यदि व्यक्तिगत स्वच्छता पर पर्याप्त ध्यान दिया जाए तो दस्त, चमड़ी और आँख के संक्रमण की सम्भावनाएँ काफी हद तक घट जाती है। व्यक्तिगत स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि घर के पास पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो।
व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए इन बातों को ध्यान में रखेंः
1. शौच के लिए साफ पानी का प्रयोग करें। कई बार गाँव में लोग गड्ढों में जमा पानी का प्रयोग करते हैं। इससे संक्रमण होने का खतरा है।
2. शौच के बाद साबुन से हाथ धोने चाहिए।
3. खाना बनाने एवं खाने से पहले हाथ धोने चाहिए।
4. छोटे बच्चे दिन भर धूल मिट्टी में खेलते रहते हैं और गन्दे हो जाते हैं अतः उनके दिन में कई बार हाथ-मुँह धोने चाहिए।
5. छोटे बच्चे कपड़ों में जब मल-मूत्र त्याग देते हैं तो उन्हें तुरन्त साफ कर दें एवं कपड़े तुरन्त धो कर सुखाने डाल दें।
6. कपड़े और चादर धोने के बाद, उन्हें धूप में सुखाएँ। धूप में कीटाणु मर जाते हैं।
7. नाखून साफ रखें और उन्हें काट कर छोटे रखने चाहिए।
8. रात को सोने से पहले और सुबह उठकर दाँत साफ करें।
9. रोज नहाएँ।
10. नहा कर साफ कपड़े पहनें। नहाने के बाद गन्दे कपड़े पहनने से स्वच्छ शरीर अस्वच्छ हो जाता है।
11. किसी दूसरे का तौलिया व रूमाल प्रयोग नहीं करना चाहिए।
घर की स्वच्छताः
1. सुनिश्चित करें कि बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए पानी के बर्तन स्वच्छ हो।
2. खाने और पीने के बर्तन प्रयोग के बाद स्वच्छ पानी और साबुन या राख से धोयें।
3. मक्खियाँ न पनपने पाए, इसलिए शौचालय का प्रयोग करें। यदि शौचालय नहीं है तो मल त्यागने के बाद उसे मिट्टी से ढक दें।
4. घर के कचरे को कम्पोस्ट पिट में डालें।
5. घर में फालतू पानी जमा न होने दें।
6. सोखता गड्ढे का प्रयोग करें या फिर फालतू पानी का प्रयोग बागवानी में करें।
7. पानी और खाने को ढक कर रखें ताकि उसमें मक्खियाँ न बैठने पाए न ही अन्य कीड़े-मकोड़े प्रदूषित करें।
8. घर के फर्श को साफ रखें।
भोजन को दूषित होने से कैसे बचाएँः
दस्त और पेट में कृमि से बचाव हेतु भोजन को दूषित होने से बचाना चाहिए। निम्न बातों का ध्यान रखेंः
1. गन्दे हाथों से खाना बनाने, परोसने या खाने से संक्रमण हो सकता है। अतः हमेशा हाथ धो कर ही उपरोक्त कार्य करने चाहिए।
2. बाजार के खुले खाद्य पदार्थ ले कर नहीं खाएँ।
3. कच्चे फल और सब्जियों को हमेशा साफ पानी से धोएँ, क्योंकि यह मिट्टी, खाद, मल, गन्दे हाथ या पानी से दूषित हो सकते हैं।
4. खाने को ठीक से पकाना चाहिए, क्योंकि पकने की प्रक्रिया से कीटाणु एवं कीड़ों के अण्डे मर जाते हैं। विशेष रूप से मास-मछली अच्छे ढंग से पकाना चाहिए।
5. भोजन को साफ बर्तनों से ढककर रखना चाहिए।
6. बच्चों को बोतल से दूध नहीं पिलाना चाहिए। यदि बच्चे को ऊपर का दूध देना आवश्यक है तो साफ कटोरी चम्मच या कप से दें।
7. बर्तनों में मक्खियाँ न बैठने पाएँ।
मासिक धर्म के दौरान स्वच्छताः
महिलाओं में ल्यूकोरिया (योनिस्राव) एक मुख्य स्वास्थ्य समस्या है। यह समस्या अस्वच्छता के कारण भी हो सकती है। अतः आवश्यक है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखेंः
1. मासिक धर्म के दौरान बाजार में उपलब्ध सेनेट्री पैड का प्रयोग करें। यदि यह सम्भव नहीं है तो साफ-सुथरे कपड़े का प्रयोग करना चाहिेए। जिसे लगाने से पहले अच्छे से धोकर धूप में सुखाया गया हो।
2. दिन में पैड/ कपड़ा कम से कम दो बार बदलना चाहिए।
साभार : स्वच्छता कार्यकर्ता सहायक पुस्तिका
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