संजीव कुमार

संजीव कुमार
जीर्ण-शीर्ण स्थिति में खरड गांव का महाभारत कालीन तालाब
Posted on 20 May, 2013 12:07 PM
प्राचीन काल से ही तालाबों, पोखरों, जोहड़, नदियां आदि प्रकृति की देन है। सृष्टि के आरम्भ में लोग कृषि एवं जीवनयापन के लिए इन्हीं के किनारे बसते थे। जिससे जीवनयापन आसान हो सके। लेकिन अब प्रदूषण, कब्ज़ा, कूड़ा-करकट भराव आदि विकृति समाज में आ गई है। जिससे इन प्राकृतिक धरोहरों को जैसे मानव ने नष्ट करने के लिए ठान लिया है। जिसका दुष्परिणाम आने वाली पीढ़ियाँ अवश्य भुगतेंगी। इसी प्रकार मेरठ- करनाल सड़क मा
मानव द्वारा प्राकृतिक जल स्रोतों से छेड़छाड़ का परिणाम है कृत्रिम वर्षा जल संरक्षण
Posted on 18 May, 2013 11:55 AM

पानी के लगातार दोहन से भूगर्भ जल भंडार खाली होने के कगार पर है। यदि यही हाल रहा तो आने वाली पीढ़ियाँ हम से पानी

बदहाल स्थिति में है खेड़ामस्तान गांव का प्राचीन कुआं
Posted on 13 May, 2013 03:58 PM
प्राचीन काल में जल का कार्य सबसे पवित्र एवं धर्मयुक्त समझा जाता था। पहले राहगीरों के लिए लोग रास्ते
पृथ्वी पर प्रकृति का अनमोल उपहार जल
Posted on 05 May, 2013 12:04 PM

आज पूरा संसार जल संकट के दौर में आ गया हैं। आज पानी का संरक्षण कम और दोहन अधिक मात्रा में हो रहा है। वास्तविकता

प्रकृति द्वारा प्रदत्त उपहार वृक्ष
Posted on 03 May, 2013 03:38 PM

अच्छा होता कि अगर पेड़ काटने से पहले पेड़ लगाए जाते। लेकिन जल्दी जो काटने की है लगाने की नहीं। यही पेड़ पहले वाह

हिण्डन की व्यथा
Posted on 21 Apr, 2013 10:17 AM
हिण्डन नदी का उदगम् सहारनपुर जिले के गांव पुर का टांका गांव से हुआ। हिण्डन शब्द का उद्भव हिण्ड शब्द से हुआ जिसका अर्थ है इधर-उधर घूमना फिरना या जाना होता है। इस प्रकार यह नदी टेढ़े- मेढ़े रास्ते से होती हुई आगे बढ़ती है। आज से 35-40 वर्ष पहले तक हिण्डन नदी कल-कल की आवाज़ करती हुई निर्मल जल से होकर बहती थी। कई जिलों के खेतों को सींचती हुई अपने गन्त्वय की ओर बढ़ती थी। हिंडन नदी के बारे में गरिमा ने
जल के विभिन्न स्रोतों का चिकित्सीय स्वरूप
Posted on 16 Apr, 2013 02:55 PM
जिस स्थान पर कम मात्रा में पानी तथा वृक्षादि हो वहां का मानव पित्त
बच्चों ने मनाया ईको फ्रेंडली होली
Posted on 21 Mar, 2013 11:08 AM
भारत उदय एजुकेशन सोसाइटी ने 22 मार्च विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में जल साक्षरता अभियान में के.एल.सी. प्ले स्कूल सरधना बाईपास कंकरखेड़ा में बच्चों को जल की महत्ता के बारे में बताया गया। इस अभियान के अंतर्गत बच्चों के बीच जैव विविधता, जल, कचरा प्रबंधन आदि विषय पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया।
ईको फ्रेंडली होली
विश्व जल दिवस पर जल साक्षरता अभियान
Posted on 20 Mar, 2013 04:44 PM
भारत उदय एजूकेशन सोसाइटी एक गैर सरकारी समाजसेवी संस्था है जो विगत 6 वर्षो से पर्यावरण शिक्षा व बाल कल्याण के मुददे पर कार्य करती हैं। संस्था ने 22 मार्च विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में जल साक्षरता अभियान की जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान छोटा मवाना से शुरूआत की है। इस अभियान के अंतर्गत एक सप्ताह तक स्कूलों, कालेजों, अध्यापकों व समुदाय के बीच जैव विविधता, जल, कचरा प्रबंधन आदि पर सभी लोगों का ध्य
भारत उदय एजुकेशन द्वारा आयोजित जल साक्षरता अभियान
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