सीएसई

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मुम्बई में नल कनेक्शन? सन् 2011 तक रुकना पड़ेगा…
Posted on 31 Mar, 2009 07:25 AM
जिन व्यक्तियों ने मुम्बई में तैयार होने वाली नई गगनचुम्बी इमारतों में रहने हेतु भारी मात्रा में पैसा निवेश किया है, उन्हें अब अपना सपना पूरा करने में देरी होने वाली है। वृहन्मुम्बई महानगरपालिका ने यह निर्णय किया है कि नई निर्माणाधीन इमारतों को नल/पानी का कनेक्शन उसी वक्त दिया जा सकेगा जब ठाणे जिले की वैतरणा नदी से मुम्बई को अतिरिक्त पानी ना मिलने लगे, और यह सन् 2011 से पहले सम्भव नहीं होगा। इसी प्
छत्तीसगढ़ में कांक्रीटीकरण के कारण गिरता भूजल स्तर…
Posted on 26 Mar, 2009 11:14 AM
केन्द्रीय भूजल बोर्ड की उत्तर-केन्द्रीय छत्तीसगढ़ शाखा (CGWB) द्वारा हाल में किये गये एक अध्ययन के अनुसार छत्तीसगढ़ में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, राजनांदगाँव, महासमुन्द और दुर्ग जिलों में भूजल स्तर 4 से 7 मीटर तक नीचे जा चुका है, और यह सब हुआ है नवम्बर 2007 से अक्टूबर 2008 के सिर्फ़ एक साल के भीतर। बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, कम वर्षा और ज़मीन पर हो रहे निर्माण कार्यों
त्रिपुरा में एक नदी की मौत…
Posted on 25 Mar, 2009 08:14 AM

तस्वीर में आप नीरमहल देख रहे हैं, अगरतला के इस खूबसूरत जगह को देखते हुए यह सोच सकते हैं कि अगरतला को भी जल संकट से दो-चार होना पड़ सकता है।
रेनवाटर हार्वेस्टिंग पर सीएसई का विशेष वर्कशॉप
Posted on 06 Mar, 2009 09:33 PM

नई दिल्ली की प्रसिद्ध संस्था 'सीएसई' ने अर्बन रेनवाटर हार्वेस्टिंग; विषय पर एक विस्तृत और अग्रगामी कोर्स (अभ्यास सत्र) तैयार किया है जो कि इस क्षेत्र में कार्य करने वालों के लिये उपयोगी साबित होगा। इस चार दिनी कोर्स का आयोजन 23 से 27 मार्च 2009 को नई दिल्ली में किया जायेगा।
जानिये आँकड़ों के विश्लेषण की बारीकियाँ
Posted on 28 Oct, 2018 04:33 PM

कार्यक्रम- जलवायु परिवर्तन और विकासात्मक संचार के लिये आँकड़ों का प्रभावी विश्लेषण
संस्थान- अनिल अग्रवाल एन्वायरनमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, निमली, अलवर, राजस्थान
प्रशिक्षण कार्यशाला की अवधि- 14 से 17 नवम्बर, 2018
आवेदन की अन्तिम तिथि: 2 नवम्बर 2018

जलवायु परिवर्तन और विकासात्मक संचार के लिये आँकड़ों का प्रभावी विश्लेषण
जूनागढ़ शिलालेख
Posted on 02 Aug, 2010 02:58 PM

अर्थशास्त्र में लिखी कई बातें कई प्राचीन ग्रंथों में भी पाई जाती हैं। देश के प्रायः हरेक भाग में कई कालखंडों के कई शिलालेख पाए गए हैं जिनमें बांधों, तालाबों, तटबंधों के रखरखाव और प्रबंधन की सूचनाएं खुदी हुई हैं। जूनागढ़ (गुजरात) में दो शिलालेखों में बाढ़ से नष्ट तटबंध की मरम्मत के बारे में दिलचस्प सूचनाएं हैं।
निरंतर जारी खोज
Posted on 24 Jul, 2010 07:41 AM

करीब 6000 वर्ष पहले मानव ने सामूहिक तौर पर बसना शुरू किया और पानी के साथ दोहरी लड़ाई शुरू हो गई। एक ओर लोगों को बाढ़ से बचना था, तो दूसरी ओर उन्हें घरेलू उपयोग और सिंचाई के लिए सुरक्षित जल आपूर्ति की जरूरत थी। परिणामतः मानव जाति की शुरुआती तकनीकी उपलब्धियों में जल से जुड़ी तकनीक को गिना जा सकता है।

प्रथम नगरों के निर्माण के साथ कुंड में पानी जमा करने की तकनीक शुरू हो गई थी। प्राचीनतम कुंड फिलस्तीन और यूनान में पाए गए हैं। इन कुंडों में छतों से गिरने वाले पथरीले रास्तों से बहने वाले पानी को जमा किया जाता था। कुछ में जमीन की सतहों में बहने वाले पानी को जमा किया जाता था। प्राचीन कुंड चट्टान को काटकर बनाए जाते थे। चिनाई वाले कुंड बाद में
तिहाड़ जेल में एक नई पहल
Posted on 22 Dec, 2009 01:25 PM
तिहाड़ जेल के महानिदेशक ने एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी कोका-कोला और दिल्ली सरकार के साथ मिलकर तिहाड़ जेल में वर्षाजल संग्रहण की तीन बड़ी परियोजनाएं शुरू की है।

इस परियोजना का क्रियान्वयन दिल्ली स्थित एक गैर-सरकारी संगठन ‘स्कोप प्लस’ द्वारा किया जा रहा है।
तिहाड़ जेल में एक नई पहल
Posted on 22 Dec, 2009 01:25 PM
तिहाड़ जेल के महानिदेशक ने एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी कोका-कोला और दिल्ली सरकार के साथ मिलकर तिहाड़ जेल में वर्षाजल संग्रहण की तीन बड़ी परियोजनाएं शुरू की है।

इस परियोजना का क्रियान्वयन दिल्ली स्थित एक गैर-सरकारी संगठन ‘स्कोप प्लस’ द्वारा किया जा रहा है।
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