संपादक
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भारत के कुछ राज्यों के भूजल में उच्च आर्सेनिक की मौजूदगी
Posted on 21 Oct, 2009 08:53 AMअसम, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों में आर्सेनिक प्रदूषण काफी बड़े स्तर तक प्रभावित कर रहा है।
अटैचमेंट में देखें कि किस राज्य के किस ब्लॉक में यह प्रदूषण कहां तक फैला है।
उत्तर प्रदेश, असम और छत्तीसगढ़ राज्यों के मामले में आर्सेनिकप्रदूषण की पहचान केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड और राज्य भूमि जल विभागों के निष्कर्ष के आधार पर की गई है ।
वेल्लौर, तमिलनाडु में शून्य अपशिष्ट प्रबंधन
Posted on 01 Oct, 2009 09:20 AMशहरीकरण से संपन्नता तो आती है, पर यह अपने साथ पर्यावरणीय समस्यांए भी लाता है, यथा- प्रदूषण, ठोस अपशिष्ट का जमाव और सफाई एवं स्वच्छता का अभाव। टेट्रापैक, प्लास्टिक के प्लेट, कप और थैले, टिन-कनस्तर और ऐसी ही फेंक दी जाने वाली चीजों का उपयोग पिछले दशक में काफी बढ़ा है। इसी तरह जैविक अपशिष्ट में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरी क्षेत्रों की तरह ठोस अपशिष्ट का सृजन बढ़ रहा है। शहरीअंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह
Posted on 02 Sep, 2009 06:24 PMपानी पर चौथा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह
तिथिः 4-7 सितम्बर, 2009, बंगलौरबंगलौर में पर्यावरण के मुद्दे पर केंद्रित चौथा फिल्म समारोह होने जा रहा है। फिल्म समारोह के साथ ही पानी पर पेंटिंग प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है।
बंगलौर के कलाकारों और समुदाय से निवेदन है कि वें इस अवसर पर भाग लें।
यमुना के सिपाही कपिल मिश्र
Posted on 02 Sep, 2009 11:56 AMयूथ फॉर जस्टिस के कपिल मिश्रा ने दिल्ली की यमुना को बचाने की पहल की है। सिटीज़न जर्नलिस्ट शो में इन्होंनें दिल्ली में यमुना के रिवरबेड पर निर्माण कार्य को लेकर कई सवाल उठाए। जिसकी वजह से यमुना के अस्तित्व पर खतरा हो रहा है। कपिल ने बताया कि किस तरह सरकार ही यमुना के रिवरबेड पर कॉमनवेल्थ खेलों के लिए खेलगांव, मेट्रो स्टेशन, मॉल और सड़कों का निर्माण कर रही है।देखें वीडियो
एक गांव जहां पानी ही पानी
Posted on 10 Jul, 2009 05:08 PMनई दिल्ली। बूंद-बूंद आंसू टपकाते नल भारत के लगभग हर शहर की समस्या हैं। ऐसे में सरकारी आश्वासनों से मन बहलाने के बजाय देश के कुछ इलाके अपने लिए पानी की व्यवस्था करने में जुट गए हैं। हरियाणा के मेवात जिले का करहेड़ा गांव इसकी जीती-जागती मिसाल है। जल संरक्षण प्रणाली को लेकर करहेड़ा को मिली छोटी सी सफलता कई मायनों में महत्वपूर्ण है।भूजल पर सम्मेलन
Posted on 18 Jun, 2009 02:04 PMACWADAM (एडवांस्ड सेंटर फॉर वाटर डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट) द्वारा पुणे में 21/22 मई को एक साझा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें कुछ अच्छी प्रस्तुतियां देखी गई. डॉ. तुषार शाह ने अपने मुख्य भाषण में कृषि क्षेत्र में भूजल उपयोग की एक अद्भुत तस्वीर प्रस्तुत की. यह प्रस्तुति और भाषण स्लाइडशो पर देखा जा सकता है जो यूट्यूब पर 4 भागों में उपलब्ध है.नरेगा की क्रियान्वयन स्थिति
Posted on 23 Apr, 2009 04:13 AMभारत सरकार ने 1 अप्रैल, 2008 से राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) का विस्तार देश के सभी 604 जिलों में कर दिया। इसकी घोषणा करते हुए केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि वर्ष 2008-09 में विस्तारित नई योजना के लिए 16 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। इसमें से 163.12 करोड़ रुपये पहले ही नये 274 जिलों में प्रारंभिक गतिविधियों के लिए जारी कर दिया गया है।