चिन्मय मिश्र
चिन्मय मिश्र
धूप की भीषण गर्मी और कंपकपाती नर्मदा
Posted on 03 Feb, 2018 11:10 AMअन्याय की पराकाष्ठा कई बार पीड़ित के भीतर असाधारण साहस और प्रतिरोध (प्रतिशोध नहीं) का संचार कर देती है। यह बात हम अक्सर एक व्यक्ति या अधिकतम एक छोटे व्यक्ति समूह के सन्दर्भ में अनुकूल पाते हैं। परन्तु 16 सितम्बर की दोपहर नर्मदा घाटी के पश्चिम निमाड़ में छोटा बड़दा गाँव पहुँचे तो एहसास हुआ कि, नहीं एक पूरा समाज जिसमें हजारों परिवार हैं, में अन्याय के खिलाफ लड़ने की असीम ताकत और ऊर्जा समाहित ह
सरदार सरोवर बाँध बसे नहीं एक बार उजड़ने वाले
Posted on 05 Jan, 2018 04:01 PMसरदार सरोवर परियोजना के ऊपर यह कहावत कि जैसे-जैसे इलाज किया वैसे-वैसे मर्ज बढ़ता गया, पूरी तरह से खरी उतर रही है।
नर्मदा घाटी - लड़ाई तो जीती मगर युद्ध जारी है
Posted on 10 Feb, 2017 10:34 AMमैदान ही में नहीं होता युद्ध
जगहें बदलती रहतीं
कभी -कभी उफ तक नहीं होती वहाँ
जहाँ घमासान जारी रहता!
चन्द्रकान्त देवताले
नर्मदा घाटी - धीरज तो वृक्ष का
Posted on 24 Jan, 2017 11:38 AM“अफलज, सुर सदा सी रह रहे, वद ना लाख करोड़।
सबको पहले कुद पड़, पीछे न आवे मोड़।।’’
अफजल साहब
“अफजल साहब कहते हैं कि जो शूरवीर होते हैं, वे लाखों करोड़ों शत्रुओं का पता नहीं करते। वे सबसे पहले रणभूमि में कूद पड़ते हैं और कभी मुँह नहीं मोड़ते।’’ गाँधी
वरना पानी बह निकलेगा
Posted on 03 Jun, 2016 03:35 PMकागभुसुंड़ि गरुड़ से बोले
आओ हो लें दो दो चोंचें
चलो किसी मंदिर में चलकर
प्रतिमा का सिंदूर खरोंचे। - जीवनलाल ‘विद्रोही’
इन्दौर - रोजाना 7.5 करोड़ लीटर पानी की बर्बादी (Water Crisis Indore )
Posted on 07 May, 2016 09:57 AMउल्लास की ऊँचाई को दर्शन की गहराई से जोड़ने वाले लोग पूरे जीवन को बस पानी का एक बुलबुला मानते हैं और इस संसार को एक विशाल सागर। इसमें पीढ़ियाँ आती हैं, पीढ़ियाँ जाती हैं, युग आते हैं, युग जाते हैं, ठीक लहरों की तरह...अनुपम मिश्र
केन्द्रीय बजट : चालाकी से चालबाजी तक का सफर
Posted on 05 Mar, 2016 10:14 AMसुना था कि अबकी बार बड़ा बढ़िया कोई बजट आने वाला है। जिससे देश में नई जान आएगी, उन्नति होेग
आओ, साथ बैठ थोड़ा सा रो लें
Posted on 22 Jan, 2016 10:59 AMआजादी है फूल की खुश्बू
आजादी है भोर की लाली
धरती अम्बर आज पुकारे आज़ादी आज़ादी
असीम गिरी व चारुल -विनय