डॉ. दिनेश मिश्र
डॉ. दिनेश मिश्र
पहली राष्ट्रीय बाढ़ नीति
Posted on 21 Jul, 2012 10:39 AMइस नीति में कुल मिला कर पिछले लगभग 100 वर्षों से चली आ रही बहस का तर्पण कर दिया गया था। तटबंध
कोसी परियोजना पर पुनर्विचार की आखिरी कोशिश
Posted on 19 Jul, 2012 04:43 PMकोसी के बारे में कितने बड़े-बड़े ख्वाब दिखाये गये और अन्ततः बात तटबन्धों के झुनझुने पर अटकी जि
बराहक्षेत्र बाँध के लिए तब भी भूकम्प की बात उठी थी
Posted on 19 Jul, 2012 04:09 PMजब कोसी पर तटबंध बनाने की बात जोरों पर थी उस समय बांधों पर भूकम्प के प्रभाव का एक अध्ययन हुआ था। उस समय नेपाल में प्रस्तावित बराहक्षेत्र बांध के तीव्र भूकम्प प्रभावित क्षेत्रों में अवस्थित होने पर उसकी सुरक्षा के प्रति भू-वैज्ञानिकों द्वारा गंभीर चिन्ता व्यक्त की गई थी और “डैम के नजदीक नेपाल-बिहार के 1934 वाले भूकम्प जैसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता था।” यह भूकम्प 15 जनवरी 1934 को आया था। रकँवर सेन तथा डॉ. के. एल. राव का बयान
Posted on 16 Jul, 2012 04:27 PMचीन और अमेरिका दोनों ही देशों की नदियों और उन पर बने तटबधों के तजुर्बे अच्छे नहीं थे मगर इन दो
ह्नाँगहो नदी को नियंत्रित करने की चीनी विचारधारा
Posted on 16 Jul, 2012 02:35 PMपानी और सिल्ट का विस्थापन एक कभी न खत्म होने वाला सिलसिला है। यह तो साफ, है कि सिल्ट का इतना अ
कँवर सेन तथा डॉ. के.एल. राव की चीन यात्रा
Posted on 14 Jul, 2012 04:48 PMदोनों इंजीनियरों के चीन से लौटने के बाद इनकी रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को सितम्बर 1954 में लोकसभा
राजनैतिक तटबन्धों पर लगी स्वीकृति की मुहर
Posted on 14 Jul, 2012 04:08 PMमजूमदार समिति के पास भी केन्द्रीय जल एवं विद्युत आयोग द्वारा तैयार की गई बराहक्षेत्र परियोजना
कोसी की 1953 वाली परियोजना
Posted on 14 Jul, 2012 02:46 PM1. नेपाल में हनुमान नगर से 4.8 कि.मी. उत्तर नदी में 1,150 मीटर लम्बा एक बराज बनाना जिसके पूर्वी छोर पर 1890 मीटर लम्बे तथा पश्चिमी छोर पर 3811 मीटर लम्बे मिट्टी के तटबंध बना कर क्रमशः पूर्वी और पश्चिमी उभार बाँधों (Afflux-Bunds) से जोड़ देने का प्रस्ताव था। इन दोनों उभार बाँधों की लम्बाई 12.8 कि.मी. अनुमानित थी। इस योजना के इस अंश पर 13.27 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था।अब बेलका जलाशय प्रस्ताव पर भी आफत
Posted on 14 Jul, 2012 12:20 PMजहाँ तक नदी के पश्चिमी किनारे पर तटबन्धों का सवाल है उसके बारे में कोई मतभेद नहीं है। सवाल इस