Posted on 22 Mar, 2016 04:27 PM लेखक का कहना है कि तेजाबी वर्षा प्राकृतिक पर्यावरण को नष्ट करने में प्रमुख भूमिका निभा रही है और इसका प्रभाव एक स्थान विशेष पर नहीं होता बल्कि पड़ोसी देशों का वायुमण्डल भी इससे प्रदूषित होता है। लेखक के अनुसार वातावरण में बढ़ती सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड गैसों की सान्द्रता से उत्पन्न तेजाबी वर्षा की रोकथाम बेहद जरूरी हैं यदि शीघ्र इस दिशा में प्रयास नहीं किये गए तो वह दिन दूर नह
Posted on 22 Mar, 2016 11:42 AM लेखक ने बढ़ते प्रदूषण पर चिन्ता प्रकट की है। आधुनिकता की अंधी दौड़ में हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं और यदि यही सिलसिला जारी रहा तो हमारा जीवन असाध्य रोगों से घिर जाएगा। लेखक का कहना है कि यदि प्रदूषण इसी गति से बढ़ता रहा तो इक्कीसवीं सदी के मानव का काल्पनिक चित्र कुछ इस प्रकार होगा- वह कंक्रीट के जंगल में पराबैंगनी किरणों से बचने के लिए अम्लरोधक तथा विशेष रसायनयुक्त प्लास्टिक के कपड़ों स
Posted on 21 Mar, 2016 03:39 PM लेखक का कहना है कि उद्योगों व वाहनों की बढ़ती संख्या ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है और प्रदूषण की समस्या दिन-पर-दिन विकराल रूप धारण करती जा रही है। लेखक ने इस लेख में वायु प्रदूषण तथा औद्योगिक प्रदूषण को रोकने के लिये सरकारी तथा गैर-सरकारी स्तर पर किये जा रहे कुछ प्रयासों पर प्रकाश डाला है।