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यह जोड़ कई समस्याओं का तोड़
Posted on 17 Mar, 2012 10:04 AM

देश के कुछ हिस्सों में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ और सालभर चलने वाले जल संकट के समाधान के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने

River linking
अड़चन क्या नदियां जो जुड़ जाएं
Posted on 16 Mar, 2012 12:40 PM

प्रसिद्ध पर्यावरणविद् ‘अनुपम मिश्र’ राय दे चुके हैं कि राज्यों के बीच पानी को लेकर कितना झंझट है। नदी जोड़ने का

गंगा नदी रक्षा अभियान
Posted on 16 Mar, 2012 12:22 PM

परिचय


हमारी नदी प्रणालियों के विनाश का नया अध्याय 1980 के दशक में नई उदार आर्थिक नीतियों के अपनाने के साथ शुरू हुआ। सच्चाई को छुपाने के लिये 1986 में गंगा एक्शन प्लान –1 शुरू किया गया था। विदेशी कंपनियों की कमाई तो हुई पर गंगा स्वच्छता अभियान पूरी तरह विफल हो गया और जानकार मानते हैं कि गंगा नदी की दुर्दशा पहले से ज्यादा बदतर हो गई। शासन असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने में जरूर कामयाब रहा और स्वछता अभियान की आड़ में नदी प्रणाली को एक-एक करके नष्ट कर दिया गया था। इस पृष्ठ भूमि में हमें राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की आड़ में असली खेल को समझना होगा

भारत में अनादिकाल से ही गंगा जीवनदायिनी और मोक्ष दायिनी रही है, भारतीय संस्कृति, सभ्यता और अस्मिता की प्रतिक रही हैं। गंगा जी की अविरल और निर्मल सतत् धारा के बिना भारतीय संस्कृति की कल्पना नहीं की जा सकती। गंगा जी को सम्पूर्णता में देखने और समझने की आवश्यकता है। गंगा केवल धरती की सतह पर ही नहीं है, ये सतत् तौर पर हमारे भीतर भी प्रवाहमान हैं, यह भूमिगत जल धाराओं, बादलों और शायद आकाशगंगा में भी सतत् प्रवाहमान है। समुद्र तटीय क्षेत्रों के आसपास ताजे पानी की धाराओं के गठन और नदी का सागर में मिलन, फिर वाष्पीकरण द्वारा बादलों का निर्माण और भारतीय भूखंड में मानसून ये सब घटनायें एक दूसरे से अभिन्न तौर पर जुड़ी हैं। इन सब प्रक्रियाओं को समग्रता से समझाना होगा। मनुष्य के हस्तक्षेप ने जाने–अनजाने, लोभ –लिप्सा के वशीभूत एक से अधिक तरीकों से इस पुरे चक्र को नष्ट और बाधित किया है।
नदी जोड़ का मिथक और साइंस
Posted on 15 Mar, 2012 12:20 PM

यही समय है, जब जल संसाधनों के नियोजन में पानी बचाने की बात सबसे ऊपर रहनी चाहिए। लेकिन इसके उलट नदी जोड़ परियोजना

खतरे में है महाबाहु ब्रह्मपुत्र
Posted on 14 Mar, 2012 03:05 PM

ब्रह्मपुत्र सिर्फ एक नदी नहीं है। यह एक दर्शन है-समन्वय का। इसके तटों पर कई सभ्यताओं और संस्कृतियों का मिलन हुआ है। आर्य-अनार्य, मंगोल-तिब्बती, बर्मी-द्रविड़, मुगल-आहोम संस्कृतियों की टकराहट और मिलन का गवाह यह ब्रह्मपुत्र रहा है। जिस तरह अनेक नदियां इसमें समाहित होकर आगे बढ़ी हैं, उसी तरह कई संस्कृतियों ने मिलकर एक अलग संस्कृति का गठन किया है। ब्रह्मपुत्र पूर्वोत्तर की, असम की पहचान है, जीवन है और संस्कृति भी। असम का जीवन तो इसी पर निर्भर है। असमिया समाज, सभ्यता और संस्कृति पर इसका प्रभाव युगों-युगों से प्रचलित लोककथाओं और लोकगीतों में देखा जा सकता है।

चीन की कुदृष्टि की वजह से तिब्बत से बांग्लादेश तक फैले विस्तृत ब्रह्मपुत्र नदी का अस्तित्व खतरे में है। इस बात की खबर आ रही है कि अपने देश में चीन इस नदी की धारा मोड़ने या पनबिजली परियोजना के लिए बांध बनाकर उसके प्रवाह को रोकने की साजिश कर रहा है। इस महानदी के सूखने का मतलब कई संस्कृतियों और सभ्यताओं का सूखना है इसलिए अरुणाचल से असम तक ब्रह्मपुत्र के किनारे बसे लोगों में बेचैनी है। हालांकि चीन बार-बार ऐसे आरोपों से इनकार कर चुका है लेकिन जब 29 फरवरी को अरुणाचल के पासीघाट के निकट सियांग नदी (अरुणाचल में ब्रह्मपुत्र को इसी नाम से जाना जाता है) का जलस्तर गिरता हुआ बिल्कुल बरसाती नदी जैसा हो गया तो पूरे राज्य में सनसनी फैल गई। अरुणाचल प्रदेश के सरकारी प्रवक्ता ताको दाबी ने इस बात की जानकारी फौरन राज्य सरकार को दी और केंद्र सरकार से वास्तविकता का पता लगाने का आग्रह किया। लोगों को लग रहा है कि चीन ब्रह्मपुत्र की धारा के साथ छेड़छाड़ कर रहा है।
सरोजिनी नायडू पुरस्कार 2012 हेतु प्रविष्टियां आमंत्रित
Posted on 13 Mar, 2012 03:02 PM ‘द हंगर प्रोजेक्ट’ द्वारा सन् 2001 में प्रिंट मीडिया से पार्टनरशिप की शुरुआत करते हुए वार्षिक स्तर पर सरोजिनी नायडू पुरस्कार की स्थापना की गई। इसका उद्देश्य पंचायत में महिलाओं की राजनैतिक भागीदारी के मुद्दे पर, मीडिया में सतत् रिपोर्टिंग और उनके नेतृत्व को सहयोग करने हेतु एक सकारात्मक वातावरण निर्माण करना रहा है। महिला जनप्रतिनिधियां गांवों के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। वे स्थानीय स्वशासन में बदलाव ला रही हैं राज्य को पानी, शराब का दुरुपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा, असमानता और जेंडर, अन्याय जैसे मुद्दों पर संवेदनशील बनाते हुये। राजनीतिक प्रक्रियाओं में सक्रिय रहते हुये चयनित हुई महिलायें साफ, पारदर्शी, जवाबदेही, लोकतांत्रिक, सबको शामिल करते हुये और हिंसा मुक्त स्थानीय स्वशासन की संस्थाओं की नींव रखने के लिये उत्सुक हैं।

सरोजिनी नायडू पुरस्कार के तहत पंचायतीराज में उत्कृष्ट रिपोर्ट के लिए ‘द हंगर प्रोजेक्ट’ हर साल तीन पत्रकारों को सम्मानित करता है। पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिये जाते हैं हिन्दी, अंग्रेजी एवं अन्य भारतीय भाषाएं (पुरस्कार की राशि 2 लाख रूपये प्रत्येक भाषा के पत्रकार को दी जाती है)।

विवाद का जोड़
Posted on 13 Mar, 2012 11:05 AM

क्या 2016 तक केंद्र सरकार इतनी बड़ी धनराशि की व्यवस्था कर पाएगी?

नदी जोड़ पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण : के.एन. गोविन्दाचार्य
Posted on 13 Mar, 2012 09:50 AM देश भर की नदियों को जोड़ने का विकल्प एक दिवास्वप्न है। नदी जोड़ का यह प्रकल्प अत्यधिक खर्चीला और देश को दिवालियापन के कगार पर ले जाने वाला है, इसके सस्ते, प्रभावी, अनुभूत और लाभदायी विकल्प मौजूद होने के कारण यह अव्यवहारिक और अयथार्थवादी है। नदी जोड़ का अखिल भारतीय प्रकल्प प्रकृति के साथ खिलवाड़ है और पर्यावरण के लिए खतरनाक है। नदियां केवल मनुष्य के लिए जल का साधन है। यह मान लेना अपरिपक्वता का लक्ष
के.एन. गोविन्दाचार्य
नदी जोड़ परियोजना पर कोर्ट के फैसले से हैरान
Posted on 13 Mar, 2012 09:22 AM

अगर नदियों को जोड़ना ही है तो उन्हें ऊपर जनजीवन को प्रभावित किए बिना भूमिगत पाइपों से जोड़ना चाहिए, जो अपने-आप म

नदी जोड़ का नहीं कोई तोड़
Posted on 12 Mar, 2012 04:24 PM

अब हमारे पास नदियों को जोड़ने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है। जहां-जहां पानी नदी नहर, तालाब, सरोवर हैं, वहां पेड

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