Posted on 25 Mar, 2010 04:00 PM माघ छठी गरजै नहीं, महँगो होय कपास। सातें देखा निर्मली, तो नाहीं कछु आस।।
भावार्थ- यदि माघ शुक्ल पक्ष की छठ को आसमान में बादल न गरजें तो कपास महँगा होगा लेकिन यदि सप्तमी को आकाश बिल्कुल स्वच्छ रहा तो कुछ भी होने की आशा नहीं है।
Posted on 25 Mar, 2010 03:38 PM पाँच सनीचर पाँच रवि, पाँच मंगर जो होय। छत्र टूट धरनी परै, अन्न महँगो होय।।
भावार्थ- भड्डरी कहते हैं कि यदि एक महीने में पाँच शनिवार, पाँच रविवार और पाँच मंगलवार पड़ें तो महा अशुभ होता है। यदि ऐसा होता है तो या तो राजा का नाश होगा या अन्न महँगा होगा।