गुड़गांव। प्रदेश सरकार ने करोड़ों लागत से मिनी सचिवालय का निर्माण कराया हुआ है। मिनी सचिवालय में हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थीं। लेकिन रख-रखाव के अभाव में ये सभी सुविधाएं खत्म होती नजर आ रही हैं। मिनी सचिवालय के अधिकांश क्षेत्रों में गंदगी का बोलबाला है।
डीसी कार्यालय के आस-पास सफाई अवश्य की जाती है, लेकिन अन्य स्थानों पर सफाई की हालत खराब ही है। शौचालयों की दशा तो और भी अधिक खराब है। अधिकारियों का ध्यान इस ओर कई बार दिलाया जा चुका है। लेकिन समस्या का समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है।
मिनी सचिवालय में चरमराई सफाई व्यवस्था
ऐसा लगता है कि अधिकारियों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के स्वच्छता अभियान का कोई असर नहीं पड़ रहा है। प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले मिनी सचिवालय में आने वाले लोगों को शौचालय जैसी जनसुविधा के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर के श्याम सिंह, नरेंद्र, सुरेंद्र आदि का कहना है कि वे शुक्रवार को जब मिनी सचिवालय में अपना कार्य कराने के लिए गए तो वहां के शौचालयों की दशा बड़ी ही खराब दिखाई दी। बाहर से आने वाले लोगों पर इसका बुरा असर पड़ता है। अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
साभार : आज समाज 10 जनवरी 2015
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