Posted on 19 Feb, 2017 12:16 PM आदिवासी परम्पराओं को आधुनिक समाज पुरातनपंथी, अवैज्ञानिक और बीते समय की बात कहता रहा है। लेकिन, असल में जनजातीय समाज की परम्पराओं, गीतों, त्योहारों, भोजन, वस्त्र, जीवनशैली का गम्भीरता से अध्ययन करें तो हम पाएँगे कि उनकी प्रत्येक परम्परा प्रकृति को उसके मूल रूप में अक्षुण्ण रखने का एक प्रयास है
Posted on 18 Feb, 2017 04:39 PM लोगों को पानी, बिजली प्रदान करने एवं बाढ़ से सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिये बेहतर विकल्प मौजूद हैं। ये विकल्प बड़े बाँधों के मुकाबले अक्सर किफायती, जल्द बनने वाले एवं लोगों व पर्यावरण के लिये कम नुक़सानदेह होते हैं।
Posted on 18 Feb, 2017 01:33 PM बाँधों के खिलाफ एवं अपने अधिकारों के लिये आप बहुत कुछ कर सकते हैं। सबसे पहला कदम यह है कि बाँधों एवं उसका आपके समुदायों पर क्या असर हो सकता है, इस बारे में जानकारी इकट्ठा करें। अगले कदम के तौर पर यह तय करना चाहिए कि आप क्या चाहते हैं एवं उसे कैसे हासिल किया जा सकता है। उसके बाद अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिये कार्यवाही करनी चाहिए। इस तरह एक अभियान शुरू किया जा सकता है।