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जल शोधन और आर्थिक स्थिति
Posted on 11 Oct, 2008 08:45 AMपरिकल्पना: पेयजल के शोधन में बेहतर तकनीक का संबंध घरों में हर सदस्य को उपलब्ध स्थान से संबंध होता है। कारण: यह जांचना महत्वपूर्ण है कि क्या गरीबों को पीने का साफ़ पानी नहीं मिल पा रहा है। किसी परिवार की आर्थिक स्थिति मापने के लिए घर में प्रति सदस्य उपलब्ध स्थान अच्छा मापदंड हो सकता है। ऐसे में इन दोनों कारकों की तुलना की जा सकती है।जल शोधन और स्वास्थ्य
Posted on 11 Oct, 2008 08:40 AMपरिकल्पना: पाइप से घरों में आने वाले पीने के पानी में शोधन के स्तर पर तकनीक का इस्तेमाल के स्तर से परिवार में पेट की बीमारियां होने का खतरा बढ़ता है। कारण: तकनीक के इस्तेमाल के आधार पर पानी के विभिन्न स्रोतों का इस प्रकार क्रम बनाया जा सकता है। यह क्रम है तालाब, झील, झरना, नदी, खुला कुआं, बोर कुआं, पाइप जलापूर्ति, एक्वागार्ड और बिसलेरी जैसा बोतलबंद पानी। तकनीक का इस्तेमाल स्वास्थ्य पजल शोधन और पानी की गुणवत्ता
Posted on 11 Oct, 2008 08:35 AMपरिकल्पना: शोधन में उच्च प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से पानी में अति सूक्षम कणों की मात्रा घटती है। कारण: तकनीक के इस्तेमाल के आधार पर पानी के विभिन्न स्रोतों का इस प्रकार क्रम बनाया जा सकता है। यह क्रम है तालाब, झील, झरना, नदी, खुला कुआं, बोर कुआं, पाइप जलापूर्ति, एक्वागार्ड और बिसलेरी जैसा बोतलबंद पानी। तकनीक का इस्तेमाल स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने वाले कोलीफार्म जैसे अति सूक्ष्म पदारतटीय प्रदूषण की प्रवृत्तियां
Posted on 11 Oct, 2008 08:32 AMपरिकल्पना: पिछले पांच सालों में पानी में तेल का स्तर इसके पांच सालों के मुकाबले कहीं अधिक बढ़ा है। कारण: वैश्विक रूप से तेल की खपत और समुद्र में तेल टैंकरों की आवाजाही बढ़ती जा रही है। दुर्घटनाओं और समुद्र में तेल बिखरने की घटनाओं में बढ़ोतरी से तेल का स्तर और अधिक बढ़ने की आशंका है।व्यवसाय और तटीय प्रदूषण पर चिंताएं
Posted on 11 Oct, 2008 08:22 AMपरिकल्पना: नदी में गिरने वाले तैलीय पदार्थों का तटीय इलाकों के मछुआरों के जीवन पर अन्य समुदायों के मुकाबले कहीं अधिक असर पड़ता है।कारण: विभिन्न स्थानों पर रहने वाले लोगों की पर्यावरणीय प्रदूषण के प्रति उनकी चिंताओं का स्तर भी अलग-अलग होता है। यह उनके जीवन पर पड़ने वाले असर पर निर्भर करता है। ऐसे में शहरी लोग ट्रैफिक जाम से अधिक चिंतित होते हैं।मत्स्य विविधता और औद्योगिक प्रदूषण
Posted on 11 Oct, 2008 08:15 AMपरिकल्पना:नदी में कागज मिल से गिरने वाले उत्सर्जन की दिशा में मछलियों की संख्या धारा की विपरीत दिशा के मुकाबले कम होती है।
कारण:
मिलों या अन्य औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले उत्सर्जन जलचर जीवों के जीवन पर कई तरह से असर डालते हैं। कुल मिलाकर इसका असर यह होगा कि बहुत कम प्रजातियां बदली हुई परिस्थितियों के मुताबिक खुद को ढ़ाल सकेंगी।
एक जल-ग्रहण क्षेत्र का मैदानी अध्ययन
Posted on 11 Oct, 2008 01:16 AMपोंधे जल-ग्रहण क्षेत्र, पुरंदर तालुका, जिला पुणे, महाराष्ट्र का मैदानी अध्ययन
द्वारा रैपिड हाईड्रोलॉजिकल मेपिंग पर आधारित अध्ययन
भारत वर्ष में अनेक विशाल क्षेत्र कठोर चट्टानों से आच्छादित हैं। ये चट्टान बहुत: आग्नेय एवं कायान्तरित मूल के हैं। देश के अनेक बंजर एवं अर्ध-बंजर क्षेत्रों में जल आपूर्ति ऐसी ही चट्टानों में संग्रहित भू-जल से होती है। यह कथन विशेषकर उन विशाल ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सत्य है, जो कृषि एवं घरेलू उपयोग हेतु इस प्रकार के चट्टानों में संग्रहित भू-जल का दोहन करते हैं।
बांध और विस्थापन
Posted on 10 Oct, 2008 07:47 PMभारी क्षति, कम लाभ
आंध्र प्रदेश की पोलावरम् परियोजना
मेसर्स थ्री स्टार पेपर मिल्स में स्वच्छ उत्पादन
Posted on 10 Oct, 2008 06:53 PMभूमिका
गूदा एवं कागज उद्योग विश्व भर में चक्रण युक्त वस्तुओं से प्रभावित होते हैं। चूंकि मात्रात्मक प्रतिबंध उठा लिए गए हैं इसलिए सस्ते दाम पर बड़ी मात्रा में आयतित गूदा उपलब्ध है। इस उद्योग में मंदी का माहौल है जिससे लाभ पर असर पड़ रहा है।
अहमदाबाद में खारी नदी की मुक्ति
Posted on 10 Oct, 2008 06:28 PMप्रदूषण रोकने के लिए सभी वर्गों के लोग साथ आए/ ईपीडब्ल्यू में प्रकाशित:१९ फरवरी 18, 2006 पेज़( 587)/
यह केस स्टडी रिपोर्ट बयान करती है कि किस तरह अहमदाबाद के खारीकट नहर में विभिन्न उद्योगों द्वारा औद्योगिक कचरा फेंकने की समस्या पर काबू पाने के लिए हर वर्ग के लोग साथ आए। श्रीनिवास मुद्राकर्तास जतिन सेठ, जे श्रीनाथ