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जल शुल्क का विश्लेषण
Posted on 10 Oct, 2008 05:50 PMपानी के एक बिल की कहानी
ईश्वर ने हमें पानी दिया है, इसे निशुल्क होना चाहिए। वह पाइपलाइन (और पंप, फिल्टर, क्लोरीन, मीटर, डूबता धन) भूल गया कि इसकी कीमत होनी चाहिए। लेखकः विश्वनाथ श्रीकांतैया, रेनवाटर क्लब (www.rainwaterclub.org)
भूमिगत जल/जल स्रोतों का सदुपयोग
Posted on 10 Oct, 2008 02:16 PMबरसात की माप(गांव तितवी, तालुका परोला, जिला- जलगांव, महाराष्ट्र)
उद्देश्य:
गांववालों को बारिश की वास्तविक मात्रा और एक जल वर्ष में पानी कुल उपलब्धता के बारे में जागरुक बनाना। अडगांव (यावल तालुका), तितवी (परोला तालुका) और मालशेवगा (चालीसगांव तालुका) में रेनगॉग बनाए गए और बारिश की मात्रा जानने की प्रक्रिया शुरू की गई।
भूमिगत जल/जल स्रोतों का सदुपयोग
Posted on 10 Oct, 2008 12:02 PM वर्तमान स्रोतों की रक्षा-
( गांव- पटूरदा, तालुका संग्रामपुर, जिला-बुलढ़ाना, महाराष्ट्र)
पूर्व स्थितियां:
जल के मुख्य स्रोत कुएं सूखे और उपेक्षित थे और उनमें से कुछ कूड़ेदान में तब्दील हो गए थे।
सारांश-
फ्ल्यूरोसिस के शिकार
Posted on 09 Oct, 2008 06:46 PMभारत में करीब 6.2 करोड़ लोग फ्ल्यूरोसिस से पीड़ित हैं, जिनमें से 6 करोड़ से अधिक बच्चे और युवा हैं। इससे पीड़ित युवाओं से करीब २०,००० केवल असम में हैं। अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और घने जंगलों के लिए मशहूर कर्बी एंगलांग में आबादी का दसवां हिस्सा दांत या हड्डी के फ्ल्यूरोसिस से पीड़ित हैं। नवा ठाकुरिया की रिपोर्ट।
09 जनवरी 2007/ मशहूर असमी फिल्मकार मंजू बारो कर्बी एंगलांग के जिला मुख्यालय दिफू आए हैं। वे यहां कर्बी के मशहूर लोगों पर एक डॉक्यु-फीचर फिल्म बनाने आए हैं। पटकथा कर्बी के ही लेखक बसंत दास ने लिखी है।
पानी ही पानी, लेकिन पीने को बूंद भी नहीं
Posted on 09 Oct, 2008 06:20 PMनयी दिल्ली 18 अप्रैल (आईपीएस)/ भारत में प्रदूषित पानी की आपूर्ति के कारण 3.37 करोड़ से अधिक लोग पानी से होने वाली बीमारियों के शिकार हैं। नए आंक
खेती की लागत कम करने के उपाय
Posted on 09 Oct, 2008 10:54 AMमणिशंकर उपाध्याय / वेबदुनिया
खेती को लाभदायक बनाने के लिए दो ही उपाय हैं- उत्पादन को बढ़ाएँ व लागत खर्च को कम करें। कृषि में लगने वाले मुख्य आदान हैं बीज, पौध पोषण के लिए उर्वरक व पौध संरक्षण, रसायन और सिंचाई। खेत की तैयारी, फसल काल में निंदाई-गुड़ाई, सिंचाई व फसल की कटाई-गहाई-उड़ावनी आदि कृषि कार्यों में लगने वाली ऊर्जा की इकाइयों का भी कृषि उत्पादन में महत्वपूर्ण स्थान है।
जेके पेपर लिमिटेड ( जयकयपुर, उड़ीसा):
Posted on 08 Oct, 2008 09:35 PMमिल में इस्तेमाल हुए पानी का दोबारा इस्तेमालप्रमुख कागज़ निर्माता कंपनी ने मिल में उत्पादन प्रक्रिया के दौरान इस्तेमाल हुए पानी को दोबारा इस्तेमाल करने के लिए कई उपाय किए। इससे न केवल मिल में पानी की खपत कम हुई वरन वहां से पानी के उत्सर्जन में भी कमी आई। संयंत्र में इस तरह के तकनीकी बदलाव किए गए कि इस्तेमाल हुआ पानी दोबारा पाइप के माध्यम से उत्पादन प्रक्रिया में लाया जा सके।
बेकाबू होता जल संकट
Posted on 08 Oct, 2008 08:52 PMबात चाहे देश की राजधानी दिल्ली की हो अथवा सुदूर इलाकों के गांवों की-हर जगह पेयजल की किल्लत पिछले वर्षो के मुकाबले अधिक नजर आ रही है। यह घोर निराशाजनक है कि आजादी के साठ वर्षो के बाद भी देश की एक तिहाई जनता को पीने के लिए स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं है। इसी तरह करीब 70 प्रतिशत आबादी सामान्य जन सुविधाओं से भी वंचित है। शायद यही कारण है कि प्रतिवर्ष जल जनित बीमारियों के चलते 15 लाख बच्चे काल के गाल में
उत्तर प्रदेश के रूफ टाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रोफेशनल्स
Posted on 23 Sep, 2008 07:08 PMडाटा टेक्नोसिस (इंजीनियर्स) प्रा०लि०, शान्तिमूर्ति सेवा संस्थान, हरियाली एच.जी.ओ., लक्ष्य, नरायन प्रगति आश्रम सेवा संस्थान उ.प्र., पहल जन विकास संस्थान लखनऊ, महाराण प्रताप शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान, राष्ट्रीय एकता संस्थान, अर्चना सेवा संस्थान, मेसर्स आर्कीटेक प्लस, मातृभूमि सेवा संस्थान., सोसायटी फॉर इको सस्टेनेवल, डेवलपमेंट, ग्लोबल आइडियाज, प्रकाश फाउन्डेशन., प्रियदर्शनी ज्ञानोदय प्रशिक्षण समिति,छत पर प्राप्त वर्षा को संचयन करने के लाभ
Posted on 23 Sep, 2008 09:09 AM• जहां जल की अपर्याप्त आपूर्ति होती है या सतही संसाधन का या तो अभाव है या पर्याप्त नहीं है वहां यह जल समस्या का आदर्श समाधान हैं।• वर्षा जल जीवाणुओं रहित, खनिज पदार्थ मुक्त तथा हल्का होता है।
• यह बाढ़ जैसी आपदा को कम करेगा।
• भूमि जल की गुणवत्ता को, विशेष तौर पर जिसमें फ्लोराइड तथा नाइट्रेट हो, द्रवीकरण के द्वारा सुधारता है।