बिहार

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करेह कथा
Posted on 10 Dec, 2011 10:06 AM

10.1 पृष्ठभूमि

अब तक की प्रगति
Posted on 09 Dec, 2011 05:25 PM

नदी में पानी बहने के लिए जो जगह नियत की गयी वह सर्वाधिक प्रवाह की क्षमता से आधी रखी गयी थी और

भारत की आजादी और तटबन्धों की वापसी
Posted on 09 Dec, 2011 04:34 PM

जल-संसाधन विभाग की वार्षिक रिपोर्टों में लम्बे समय तक यह सूचना दुहरायी जाती रही। एक आम आदमी के

तटबन्धों की उपयोगिता का द्वन्द
Posted on 09 Dec, 2011 04:02 PM

व्यावहारिक सच्चाई यह है कि बाढ़ नियंत्रण के लिए किसी नदी पर तटबन्ध बनें या नहीं, यह फैसला अपनी

बाढ़ एक प्राकृतिक आवश्यकता
Posted on 09 Dec, 2011 03:20 PM

गैर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उन्होंने अपनी ख्वाहिश को अंजाम तक पहुँचा दिया मगर यह तभी हुआ ज

स्थानीय जनता का समस्या विश्लेषण और योजना का मूल्यांकन एवं विरोध
Posted on 09 Dec, 2011 02:54 PM पुपरी बाजार के पुराने समाजवादी नेता है रघुनाथ जिनके साथ लेखक को अधवारा समूह की घाटी के बहुत से स्थानों पर घूमने का मौका मिला। वे बताते हैं, ‘‘...1954-55 में समाजवादी पार्टी ने लोगों से देश के लिए दिन में ‘एक घंटा दो’ के नारे के साथ मुहम्मदपुर (बाजपट्टी प्रखंड) से मुहम्मदिया नदी, जो अधवारा ग्रुप की एक मृत धारा है, बर्री-बेहटा तक 13 मील लम्बाई में उड़ाही कर द
बागमती नदी और बाढ़
Posted on 09 Dec, 2011 12:39 PM

पहाड़ों से मैदानी इलाकों में प्रवेश करने पर पानी के साथ-साथ गाद पूरे इलाके पर फैलती है। गाद का

बागमती की सहायक धाराएँ
Posted on 08 Dec, 2011 01:45 PM

अधवारा समूह की नदियों का हायाघाट तक कुल जल ग्रहण क्षेत्र 4908 वर्ग किलोमीटर है जिसमें से 2337

ऐसे हुआ योजना का विस्तार
Posted on 08 Dec, 2011 01:13 PM

वास्तव में यह समय कोसी परियोजना के तटबंधों की स्वीकृति के बाद का है। कोसी पर तटबंध बन जाने पर

योजना बनी तबाही बढ़ी
Posted on 08 Dec, 2011 10:37 AM

खिरोई तटबंधों के अतिरिक्त दरभंगा-बागमती के बाँये किनारे पर, मब्बी से लेकर सिरनियाँ तक, लहेरिया

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