admin

admin
जल संरक्षण
Posted on 13 Oct, 2008 11:20 AM
जल संरक्षण
राजस्थान की नदियां
Posted on 13 Oct, 2008 10:50 AM

- राहुल तनेगारिया

१) चम्बल नदी -

इस नदी का प्राचीन नाम चर्मावती है। कुछ स्थानों पर इसे कामधेनु भी कहा जाता है। यह नदी मध्य प्रदेश के मऊ के दक्षिण में मानपुर के समीप जनापाव पहाड़ी (६१६ मीटर ऊँची) के विन्ध्यन कगारों के उत्तरी पार्श्व से निकलती है। अपने उदगम् स्थल से ३२५ किलोमीटर उत्तर दिशा की ओर एक लंबे संकीर्ण मार्ग से तीव्रगति से प्रवाहित होती हुई चौरासीगढ़ के समीप राजस्थान में प्रवेश करती है। यहां से कोटा तक लगभग ११३ किलोमीटर की दूरी एक गार्ज से बहकर तय करती है। चंबल नदी पर भैंस रोड़गढ़ के पास प्रख्यात चूलिया प्रपात है। यह नदी

माही नदी
मुद्दा : बढ़ती आबादी और पेयजल संकट
Posted on 13 Oct, 2008 09:30 AM

प्रवीण प्रभाकर/ राष्ट्रीय सहारा
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट ने भारत जैसे विकासशील राष्ट्र में पेयजल की स्थिति की कलई खोल दी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्रत्येक साल करीब सात लाख 83 हजार लोगों की मौत दूषित पानी और खराब साफ-सफाई की वजह से होती है। इसमें से लगभग साढे़ तीन लाख लोग हैजा, टाइफाइड और आंत्रशोथ जैसी बीमारियों से मौत की भेंट चढ़ जाते हैं। ये बीमारियां दूषित पानी और भोजन, मानव अपशष्टिटों से फैलती हैं। साथ ही हर साल 15000 से ज्यादा लोग मलेरिया, डेंगू और जापानी बुखार की चपेट में आकर दम तोड़ देते हैं। इन बीमारियों के वाहक दूषित पानी, जल जमाव यानी कि पानी के खराब प्रबंधन से फैलते हैं।

Johad
सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के सफलता की कहानी
Posted on 13 Oct, 2008 08:58 AM

गांव- देवस्थान, विकास खण्ड-जोशीमठ, जनपद- चमोली की कहानी

सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान की अवधारणा के अनुरूप स्वजल परियोजना, जिला परियोजना प्रबन्धन इकाई चमोली द्वारा ग्राम स्तरों पर स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के अन्तर्सम्बन्ध को प्रभावी तौर पर लागू करने हेतु विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु सर्वप्रथम

सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान अभिकर्ता
पानी बचाने के उपाय
Posted on 11 Oct, 2008 07:09 PM

..

water solution
मौसम औऱ घरेलू जल खपत
Posted on 11 Oct, 2008 09:13 AM
परिकल्पना: किसी घर में पानी की खपत उस खास महीने के तापमान के अनुपात में होती है।कारण: मानव की प्राकृतिक संसाधनों की खपत कई चीजों पर निर्भर करती है जिनमें मौसम भी एक है। इन विभिन्न प्रभावों की जानकारी जुटाना उपयोगी है।
जल संसाधन स्रोत की दूरी और जलापूर्ति प्रणाली का आकार
Posted on 11 Oct, 2008 09:09 AM
परिकल्पना: किसी गांव/शहर/महानगर की आबादी जितनी अधिक होती है, पेयजल स्रोत से उसकी दूरी उतनी ही अधिक होती है। कारण: बड़े शहरों और महानगरों में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर निवेश अधिक होता है। ऐसे में उम्मीद की जाती है वहां पेय जल शोधन और आपूर्ति व्यवस्था अधिक निवेश हुआ होगा। इसके अलावा पेय जल की उनकी भारी जरूरत को बड़े जल स्रोत से पूरा किया जाता है।
लैंगिक स्थिति और पेय जल की चिंताएं
Posted on 11 Oct, 2008 09:02 AM
परिकल्पना: महिलाएं पानी की कमी को पुरुषों से कहीं अधिक गंभीर पर्यावरणीय समस्या के रूप में देखती हैं। कारण: तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों की कई तरह की बहुस्तरीय पर्यावरणीय चिंताएं होती हैं। ये चिंताएं उनसे और उनके संबंधियों के जीवन पर पड़ने वाले असर से संबंधित है। यह मान कर चला जाता है कि परिवार में पीने के पानी की जिम्मेदारी महिलाओं की है। परिवार के स्वास्थ्य की अधिक जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर होती है। ऐसे में उम्मीद की जाती है कि महिलाओं में पानी के कमी के प्रति चिंता कहीं अधिक होती है।
जल का शोधन और घर का बजट
Posted on 11 Oct, 2008 08:56 AM
परिकल्पना: पेय जल के शोधन में तकनीक का बेहतर होने से पीने के पानी पर एक घर का प्रतिव्यक्ति खर्च बढ़ जाता है। कारण: लोगों का अपने पर्यावरण की रक्षा के प्रति जागरुक होकर उसके लिए कार्य करने का संबंध उनकी आर्थिक स्थिति से है। ऐसे में इसकी लागत के बारे में आंकड़े जुटाना उपयोगी होगा।
जल शोधन और जलापूर्ति प्रणाली का आकार
Posted on 11 Oct, 2008 08:53 AM
परिकल्पना: किसी गांव/शहर/महानगर की जनसंख्या जितनी होती है, वहां की पेय जलापूर्ति प्रणाली में तकनीक का इस्तेमाल उतना ही अधिक होता है। कारण: बड़े शहरों और महानगरों में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर निवेश अधिक होता है। ऐसे में उम्मीद की जाती है वहां पेय जल शोधन और आपूर्ति व्यवस्था में कहीं बेहतर तकनीक का इस्तेमाल होगा।
×