19-20 सितम्बर 2015 को उज्जैन के सरकारी बालिका स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सामाजिक मुद्दों एवं पर्यावरणीय समस्याओं पर एक राष्ट्रीय स्तर की गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस सेमिनार में सभी अकादमिक, शोधार्थी, व्यवसायी भाग ले सकते हैं।
इस महाविद्यालय की स्थापना 1958 में हुई थी। अपनी स्थापना के बाद से ही यह मालवा अंचल में बालिका शिक्षा का महत्वपूर्ण केन्द्र बन गया। आज के दौर में विकसित बनने की चाहत में हम प्राकृतिक संसाधनों का अत्यंत दोहन कर रहे हैं जिससे की प्रकृति का असंतुलन बढ़ रहा है और जीव-जन्तुओं का अस्तित्व भी खतरे में है जिससे कि मनुष्य के जीवन पर भी खासा प्रभाव पड़ रहा है। विश्व के बहुत से देशों में पर्यावरण संकट गरीबी और अज्ञानता की वजह से भी उभर रही हैं।
चूँकि पर्यावरण को दुरुस्त रखने का दायित्व सभी देशों का है इसलिए गोष्ठी में इससे सम्बन्धित समाधानों पर चर्चा की जाएगी। विश्वभर में पर्यावरण के लिए लोगों को जागरुक करने का प्रयास भी किया जाएगा। यह सेमिनार सभी सम्भव रास्तों को सामने लाने के लिए उचित मंच प्रदान करेगा ताकि हमारा पर्यावरण सुधर सके। चुने गए दो सर्वश्रेष्ठ पेपर को पुरस्कृत किया जाएगा।
सेमिनार के विषय
सेमिनार में निम्न विषयों पर चर्चा की जाएगी:-
1. मानव स्वास्थ्य एवं प्रदूषण,
2. जैव विविधता व प्रदूषण,
3. वैश्विक जलवायु परिवर्तन व उसका पर्यावरण पर प्रभाव,
4. पर्यावरण संरक्षण व अन्तरराष्ट्रीय कानून,
5. सामाजिक समस्याएँ व पर्यावरण,
6. पर्यावरण-मित्र तकनीकें व उसके प्रभाव,
7. पर्यावरण मुद्दे, नातियाँ व उनका क्रियान्वयन,
8. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का प्रभाव,
9. पर्यावरण संरक्षण अधिनियम एवं अन्य सम्बन्धित अधिनियम
10. हरित तकनीक व हरित रसायन
11. प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में समाज की भूमिका
पंजीकरण राशि व कार्यक्रम से सम्बन्धित अधिक जानकारी के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक को देखें
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