से बना रहे दूध!
Posted on 19 Sep, 2011 02:43 PM

प्रदेश के विभिन्न शहरों में दुग्ध संघ द्वारा संचालित संस्थाओं के माध्यम से दूध की सप्लाई की जा

चित्रकोट-बस्तर का नयनाभिराम जलप्रपात
Posted on 16 Aug, 2011 01:16 PM

आपको यदि वाटर-फॉल्स के बाबत पूछा जाए तो यकीनन आप दुनियाभर में मशहूर नियाग्रा के जलप्रपात की ही चर्चा में मशगूल हो जाएंगे, लेकिन भारत में ही टूरिज्म के इतने अनछुए स्पॉट्स हैं और सदियों से अनछुए पड़े हैं कि भारत के लोग भी उनके बारे में कम ही जानते हैं। छत्तीसगढ़ में बस्तर अंचल में जगदलपुर का 'चित्रकोट जलप्रपात' इतना मनमोहक और आकर्षक है कि इसे भारत का नियाग्रा कहने वालों की भी कमी नहीं है। बस्तर म

चित्रकोट जलप्रपात
45 साल बाद इंद्रावती का आंचल सूखा
Posted on 09 Aug, 2011 08:33 AM जगदलपुर (ब्यूरो)। सावन अब बीतने को है और बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती अभी प्यासी है। इस मौसम में अपने रौद्र रूप से डराने वाली इंद्रावती का जलस्तर तीन मीटर के निशान को भी पार नहीं कर सका है। इसकी प्रमुख सहायक नदियां भस्केल, नारंगी, मार्कण्डेय, शंखिनी, डंकनी, मिंगाचल में भी पानी की स्थिति संतोषजनक नहीं है। पिछले सौ सालों में यह तीसरी बार है,जब इंद्रावती में मानसून के पहले डेढ़-दो महीने में जलस्तर ग
इंद्रावती नदी का वर्तमान स्थिति
छत्तीसगढ़िया मजदूर किसान की नियति
Posted on 05 Aug, 2011 05:13 PM

''क्या मौसम के इस तेवर से तुम्हारा दिल दहल नहीं जाता?

farmer and labour
नदी नाले के बीच प्यासा गांव बघौदा
Posted on 29 Jul, 2011 04:46 PM

लंबे समय से डबरी की सफाई नहीं होने के चलते यहां गंदगी का आलम है और पानी से बदबू आ रही है। साथ ह

छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी महानदी
Posted on 29 Jul, 2011 04:16 PM

मानव सभ्यता का उद्भव और संस्कृति का प्रारंभिक विकास नदी के किनारे ही हुआ है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में नदियों का विशेष महत्व है। भारतीय संस्कृति में ये जीवनदायिनी मां की तरह पूजनीय हैं। यहां सदियों से स्नान के समय पांच नदियों के नामों का उच्चारण तथा जल की महिमा का बखान स्वस्थ भारतीय परम्परा है। सभी नदियां भले ही अलग-अलग नामों से प्रसिद्ध हैं लेकिन उन्हें गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, महानदी

महानदी का विहंगम दृश्य
×