अमरनाथ
अमरनाथ
भूख मिटाने के लिये बच्चों की मजदूरी पर निर्भर हैं किसान
Posted on 12 Sep, 2015 12:22 PMसुपौल और मधुबनी जिले के 18 गाँवों की कहानी है जो पश्चिमी कोसी तटबन्हिमालय के लिये आवश्यक है राष्ट्रीय नीति
Posted on 11 Sep, 2015 11:09 AMहिमालय दिवस 9 सितम्बर 2015 पर विशेष
भूकम्प के बाद नेपाल के पुनर्निर्माण की रणनीति
Posted on 08 Sep, 2015 01:28 PMहिमालय दिवस 9 सितम्बर 2015 पर विशेष
नेपाल में भूकम्प के बाद राहत, बचाव और क्षति के आकलन का दौर पूरा हो गया है। यह पुनरुद्धार और पुनर्निर्माण का दौर है। इसी दौर में ऐसे तौर-तरीके अपनाए जा सकते हैं जिससे भविष्य में सम्भावित आपदाओं का मुकाबला आसानी से किया जा सके।
हालांकि नेपाल की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में किसी बड़ी पहल की उम्मीद नहीं की जा सकती, बल्कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार अवश्यम्भावी है। फिर भी पुनर्निर्माण हो रहे हैं और नेपाल सरकार के राष्ट्रीय योजना आयोग के साथ मिलकर आईसीआईएमओडी (इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट) ने ‘भूकम्प पीड़ित क्षेत्रों में टिकाऊ आजीविका की रणनीतिक रूपरेखा’ तैयार की है। हिमालय क्षेत्र में जारी भूगर्भीय हलचलों के मद्देनज़र यह महत्त्वपूर्ण पहल है।
पर्यावरण शिक्षा सभी विषयों में समाहित हो
Posted on 04 Sep, 2015 10:05 AMविश्व साक्षरता दिवस 8 सितम्बर 2015 पर विशेष
‘प्यासा कौआ’ पानी और पर्यावरण शिक्षा का पहला पाठ है। घड़े के पेंदे में पानी होने, कंकड़ डालकर पानी ऊपर लाने और प्यास बुझाने की यह कहानी कई रूपों में पढ़ाई जाती है। यह रूपक कथा या कविता बच्चों को विवेक, उद्यम और पानी के महत्त्व को एक साथ बताती है। पर वर्तमान परिस्थितियों में कौआ और कंकड़ का रूपक किसी काम का नहीं।
सम्भव है अभी के स्कूली बच्चे ऐसे भी हों जिन्होंने घड़ा भी नहीं देखा हो। क्योंकि तकरीबन हर घर में चापाकल है या फिर नल से पानी आने की सुविधा है। पानी कहीं से लाने, रखने की जरूरत नहीं है। और रखना भी है तो वाटर फिल्टर या फ्रिज में रखना है। ऐसे में जल के बारे में शिक्षण या वाटर लिटरेसी थोड़ा कठिन काम हो गया है।
देश में पहला हरित पाठ्यचर्या तैयार करने वाले प्रोफेसर विनय कंठ ने कहा कि कुछ विकसित देशों में पर्यावरण का ज्ञान भूगोल के अंग के रूप में कराया जाता है,
नमामि गंगे : दक्षिण भारतीय संगीत में भजन
Posted on 01 Sep, 2015 01:12 PMगंगा स्वच्छता राष्ट्रीय मिशन के साथ बातचीत आखिरी दौर में है। मिशनवर्षाजल संचयन की प्रकृति सम्मत उपयोगी व्यवस्था
Posted on 27 Aug, 2015 11:08 AMवर्षा की बूँदें जहाँ गिरे वहीं रोक लेना और संग्रहित जल का विभिन्न प्रयोजनों में उपयोग करना सर्वोत्तम जल-प्रबन्धन है। इसकी कई तकनीकें प्रचलित हैं। कुछ तकनीकें प्राचीन और परम्परासिद्ध हैं तो कुछ नई विकसित हुई हैं। संग्रह और वितरण की इन प्रणालियों में भूजल कुण्डों के पुनर्भरण का समावेश भी होता है जिसका उपयोग संकटकालीन अवस्थाओं में हो सकता है। अतिरिक्त जल की
भूतही-बलान : फिर बँधे दालान
Posted on 23 Aug, 2015 11:34 AMभूतही बलान एक छोटी नदी है। भारत-नेपाल सीमा पर लौकहा से महज 42 किलोबिहार की सिंचाई परियोजनाओं पर केन्द्र का बयान
Posted on 22 Aug, 2015 03:13 PMबिहार सरकार ने वर्ष 2012 में 39 जलाशयों के लिये प्रस्ताव भेजे थे। कबिहार सरकार के सभी बाढ़ निरोधक प्रस्ताव स्वीकृत
Posted on 22 Aug, 2015 02:09 PMकेन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा है कि सप्त-काशी हाईडैम के निर्माण हेतु विचार-विमर्श में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इससे बिहार में बाढ़ की विभीषिका को अत्यधिक कम किया जा सकेगा। भारत सरकार ने इसके लिये नेपाल सरकार से सार्थक बातचीत की है।