आरूषि सूद और मयंक सिवाल
सुलभ स्कूल सैनिटेशन क्लब के सदस्यों के लिए 31 जुलाई, 2012 को भारत-स्थित जापानी दूतावास में उसके प्रथम सचिव श्री शिनीची हिगूची से हुई भेंट-वार्ता अत्यन्त ही उत्साहवर्द्धक रही। उक्त अवसर पर राजधानी दिल्ली के 8 विद्यालयों के 16 विद्यार्थी उपस्थित थे।
जापानी दूतावास की समन्वयक सुश्री नविता ग्रेवाल एवं प्रथम सचिव माननीय श्री हिगूची को सुलभ स्कूल सैनिटेशन क्लब के उपाध्यक्ष श्री अशोक कुमार ज्योति और राष्ट्रीय समन्वयक श्री रूपक राय चौधरी ने शॉल तथा पुष्पगुच्छ समर्पित किए। नई दिल्ली के द्वारका स्थित श्री वेंकटेश्वर स्कूल की सुश्री रिया पाण्डे ने क्लब की गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत की। शिववाणी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, महावीर इन्क्लेव, पालम की छात्रा सुश्री अंशुला ने ‘जापान विल राइज अगेन’ शीर्षक कविता सुनाई, जिसकी काफी प्रशंसा की गई।
होली हार्ट पब्लिक स्कूल, महावीर इन्क्लेव और माउंट कारमेल स्कूल, द्वारका की सुश्री आकांक्षा और सुश्री सुचाना हाजरा ने प्रथम सचिव को संक्षेप में बताया कि भारत के पूर्वोत्तर और पूर्वी भाग में अनेक सरकारी स्कूलों में शौचालय-सुविधाओं का अभाव है, जो कई तरह से उनके जीवन और स्कूल में उनकी उपस्थिति को प्रभावित कर रहा है।
जापानी राजनयिक ने स्कूलों के स्वच्छता-अभियान को आगे बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया और कहा कि स्वच्छ शौचालय और हाथों की सफाई के मुद्दे पर ज्यादा जागरूकता पैदा की जा सकती है। हम आशा करत हैं कि सन् 2015 तक विद्यालय स्वच्छता परिदृश्य में एक सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
सीनियर सेकेंडरी स्कूल, विनयनगर की छात्रा सुश्री श्रेया दास ने कहा कि हम प्रथम सचिव महोदय के प्रति कृतज्ञ हैं कि उन्होंने हमारी चिन्ताओं को जानने और स्कूल स्वच्छता-सम्बन्धी जानकारियाँ पाने के लिए हमसे मिलने का समय निकाला।
माननीय प्रथम सचिव ने संकेत किया कि वे भारत में चल रही सुलभ स्कूल सैनिटेशन क्लब की गतिविधियों से उत्साहित हुए हैं। दिल्ली पब्लिक स्कूल, वसन्त कुंज की सुश्री रशेल नरूला ने प्रथम सचिव से यह जानना चाहा कि जापान में युवकों के सामने वास्तविक समस्याएँ क्या हैं, स्वच्छता के क्षेत्र में किस प्रकार अधिक से अधिक युवकों को शामिल किया जाए, ताकि टोकियो भी अगली सहस्राब्दी में एक स्वच्छ शहर बन सके।
सुलभ पब्लिक स्कूल की सुश्री वैशाली चौहान ने कहा, ‘मैं जापानी दूतावास के प्रथम सचिव से बातचीत करके बहुत प्रसन्न हुई, साथ ही जापान के उन स्कूलों के पाठ्यक्रमों के बारे में भी जानकारी मिली जहाँ पर्यावरण-सम्बन्धी शिक्षा हर बच्चे के लिए एक प्राथमिकता है।’
इस अवसर पर अन्य छात्र-छात्राओं ने भी श्री हिगूची से ऐसे प्रश्न पूछे, जो अत्यन्त संगत थे, उन में शामिल था फूकुशीमा का महाविनाश और जापान के सामने मंडराता न्यूक्लियर संकट।
क्लब के उपाध्यक्ष श्री अशोक कुमार ज्योति ने श्री हिगूची का धन्यवाद-ज्ञापन करते हुए स्वच्छता के क्षेत्र में सुलभ-द्वारा किए गए योगदान और उसमें डॉ. बिन्देश्वर पाठक की महती भूमिका को रेखांकित करते हुए स्कूल में उचित स्वच्छता-प्रबन्धन के सफल संचालन के लिए जापानी दूतावास से सहयोग की अपील की।
छात्रों द्वारा हस्त-प्रक्षालन पर एक गीत प्रस्तुत किया गया, उस हिन्दी-गीत का जब जापानी में अर्थ बताया गया तो श्री हिगूची ने उसकी बेहद प्रशंसा की। गीत में स्कूलों में हाथ की शुचिता या सफाई के महत्व को बताया गया था।
साभार : सुलभ इण्डिया, सितम्बर 2012
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