नई दिल्ली (एसएनबी)। शहरी विकास मन्त्री एम. वैंकेया नायडू ने कहा कि शहरों में स्वच्छता के लिए मजबूत ढाँचा न होने से कचरा प्रबन्धन नहीं हो पा रहा है। स्थानीय निकायों को अपने कामकाज में बदलाव करने और आधुनिक कार्य-शैली को
लागू करने पर भी उन्होंने जोर दिया।
विज्ञान भवन में उत्तरी राज्यों के स्थानीय निकायों के प्रमुखों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए शहरी विकास मन्त्री ने कहा कि ठोस व तरल का निपटान न होने से एक बहुत बड़ी समस्या पैदा हो गई है, क्योंकि इस समय देश के शहरों से निकलने वाले ठोस कचरे के निपटान के लिए केवल 10 फीसद का प्रबन्धन हो पाता है जबकि तरल कचरे के लिए 23 फीसद का प्रबन्ध है। कचरा निपटान में भारी अन्तर की वजह से जन स्वास्थ्य पर भी खराब असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों को सफाई के लिए आधुनिक तरीके अपनाने होंगे।
तेजी से हो रहे शहरीकरण और सफाई की खराब स्थिति पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हमें शहरी नियोजन की रूपरेखा तैयार करना होगा। शहरी विकास मन्त्रालय जल्दी ही एक खाका तैयार कर देश के छोटे बड़े पाँच सौ शहरों को भेजा जाएगा। आने वाले समय में देश में सौ स्मार्ट सिटी की स्थापना के बारे में उन्होंने कहा कि इस काम को पूरा करने में स्थानीय निकाय प्रशासकों की भूमिका अहम होगी और जल्दी ही दिशा निर्देश जारी कर स्मार्ट सिटी के चयन का काम पूरा कर लिया जाएगा।
साभार : राष्ट्रीय सहारा 17 जनवरी 2015
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