मनीष वैद्य
जब नदी खुद पहुँची डेढ़ सौ किमी दूर
Posted on 02 Jul, 2015 11:44 AMक्या आप यकीन कर सकते हैं कि कोई नदी किसी गाँव की प्यास बुझाने के लिए डेढ़ सौ से ज्यादा कि.मी. का रास्ता जंगल–पहाड़ लाँघती हुई पहुँचे। मध्यप्रदेश के धार जिले में यही हुआ है। जब नदी खुद 162 कि.मी.
भू-जल खत्म हुआ तो हालात होंगे गम्भीर
Posted on 02 Jul, 2015 11:39 AM करीब–करीब आधे मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों के लिए प्रकृति ने अलार्म बजा दिया है। यह अलार्म है इस इलाके की धरती में करोड़ों साल से संग्रहित पानी के खत्म हो रहे भू-जल की। अब इस अलार्म को सुनने और समय रहते प्रयास करने की बारी हमारी है। भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक़ साढ़े छः करोड़ सालों से संग्रहित होते आ रहे पानी के खजाने को खत्म करने की कगार पर हम पहुँचफ्लोराइडमुक्त पानी : 78 गाँवों को 90 करोड़ खर्च कर देंगे
Posted on 02 Jul, 2015 10:12 AMमध्यप्रदेश के फ्लोराइडग्रस्त धार जिले के 78 गाँवों में पीने का साफ़ पानी पहुँचाने के लिए करीब 90 करोड़ रुपये खर्चकर एक महती योजना आकार ले चुकी है। यह अनूठी योजना प्रदेश में अपनी तरह की पहली है और इससे करीब 25 से 50 किमी दूर नर्मदा नदी से ग्रेविटी सिस्टम के जरिये इन गाँवों के करीब डेढ़ लाख लोगों को साफ़ पानी मिल सकेगा। कुछ गाँवों तक पानी पहुँच भी गया है वहीं इस साल के आखिर तक यह सभी 78 गाँवों तक पहु
ग्रीन ब्रिज से नर्मदा होगी प्रदूषण मुक्त
Posted on 23 Jun, 2015 03:29 PMमध्यप्रदेश में तेजी से प्रदूषित होती जा रही नर्मदा नदी को अब ग्रीन ब्रिज से साफ़–सुथरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए मुहिम शुरू हो चुकी है। जबलपुर में 3 संरचनाएँ बन चुकी हैं तो अब 12 और नगर–कस्बों में ग्रीन ब्रिज बनाने का काम भी जल्द ही शुरू होगा। महँगे और बिजली से चलने वाले ट्रीटमेंट प्लांट की जगह अब सरकार ने नदी के पानी की सफाई के लिए आधुनिक, किफायती, सरल, पर्यावरण हितैषी, नवाचारी और प्राकृतिक
नीमच : हैण्डपम्प का पानी बना अभिशाप
Posted on 22 Jun, 2015 11:09 AMपानी में किस तरह की अशुद्धि है और इन बीमारियों का कारण क्या है?लकड़ी के बाँध से रोका पहाड़ी का पानी
Posted on 20 Jun, 2015 11:48 AMकहते हैं जहाँ चाह, वहाँ राह इस बात को चरितार्थ किया है देवास में पानी-मिट्टी बचाने की मुहिम में लगे लोगों ने। उन्होंने यहाँ करीब सवा दो सौ फीट ऊँची पहाड़ी को अपने पुराने अस्तित्व में लाने की कोशिशों में जल संरचनाओं के जरिये ऐसे काम किये हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम आज सबके सामने हैं। यहाँ लकड़ियों, बाँस और चारकोल के ड्रम से इतनी लुभावनी संरचनाएँ बनाई है कि इससे पहाड़ी से हर साल बारिश में व्यर्थ बह
बारिश के पानी को सहेजने की अनूठी तकनीक
Posted on 15 Jun, 2015 04:33 PMआकाश पानी रोकेंगे, पाताल पानी बढ़ाएँगे....
जंगलों में खत्म हो गया पानी
Posted on 13 Jun, 2015 10:37 AMप्रकृति की अनमोल देन पानी को मनुष्य ने मनमाने तरीके से दोहन किया। आज चारों तरफ से जल संकट का हाहाकार सुनाई देने लगा है। इससे हम तो जूझ ही रहे हैं, इसका खामियाजा अब जंगलों में रहने वाले बेजुबानों को भी भुगतना पड़ रहा है। भले ही इनमें इनकी कोई गलती न हो। हालात इतने बुरे हैं कि वन्यप्राणियों को अब अपने पीने के पानी की तलाश में लम्बी–लम्बी दूरियाँ तय करना पड़ रही है। इतना ही नहीं कई बार ये पानी की त
साफ़ हवा और पानी के लिए हाईकोर्ट का आसरा
Posted on 11 Jun, 2015 10:23 AMआप मेघनगर आ रहे हैं तो अपने पीने का पानी साथ लेकर आयें, फ़ोन पर पहली बार यहाँ के लोगों की यह बात सुनकर हम भी सकते में पड़ गए कि आखिर ऐसा क्यों कहा गया हमसे। कोई भी कहीं जाता है तो क्या अपना पानी साथ लेकर जाता है। क्या वहाँ इतना पानी भी नहीं या ये लोग मेहमाननवाज़ी का शिष्टाचार भी भूल गए हैं। पर जब हम मेघनगर पहुँचे तो सारी बात साफ़ हो गई। दरअसल यहाँ की आबो-हवा इतनी बुरी तरह से दूषित हो चुकी है कि न
बाँध बन्दूकों के साये में
Posted on 07 Jun, 2015 09:40 AMक्या आपने कभी सुना है कि पानी के बाँध पर किसी राजकीय खजाने की तरह से, चौकसी करनी पड़ी हो लेकिन पानी का संकट जो न कराए वो थोड़ा है। हाँ, यह सही है। उज्जैन जिले के चम्बल बाँध को हथियारबंद सिपाहियों के हवाले करना पड़ा है। सिपाही दिन–रात गश्त करते हुए इस बात की निगरानी करते हैं कि कोई टैंकर यहाँ से पानी न भर सके। स्थिति इतनी बुरी है कि इस बाँध में बहुत थोड़ा प