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भारत
बिना सिंचाई के खेती में सुधार नहीं हो सकता
Posted on 23 Jun, 2023 02:50 PMभारतीय गणतंत्र की प्रथम संसद के उद्घाटन पर हम आशा कर रहे थे कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में लोकहित के लिए किसी नई नीति का प्रतिपादन होगा और जनता पर आजकल जो भारी बोझ है, उसे कम करने के लिए कोई ठोस कदम प्रस्तावित किया जाएगा। किंतु हमें बहुत निराशा हुई है। भाषण में देश की उन समस्याओं को सुलझाने की, जो हमारे सम्मुख मुंह बाए खड़ी हैं, उत्कट भावना की झलक नहीं मिली।देश के सम्मुख आज अनाज की प्रबल समस्या ह
![बिना सिंचाई के खेती में सुधार नहीं हो सकता,Pc-Bharatvarsh](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/paddy-cultivation.jpg?itok=9dnpnAgX)
सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली एक बेहतर विकल्प
Posted on 09 Jun, 2023 04:47 PMकिसी भी देश को आगे ले जाने के लिए कृषि के योगदान को नकारा नहीं जा सकता।क्योंकि कृषि का योगदान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में सहायक होता है जबकि ऐसे समय में जब जनसंख्या लगातार बढ़ रही है और उस जनसंख्या की खाद्य पूर्ति एवं अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए हमें और अधिक उत्पादन की जरूरत पड़ेगी, पर इस बढते हुए जनसंख्या को खिलाने के लिए हमारे पास जो उपलब्ध संसाधन है
![सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली एक बेहतर विकल्प, Pc-aurjaniy](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/Suksham%20sichai.jpg?itok=0ZkTnyfG)
जल विज्ञान और जल की गुणवत्ता के मॉडल द्वारा शिवनाथ उप - बेसिन के समस्याग्रस्त जल ग्रहण क्षेत्रों के प्रबंधन हेतु सुझाव
Posted on 08 Jun, 2023 04:25 PMप्रस्तावना
जल विज्ञान और जल गुणवत्ता की जांच किसी भी जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के लिए बहुत ही आवश्यक है। शिवनाथ उप बेसिन, महानदी बेसिन की सबसे लंबी सहायक नदी है। शिवनाथ उप बेसिन का कुल जलग्रहण क्षेत्र 29,638.9 वर्ग किलोमीटर है। शिवनाथ उप-बेसिन 80 डिग्री 25' से 82 डिग्री 35' पूर्व देशांतर तथा 20डिग्री 16' से 22 डिग्री 41' उत्तर अक्षांश के बीच एवं औसत समु
![जल विज्ञान और जल की गुणवत्ता के मॉडल,PC-Shutterstock](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/%E0%A4%9C%E0%A4%B2%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%A8%20%E0%A4%94%E0%A4%B0%20%E0%A4%9C%E0%A4%B2%20%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%A3%E0%A4%B5%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE%20_0.png?itok=MSkMAncR)
जलवायु परिवर्तन और अनुकूल कृषि(वार्षिक रिपोर्ट्स-2019-20)
Posted on 07 Jun, 2023 12:54 PMभारतीय कृषि के अति संवेदनशील जिला स्तरीय मानचित्र:-
जलवायु परिवर्तन के संबंध में भारतीय कृषि के अति संवेदनशील जिला स्तरीय मानचित्रों को 5वीं मूल्यांकन रिपोर्ट (आईपीसीसी 2014 ) के साथ अद्यतन किया गया। 'रिप्रजेंटेटिव कंसंट्रेशन पाथवेज' (आरसीपी) के आधार पर ये मानचित्र जलवायु पूर्वानुमान में सहायता करते हैं। जलवायु परिवर्तन खतरे को 2020-49 की समयावधि के लिए आरपीसी
![जलवायु परिवर्तन और अनुकूल कृषि,Pc-Krishi-jagat](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/Jal%20vayu%20parivartamn.jpg?itok=BX8TgTlK)
कद्दू की उन्नत खेती
Posted on 05 Jun, 2023 11:33 AMभारत में कद्दू या काशीफल की खेती पुरातन काल से होती आ रही है। कददूवर्गीय सब्जियों में कद्दू एवं कुम्हड़ा का विशेष स्थान है। इसके कच्चे व पके हुए फलों से कई प्रकार की सब्जियां बनाई जाती है। उत्तर भारत में तो विवाह व त्यौहार आदि अवसरों पर इसकी सब्जी बनाने की प्रथा है। कद्दू कच्चा और पका फल सब्जी के लिए तथा पके फलों का मिठाई (पेठा) बनाने में प्रयोग होता है। कुम्हड़ा या कददू की एक किस्म मिष्ठान पेठ
![कद्दू की उन्नत खेती,Pc-अपनी खेती](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/%E0%A4%95%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%82%20.jpg?itok=i1X2DNzw)
नमी तनावः सब्जी वर्गीय फसलों पर इसका प्रभाव एवं संभावित प्रबंधन विकल्प
Posted on 22 May, 2023 02:39 PMप्रस्तावना
ऐसे कृषि क्षेत्र जो प्रायः सूखे की समस्या से प्रभावित रहते हैं वो सभी क्षेत्र सूखे के कारण 50% तक या इससे भी अधिक फसल उपज में हानि का अनुभव कर सकते हैं। दुनिया की 35% से अधिक कृषि भूमि की सतह को शुष्क या अर्ध शुष्क माना जाता है जो अधिकांशतः कृषि उपयोग के लिये अपर्याप्त वर्षा प्राप्त करती हैं। भारत के लगभग दो तिहाई भौगोलिक क्षेत्र में 1000 मिमी से कम
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जल मृदा-पौधे भोजन शृंखला के द्वारा मनुष्यों में आर्सेनिक का एक्सपोजर एक मूल्यांकन
Posted on 20 May, 2023 12:27 PMप्रस्तावना
आर्सेनिक एक सर्वव्यापी तत्व हैं, जो पृथ्वी की ऊपर की सतह (पपड़ी) में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिसका तत्वों में 20 वां स्थान है तथा यह पिरियोडिक तालिका के समूह-15 से संबंधित धातु के रूप में रासायनिक रूप से वर्गीकृत है। आर्सेनिक की सबसे मुख्य ऑक्सीडेशन अवस्थाएं है (i) -3 (आर्सेनाइड), (ii) +3 (आर्सेनाइट्स) और (ii) +5 (आर्सेनेट्स) आदि। यह अकार्बनिक
![मनुष्यों में आर्सेनिक का एक्सपोजर एक मूल्यांकन,Pc-N18](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-05/%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%86%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%95%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%8F%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%B0%20%E0%A4%8F%E0%A4%95%20%E0%A4%AE%E0%A5%82%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%A8.jpg?itok=8LOIaLLO)
मानवीय हस्तक्षेप के कारण भूजल प्रदूषण
Posted on 20 May, 2023 11:56 AMप्रस्तावना
भारत एक विकासशील देश है जहां जनसंख्या घनत्व विश्व के औसत जनसंख्या घनत्व से कहीं अधिक है। हर जगह मानव हस्तक्षेप ध्यान देने योग्य बात है, जो पीड़ित व्यक्ति से शुरू होकर मूल्यांकन करने वाले व्यक्ति तक मौजूद है। देश की प्रकृति भी इनके साथ प्रभावित हो गई है। देश में जैसे-जैसे जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है वैसे-वैसे खाद्य की माँग भी एक साथ बढ़ रही है। यह अनु
![मानवीय हस्तक्षेप के कारण भूजल प्रदूषण,Pc-Indiatimes](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-05/Water%20pollution.jpeg?itok=Qo8NxKtd)
जल संरक्षण पर पीएम मोदी ने दिया मंत्र, जानें क्या है खासियत
Posted on 05 Jan, 2023 12:22 PMपंजाब और हरियाणा में सतलुज यमुना लिंक नहर के निर्माण पर एक समझौते पर पहुंचने में विफल रहने के एक दिन बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पानी राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय का मुद्दा होना चाहिए। बढ़ते जल संकट पर चर्चा और तैयारी के लिए केंद्र द्वारा बुलाई गई राज्य जल मंत्रियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सरकारों से स्वच्छ भारत अभियान की तर्ज पर जल संरक्षण आंद
![जल संरक्षण पर पीएम मोदी ने दिया मंत्र](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-01/%E0%A4%9C%E0%A4%B2%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%A3%20%E0%A4%AA%E0%A4%B0%20%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%8F%E0%A4%AE%20%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%A6%E0%A5%80%20%E0%A4%A8%E0%A5%87%20%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%20%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%2C%20%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%20%E0%A4%96%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%A4.jpg?itok=xEde2Cv3)
भारत में क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस
Posted on 02 Dec, 2022 11:20 AMभारत में हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के इतिहास की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक था।जी हां , भोपाल गैस त्रासदी , यह वह त्रासदी थी जिसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गवाई थी। उन्हीं की याद में आज राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है
![भोपाल गैस त्रासदी ,फोटो-flickerIndiawaterportal](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%82%E0%A4%B7%E0%A4%A3%20%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A3%20%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%B8%20_12.png?itok=MYLg5p_4)