स्वस्थ गाँव

किस गाँव को एक स्वस्थ गाँव कहा जा सकता है? जहाँ लोग बीमार न पड़ते हों। गाँव स्वास्थ्य एवं स्वच्छता कमेटी का मुख्य उद्देश्य है कि उनके गाँव के लोग स्वस्थ रहें। इसके लिए इस कमेटी को नीचे लिखी छः बातों का ध्यान रखना पड़ेगा। तभी उस गाँव को स्वस्थ गाँव कहा जाएगा।

 

1. पीने के पानी का सही रख-रखावः गाँव के लोगों को पीने का साफ पानी मिलना चाहिए। यह तभी सम्भव है जब पीने के पानी के स्रोत शुद्ध हो। कमेटी अगर इसका प्रबन्ध ठीक ढंग से नहीं करेगी तो गाँव में दस्त या हैजे की बीमारी हो सकती है। अगर यह स्रोत साफ नहीं है तो पानी को उबाल कर पीना चाहिए या उसमें क्लोरिन की गोलियाँ डालनी चाहिए, इसके अलावा समुदाय के लोग यह भी जानते हैं कि पीने का पानी जिस बर्तन में रखा जाता है वह भी साफ होना चाहिए और हमेशा ढक कर रखना चाहिए। इस बर्तन में से पानी लेते समय यह ध्यान रखें कि हाथ पानी से न छुए। यह बहुत जरूरी है। यह बर्तन अगर जमीन से कुछ ऊपर रहे तो और भी अच्छा होगा।

 

2. बेकार पानी की उपयुक्त निकासीः स्वच्छता कमेटी यह सुनिश्चित करती है कि गाँव के घरों से निकलने वाला पानी गलियों में जमा न होने पाए। इस जमा हुए पानी में मच्छर पैदा होते है व इससे गाँव में मलेरिया या हाथीपांव जैसे रोग हो सकते हैं। घर के अन्दर या बाहर “सोखते गड्ढे” (पिट) इस गन्दे पानी के निपटान का सबसे उत्तम उपाय है। यह कमेटी हर घर को ऐसे पिट बनाने के लिए प्रेरित करेगी।

 

3. मानव मल का सुरक्षित निपटानः खुले में शौच जाना बीमारी का सबसे बड़ा कारण है। इससे दस्त, हैजा, पेचिश, मोतीझरा आदि रोग फैलते हैं। इस कमेटी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि उनके गाँव में हर घर में शौचालय हो अर्थात उनका गाँव खुले में शौच जाने से मुक्त हो।

 

4. कूड़े-कचरे और गोबर का उचित निपटानः घरों के चारों ओर व सड़क पर फैले गोबर और कूड़े के ढेर से मक्खियाँ पैदा होती है व गोबर में टिट्नस के कीटाणु भी पैदा होते हैं। गाँव स्वास्थ्य व स्वच्छता कमेटी इस बात का ध्यान रखती है कि उनके गाँव में कूड़े व गोबर के ढेर न लगने पाएँ।

 

5. घर और भोजन की स्वच्छताः केवल घर ही साफ न रहे बल्कि उसके आस-पास का वातावरण भी साफ रखने के लिए जरूरी है कि घर के आस-पास कूड़ा-करकट एकत्र न हो व बच्चे घर के बाहर टट्टी न करें। एक स्वस्थ गाँव के लोग जानते हैं कि खाना बनाना शुरू करने से पहले, खाना परोसने और खाना खाने से पहले, व शौच जाने के बाद हाथों को साबुन से धोना बहुत महत्वपूर्ण है। यह आदत गाँव के हर बच्चे व बड़े में होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त खाना बनाने का स्थान और बर्तन भी साफ रखना आवश्यक है। घर साफ रहे इसके लिए जरूरी है कि घर में मवेशियों के बाँधने का स्थान भी हर वक्त साफ रहे।

 

6. व्यक्तिगत साफ-सफाईः गाँव की सफाई के साथ-साथ व्यक्ति की अपनी सफाई (व्यक्तिगत सफाई) भी जरूरी है। इसके लिए ये बातें जीवन में अपनाना जरूरी हैः

1. खाना खाने से पहले हाथ साफ करना

2. शौच जाने के बाद हाथ साफ करना

3. नाखून नियमित रूप से काटना

4. बच्चे की टट्टी धोने के बाद साबुन से हाथ धोना

5. नंगे पांव जमीन पर नहीं चलना

6. हर रोज दातुन करना

7. नियमित रूप से नहाना

8. खुले में पेशाब व मलत्याग न करना व खुले में न थूकना

साभार : गाँव स्वास्थ्य व स्वच्छता कमेटी

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