वैश्विक हस्त-प्रक्षालन-दिवस

सुलभ संवाददाता


विश्व के 100 से अधिक देशों में स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए प्रतिवर्ष वैश्विक हस्त-प्रक्षालन-दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह आयोजन 15 अक्टूबर, 2008 से प्रारम्भ हुआ। इसका उद्देश्य सफाई से हाथ धोने जैसे सहज व्यावहारिक क्रिया-कलाप के जरिए दस्त की बीमारियों के कारण मृत्यु-दर घटाना है। यह ज्ञातव्य है कि ऐसी बीमारियों के चलते बच्चों की मृत्यु-दर में भारत का स्थान दुर्भाग्यवश सबसे ऊपर है-एक वर्ष में 3,86,000 बच्चों की मृत्यु। साबुन से हाथ धोने से श्वसन-तंत्र से सम्बद्ध न्यूमोनिया-जैसी बीमारी भी 23 प्रतिशत तक कम होती पाई गई है।


स्वास्थ्य-शिक्षा कार्यक्रमों के जरिए सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस आॅर्गनाइजेशन भारत के विभिन्न राज्यों में स्कूल के बच्चों के हाथ धोने की आदत को प्रोत्साहित करने का प्रयास करता रहा है। बच्चों में स्वस्थ आदतें डालने के सतत अभियान से वर्ष 2020 तक उनमें स्वास्थ्य-सम्बन्धी सुधार होने की आशा की जाती है।


विगत 15 अक्टूबर, 2012 को सुलभ-ग्राम, नई दिल्ली में अनेक स्कूलों के बच्चों के साथ हस्त-प्रक्षालन-दिवस का आयोजन किया गया, प्रतिभागी विद्यालय थे- सर्वोदय कन्या विद्यालय, श्री वेंकटेश्वर स्कूल, एस.एल.एस. डी.ए.वी. स्कूल, माउंट कारमल स्कूल, द्वारका, तथा सुलभ पब्लिक स्कूल, होली हार्ट पब्लिक स्कूल, तथा शिव वाणी माॅडल स्कूल, महावीर इन्क्लेव।

 

स्वास्थ्य-शिक्षा कार्यक्रमों के जरिए सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस आॅर्गनाइजेशन भारत के विभिन्न राज्यों में स्कूल के बच्चों के हाथ धोने की आदत को प्रोत्साहित करने का प्रयास करता रहा है


इस अवसर पर उपस्थित छात्रों और जनसमूह को सम्बोधित करते हुए सुलभ-संस्थापक तथा सुलभ स्कूल सेनिटेशन क्लब के परामर्शी डाॅ.बिन्देश्वर पाठक ने कहा कि सफाई से हाथ धोने की नियमित आदत से वैसे इलाकों में भी बीमारियों से बचाव होता है, जहाँ पाइप के जरिए पेयजल-आपूर्ति नहीं होती। उन्होंने कहा कि साबुन से कम-से-कम चार बार तो हाथ धोना अत्यावश्यक होता है- शौचालय के इस्तेमाल के बाद, भोजन करने से पूर्व और भोजन बनाना शुरू करने के पहले।


उक्त आयोजन के मुख्य अतिथि थे नागालैंड-सरकार के रेजिडेंट कमिश्नर, आई.ए.एस. श्री ज्योति कलश। उन्होंने नागालैंड-सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सहयोग से राज्य के अनेक जिलों में सुलभ स्कूल सेनिटेशन क्लब-द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘सही समय पर और सही तरीके से हाथ धोने की आदत स्वस्थ जीवन की कुंजी है।’ डाॅ. बिन्देश्वर पाठक एवं श्री ज्योति कलश ने बच्चों के समक्ष सही ढंग से हाथ धोने की विधि का प्रदर्शन भी किया।


इस अवसर पर श्री वेंकटेश्वर स्कूल, द्वारका, नई दिल्ली की स्कूल सेनिटेशन क्लब की सदस्या सुश्री रिया पांडेय ने कहा कि हाथ धोने की आदत का व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए। शुरू से ऐसा होता तो हजारों बच्चों की जान बचाई जा सकती थी। सुश्री वैष्णवी तिवारी और सुश्री अंशुला ने इस विषय पर रचित अपनी कविताएँ भी सुनाईं।


सुलभ के वरीय सदस्य श्री गोविन्द रामचन्द्र पटवर्धन, पूर्व आई.ए.एस. ने बच्चों से अपील की कि वे परिवार तथा आसपास में हाथ धोने की आदतों के बारे में बताएँ, जिससे सामान्य स्वास्थ्य में भी सुधार हो सके। सुलभ इंटरनेशनल के मुख्य समन्वयक श्री अरुण पाठक, पूर्व मुख्य-सचिव, बिहार-सरकार ने धन्यवाद-ज्ञापन करते हुए नागालैंड के रेजिडेंट कमिश्नर का इस आयोजन में भाग लेने के लिए आभार प्रकट किया और बच्चों से अपील की कि आज जो उन्होंने यहाँ देखा और किया, उसे भविष्य में भूलें नहीं।


कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने चित्रकला-प्रतियोगिता में भाग लिया। इसके बाद बच्चों ने डाॅ. पाठक एवं अन्य महानुभावों से प्रश्न भी पूछे, जिसके समुचित और व्यावहारिक उत्तर उन्हें दिए गए।


साभार : सुलभ इण्डिया नवम्बर 2012

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