रायबरेली। राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष व नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ जुगुल किशोर वाल्मीकि की अध्यक्षता में एक बैठक बचत भवन सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में अध्यक्ष ने शहरी व ग्रामीण इलाकों में बने ऐसे शौचालयों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए जिनसे मैला बाहर खुले में बहा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जनपद में कहीं भी मैनुअल स्कैवेंजर नहीं होना चाहिए। उन्होंने अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद को निर्देश देते हुए कहा कि सारे सफाई कर्मचारियों के खाते खुलवाएं तथा उनकों मिलने वाली धनराशि उनके खाते में सीधे भेजी जाएं। उन्होंने निर्देश दिया कि सफाई कर्मियों की बस्तियों में कैंप लगाकर सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाए।
अध्यक्ष ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सफाई कर्मियों से सम्बन्धित प्रस्तावों को पास करने के लिए कोई घूस मांगेगा तो इसमें वांछित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर उसे जेल भेजा जाएगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार जल्द ही चार लाख सफाई कर्मियों की भर्ती करेगी। सरकार ने ठेके पर कार्य करने वाले सफाई कर्मियों को 250 रुपए प्रतिदिन तथा संविदा सफाई कर्मियों को 14500 रुपए प्रतिमाह कर दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पहली सरकार है, जिसने सबसे छोटे स्तर के कर्मचारियों के विकास के लिए कार्य किया है। मुख्यमन्त्री ने सीवर में कार्य करने वाले कर्मचारियों की मृत्यु होने पर 10 लाख रुपए मुआवजा देने की घेषणा की है। ग्राम पंचायत पर एक लाख आठ हजार 848 सफाई कर्मियों को नियमित करने का कार्य उ.प्र. सरकार ने किया है।
साभार : डेली न्यूज ऐक्टिविस्ट 31 मार्च 2015
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