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गंगा मैली करने वाले प्रतिष्ठानों पर नरमी क्यों
Posted on 01 Jul, 2014 10:32 AM गंगा में बढ़ते प्रदूषण को लेकर न्यायालय ने भी कई बार चिंता जताई है
Polluted Ganga
प्लास्टिक कचरे से बनेगा सिंथेटिक ईंधन
Posted on 30 Jun, 2014 11:42 AM देश में पहली बार प्लास्टिक कचरे से निपटने के लिए इस तरह का कोई प्र
दूसरी नदियों पर लागू होंगे गंगा की सफाई के मानदंड
Posted on 30 Jun, 2014 11:08 AM गंगा नदीसरकार ने बुधवार को कहा कि गंगा के पुनरुद्धार करने के मानदंड देश की अन्य प्रमुख नदियों पर भी लागू होंगे और भारत का गंगा पुनरुद्धार कार्यक्रम अन्य देशों के लिए मिसाल साबित ह
पाबंदी के मायने
Posted on 30 Jun, 2014 11:03 AM हापुस आमभूमंडलीकरण के समर्थकों ने क्या सोचा था कि आगे चलकर वह फायदे के बजाय घाटे में बदल जाएगा। अपनी चीजों को दुनिया में कहीं बेचना तो दूर, घरेलू बाजारों में भी उनकी वाजिब कीमतें
बांध पर आपराधिक लापरवाही का सैलाब
Posted on 29 Jun, 2014 01:10 PM एक महत्वपूर्ण मुद्दा, जिस पर अधिकारियों का ध्यान शायद नहीं गया। वह
बिन बिजली सब सून
Posted on 29 Jun, 2014 12:32 PM बिजली की कमी और बढ़ती मांग की वजह से देश में स्थिति विकराल होती जा रही है। देश के सैकड़ों गांव अभ भी अंधेरे में हैं। कई राज्यों मे बिजली संकट के कारण उद्योग-धंधे तबाही के कगार पर हैं। इस स्थिति का विश्लेषण कर रहे हैं अभिषेक रंजन सिंह।
नालों के किनारे बसी सभ्यता
Posted on 28 Jun, 2014 04:23 PM हम एक ऐसी पीढ़ी बन चुके हैं, जिसने अपनी नदियां खो दी हैं। और भी परेशान करने वाली बात यह है कि हम अपने तरीके नहीं बदल रहे। सोचे-समझे ढंग से हम और ज्यादा नदियों, झीलों और ताल-तलैयों को मारेंगे। फिर तो हम एक ऐसी पीढ़ी बन जाएंगे, जिसने सिर्फ अपनी नदियां नहीं खोईं, बल्कि बकायदा जल-संहार किया है। क्या पता, एक समय ऐसा भी आएगा जब हमारे बच्चे भूल जाएंगे कि यमुना, कावेरी और दामोदर नदियां थीं। वे उन्हें नालों के रूप में जानेंगे, सिर्फ नालों के रूप में। जल ही जीवन है। पर आज हमारा जीवन अपने पीछे जो गंदगी, सीवेज छोड़ता है, उससे जल का जीवन ही खत्म हो रहा है। हमें जीवन देने वाले जल की यह है दुखद कथा। बेतहाशा शहरीकरण आने वाले दिनों में और तेज ही होता जाएगा। यह तेजी रफ्तार और दायरा, दोनों ही मामलों में दिखाई पड़ रही है।

पानी की अपनी जरूरतों को हम किस तरह व्यवस्थित करें कि हम अपने ही मल-मूत्र में डूब न जाएं, यह आज के दौर का बहुत बड़ा सवाल है और इसका जवाब हमें हर हाल में खोजना पड़ेगा।

इस मामले में अपनी खोजबीन के दौरान सबसे बड़ी दिक्कत हमारे सामने यह आती है कि हमारे देश में न तो इससे संबंधित कोई आंकड़े मिलते हैं, न इसे लेकर कोई ठीक काम हुआ है। इस मुद्दे पर कहीं कोई समझ देखने में नहीं आती है। यह हाल तब है, जब इस गंदगी, सीवेज का ताल्लुक हम सब की जिंदगी से है।
‘गंगा-मंथन’ 7 जुलाई को
Posted on 28 Jun, 2014 01:07 PM

वर्तमान सरकार ने ‘नदी विकास एवं गंगा पुनरुत्थान’ मंत्रालय बनाकर अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट कर दी हैं। सरकार जल्दी ही गंगा पर एक समन्वित योजना बनाना चाहती है। बड़ी योजना बनाने से पहले गंगा पुनरुद्धार मंत्रालय ‘गंगा मंथन’ कार्यक्रम का आयोजन कर रही है।

आयोजन का स्थान विज्ञान भवन, नई दिल्ली होगा। समय सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक।

गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने की योजना को जनआंदोलन का रूप देने की पहल करते हुए सरकार सात जुलाई को ‘गंगा मंथन’ कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इसमें कई पर्यावरणविद, वैज्ञानिक, धर्मगुरु, गंगा इलाके के सांसद एवं जनप्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

केंद्रीय मंत्री उमा भारती का भी कहना है कि गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने का विषय ऐसा है जो बिना जन आंदोलन के पूरा ही नहीं हो सकता।

पंचायतीराज के आकलन की घड़ी
Posted on 28 Jun, 2014 09:53 AM मूल समस्या ग्रामसभा सदस्यों के बीच एकजुटता व जागरूकता की कमी तथा उद
teesri sarkar
स्वानुशासन ढूंढता स्वराज
Posted on 27 Jun, 2014 03:30 PM सिंधु घाटी सभ्यता इसमें एक बात और जोड़ती है; वह है प्रभुत्व का भाव
Arun tiwari
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