मनोज वर्मा
मनोज वर्मा
सूखे का संकट
Posted on 10 Dec, 2015 09:39 AMभारतीय मौसम विभाग के मुताबिक राज्य के 31 जिलों में 50 फीसद से भी कयमुना को 25 सालों से न्याय का इंतजार
Posted on 13 Mar, 2013 03:52 PMआगरा यमुना बोल सकती तो बताती कि उसकी बर्बादी के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है। यदि यमुना पूछ सकती तो जरूर पूछती कि उसके इलाज के नाम पर करोड़ों-अरबों रुपये कहां और कैसे खर्च कर दिए गए कि हालत सुधरने के बजाय और बद से बदतर हो गई। लेकिन अफसोस यमुना बोल नहीं सकती। सच तो यह है कि न्याय के मंदिर में भी यमुना को न्याय देने के नाम पर सरकारों ने कुछ किया तो सिर्फ वायदे और हलफनामें दाखिल करने का काम यमुना को प्रदअरबों खर्च के बाद भी कागज़ों में ही जुड़ी नदियों
Posted on 07 Feb, 2013 09:56 AMज़मीन पर भले एक भी नदी दूसरी से न जुड़ पाई हो पर कागज़ों में नदियों को जोड़ने के नाम पर नौकरशाहों और बाबुओं ने 350 करोड़ रुपए फूंक डाले हैं। जल संसाधन मंत्रालय के तहत विभिन्न सरकारी महकमों ने यह राशि नदियों को जोड़ने के संबंध में परियोजना रिपोर्ट बनाने और विभिन्न प्रकार के अध्ययन कार्यों पर खर्च की है। अरबों खर्च के बाद भी कोई अधिकारी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि नदी जोड़ने की पहली योजना कब प300 करोड़ रुपए खर्च, नदी जोड़ो योजना अब तक सिर्फ कागजों में
Posted on 05 Apr, 2012 10:22 AMइस योजना के तहत देश की प्रमुख नदियों को 2015 तक एक-दूसरे से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था। नदियों को जोड़ने के संब