डॉ. पीसी लाल यादव

डॉ. पीसी लाल यादव
छत्तीसगढ़ी बोली में पानी पर काव्य रचनाएं
Posted on 20 Jan, 2012 04:57 PM
डॉ. पीसी लाल यादव द्वारा रचित “पानी” कविता छत्तीसगढ़ बोली में पानी के विभिन्न रंगों को उकेरती है। आज हमारे जीवन में पानी का कितना महत्व है तथा हमारे पूर्वज कैसे तालाब, कुआं, ताल तलैया आदि खुदवा कर पानी को संरक्षित करते थे आदि इस कविता में बहुत सरल तरीके से बताया गया है। कविता हमें यह भी बताती है कि अपने शहर गांव में रेनवाटर हार्वेस्टिंग, तालाब, कुआं आदि का निर्माण कर पानी को संरक्षित करें।
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